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Air Pollution: वायु प्रदूषण बढ़ने पर सांस रोगियों की मुसीबत बढ़ी, गाजियाबाद में दो की मौत

बढ़ते वायु प्रदूषण ने गाजियाबाद में सांस के मरीजों की मुसीबत बढ़ा दी है। सरकारी और निजी अस्पतालों की ओपीडी में सांस और दमा के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। शुक्रवार को ही दो मरीजों की मौत हो गई। डॉक्टरों का कहना है कि ऐसे मरीजों को वायु प्रदूषण बढ़ने पर अधिक सावधानी और सतर्कता बरतने की जरूरत है।

By Madan Panchal Edited By: Geetarjun Updated: Sat, 19 Oct 2024 10:14 PM (IST)
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वायु प्रदूषण बढ़ने पर सांस रोगियों की मुसीबत बढ़ी, गाजियाबाद में दो की मौत
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। शहर की हवा खराब होने के साथ ही सांस के रोगियों की मुसीबत बढ़ने लगी है। सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों की ओपीडी में सांस और दमा के रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। जिला एमएमजी अस्पताल द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार कैलाशनगर के रहने वाले 65 वर्षीय देशराज की उपचार के दौरान मौत हो गई।

सीएमएस के अनुसार देशराज सीओपीडी का मरीज था। इसके अलावा कैलाश नगर के रहने वाले 36 वर्षीय राजू को इमरजेंसी में मृत घोषित किया गया है। राजू भी टीबी और सांस का मरीज था। इसके अलावा रेलवे स्टेशन साहिबाबाद से 24 वर्षीय अमित को मृतावस्था में लाया गया।

कितने मरीज पहुंचे अस्पताल

ओपीडी में शुक्रवार को कुल 2247 मरीज पहुंचे। इनमें बुखार के 539 और सांस व बुखार की शिकायत पर 392 बच्चे पहुंचे। इमरजेंसी में सांस के 23 मरीज पहुंचे। 42 मरीजों में 34 का चेस्ट एक्स-रे कराया गया। संयुक्त अस्पताल की ओपीडी में कुल 834 मरीज पहुंचे। इनमें 88 बीमार बच्चे शामिल हैं। 45 बच्चों समेत 312 लोगों ने एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाई है।

मरीजों को बरतनी चाहिए सावधानी

क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) फेफड़ों और वायुमार्ग की बीमारी है, जो सांस को रोकता है। सीओपीडी वाले लोगों में वायुमार्ग में सूजन और निशान होते हैं, उनके फेफड़ों में वायु थैलियों को नुकसान होता है या दोनों होते हैं। वातस्फीति और क्रोनिक ब्रोंकाइटिस दोनों सीओपीडी के रूप हैं। ऐसे मरीजों को वायु प्रदूषण बढ़ने पर अधिक सावधानी और सतर्कता बरतने की जरूरत है। बिना मास्क लगाए घर से नहीं निकलना चाहिए। -डॉ. आशीष अग्रवाल, पल्मोनालॉजिस्ट

लोनी की हवा सबसे जहरीली

जिले में लोनी की हवा सबसे अधिक जहरीली हो गई है। शुक्रवार को लोनी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) बेहद खराब श्रेणी में 324 दर्ज किया गया। बेहद खराब श्रेणी में हवा देख नगर पालिका परिषद ने डीएलएफ भड़ाना ग्रुप के पास खुले में निर्माण सामग्री बेचने वालों पर 90 हजार का जुर्माना लगाया। साथ ही लाखों की निर्माण सामग्री भी जब्त की।

वहीं, 258 एक्यूआई के साथ जिले की हवा खराब श्रेणी में दर्ज की गई। ग्रेप (GRAP) लागू होने पर जिले में लोनी की हवा सबसे अधिक खराब हो गई है। यह इलाका प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सबसे प्रदूषित क्षेत्रों में भी शामिल है। औद्योगिक इकाइयों, निर्माण गतिविधियों और सड़कों पर उड़ती धूल को प्रदूषण बढ़ने का मुख्य कारण माना जाता है।

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प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और अन्य विभागों के अधिकारी प्रदूषण की रोकथाम करने में फेल साबित हो रहे हैं। मानकों का उल्लंघन करने वाले इक्का-दुक्का लोगों पर ही जुर्माना लगाकर खानापूरी की जा रही है। जिससे लोगों को प्रदूषण की मार झेलनी पड़ रही है।

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