Ghaziabad Name Change: गाजियाबाद जिले का नाम बदलने के खिलाफ क्यों है सपा और कांग्रेस? बताई ये वजह
गाजियाबाद नगर निगम की बोर्ड बैठक में यह प्रस्ताव मंगलवार को पार्षद संजय सिंह की ओर से आया था इसके बाद कार्यकारिणी उपाध्यक्ष के कहने पर महापौर सुनीता दयाल ने खुद इस प्रस्ताव को सदन में रखा। जिसमें 98 पार्षदों ने एकमत से इस प्रस्ताव को अपना समर्थन दिया कांग्रेस पार्षद अजय शर्मा और सपा पार्षद आदिल मलिक इसके खिलाफ रहे।
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क्या बोले नेता?
एक तरफ नगर निगम फंड की कमी से जूझ रहा है, दूसरी तरफ नगर निगम ऐसा प्रस्ताव पास कर रहा है। नाम बदलने पर 350 करोड़ रुपये खर्च होंगे, यह गलत है। इस रुपये से शहर में विकास कार्य कराए जा सकते हैं। इस वजह से हम इस प्रस्ताव का विरोध करते हैं।
- अजय शर्मा, पार्षद कांग्रेस
गाजियाबाद का नाम बदलने से लोगों का दिमाग बदल जाएगा, संस्कृति बदल जाएगी। मन की भावना बदल जाएगी, गाजीउद्दीन ने नाम रखा है, भाजपा जो जिले का नाम बदलने का काम कर रही है, यह गलत है। हम इसका पुरजोर तरीके से विरोध करते हैं। यदि जिले का नाम बदला जाता है तो 300 करोड़ रुपये से अधिक खर्च होंगे।
- आदिल मलिक, पार्षद सपा
यह भाजपा के स्टंट हैं। यह सब प्रायोजित हैं यह बस नाम बदलने का काम कर रहे हैं। यह महंगी शिक्षा, चिकित्सा, बेरोजगार, किसान, युवा और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कोई काम नहीं किया। इस सरकार ने नाम बदलने के अलावा कोई काम नहीं किया।
- बिजेंद्र यादव, प्रदेश महासचिव व जिलाध्यक्ष, कांग्रेस।
गाजियाबाद का नाम बदलने के प्रस्ताव का हम विरोध करते हैं। दूसरों के किए गए कार्याें को अपना बनाने के लिए भाजपा द्वारा नाम बदलने का काम किया जाता है, यह गलत है। नाम बदलने में जो खर्च आता है, उसका इस्तेमाल यदि शहर के विकास कार्य के लिए किया जाए तो बेहतर होगा।
- फैसल हुसैन, जिलाध्यक्ष, सपा