श्मशान घाट पर लोगों की भीड़ को देखकर एक किसान ने दान कर दी अपनी करोड़ों की जमीन, पढ़ें पूरी स्टोरी
करहैड़ा निवासी एक किसान ने श्मशान घाट के लिए अपनी 1500 गज जमीन नगर निगम को दान देकर मिसाल पेश की है। इस जमीन पर नगर निगम ने 10 प्लेटफार्म बनाने के साथ लकड़ी की व्यवस्था कर कोरोना संक्रमण से मरने वालों का अंतिम संस्कार करना शुरू कर दिया है।
By Vinay Kumar TiwariEdited By: Updated: Wed, 05 May 2021 03:42 PM (IST)
साहिबाबाद, [धनंजय वर्मा]। कोरोना संक्रमण के इस दौर में जिसको जिस तरह से हो पा रहा है वो लोगों की मदद कर रहे हैं। ऐसे में साहिबाबाद के करहैड़ा गांव से एक प्रेरक सूचना मिली। यहां एक किसान को श्मशान घाट पर लोगों की लगने वाली लाइन और समय ने इतना दुखी किया कि उन्होंने अपनी करोड़ों रूपये कीमत की जमीन श्मशान बनाने के लिए दान कर दी। किसान ने अपनी जमीन निगम को दे दी है और वहां पर 10 प्लेटफार्म बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। यहां पर कोरोना से मृत होने वालों का संस्कार किया जाएगा। दिल्ली-एनसीआर में ये अपनी तरह का पहला मामला होगा जब किसी किसीन ने अंतिम संस्कार के लिए अपनी जमीन ही दान कर दी हो।
पेश की मिसाल करहैड़ा निवासी एक किसान ने श्मशान घाट के लिए अपनी 1500 गज जमीन नगर निगम को दान देकर मिसाल पेश की है। इस जमीन पर नगर निगम ने 10 प्लेटफार्म बनाने के साथ लकड़ी की व्यवस्था कर कोरोना संक्रमण से मरने वालों का अंतिम संस्कार करना शुरू कर दिया है।
करहैड़ा गांव के किसान है सुशील
सुशील कुमार निर्वाण एक किसान हैं। वह परिवार के साथ करहैड़ा गांव में रहते हैं। उनका कहना है कि कोरोना संक्रमण से रोजाना लोगों की मौत हो रही है। हिंडन श्मशान घाट पर लोगों को शव का अंतिम संस्कार करने के लिए 10-10 घंटे तक इंतजार करना पड़ रहा है। वहीं, कई लोगों को वापस लौटा दिया जा रहा है। संकट की इस घड़ी में लोग अपनों को खोने के बाद सही से अंतिम संस्कार तक नहीं कर पा रहे हैं। यह सब देख वह बहुत दुखी हुई।
श्मशान के लिए निगम को दे दी 1500 गज जमीन उन्होंने नूरनगर स्थित अपनी 1500 गज जमीन को श्मशान घाट बनाने के लिए नगर निगम को देने का फैसला लिया। घरवालों की सहमति मिलते ही उन्होंने नगर निगम को पत्र लिखकर अपनी जमीन दान दे दी। उनका कहना है कि मुश्किल घड़ी में जो जिस लायक है हर किसी की मदद करें। अपर नगर आयुक्त प्रमोद कुमार का कहना है कि सुशील निर्माण के जमीन की जांच की गई तो सभी कागजात सही मिले। उन्होंने 1500 गज जमीन नूरनगर में श्मशान घाट के लिए दान दी है। यहां पर कुछ जमीन नगर निगम की भी है। अभी यहां पर लकड़ी का इंतजाम कर कोरोना संक्रमण से मरने वालों का अंतिम संस्कार शुरू कर दिया गया है। अभी 10 प्लेटफार्म बनाए गए हैं। आगे का काम चल रहा है।
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