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Ghaziabad: डासना जेल से सामने आई कैदियों की हैरान करने वाली रिपोर्ट; AIDS, हेपेटाइटिस और STD के मिले मरीज

उत्तर प्रदेश एड्स नियंत्रण सोसायटी के निर्देश पर आठ से 14 दिसंबर तक स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिला कारागार डासना में स्क्रीनिंग कैंप का आयोजन किया गया। सात दिवसीय स्क्रीनिंग कैंप के दौरान कुल 4308 जेल बंदियों में से 4050 की स्क्रीनिंग हुई। सबसे अधिक हेपेटाइटिस-सी के 49 और हेपेटाइटिस बी के 18 रोगी मिले। सभी मरीजों का इलाज शुरू कर दिया गया।

By Madan PanchalEdited By: Sonu SumanUpdated: Sat, 16 Dec 2023 01:43 PM (IST)
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गाजियाबाद के जिला जेल में एड्स के सात मरीज पाए गए।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश एड्स नियंत्रण सोसायटी के निर्देश पर आठ से 14 दिसंबर तक स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिला कारागार, डासना में स्क्रीनिंग कैंप का आयोजन किया गया। सात दिवसीय स्क्रीनिंग कैंप के दौरान कुल 4308 जेल बंदियों में से 4050 की स्क्रीनिंग हुई।

सीएमओ डॉ. भवतोष शंखधर ने बताया कि स्क्रीनिंग के दौरान जिला कारागार में एसटीडी (सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज), एचआईवी (ह्युमन इम्यूनो डिफिशिएंसी वायरस), टीबी (क्षय रोग) तथा हेपेटाइटिस की जांच की गई। जांच के दौरान सात जेल बंदी एचआईवी (एड्स) पॉजिटिव मिले, इनमें एक महिला बंदी भी शामिल है।

सबसे अधिक हेपेटाइटिस-सी के 49 और हेपेटाइटिस बी के 18 रोगी मिले। एक जेल बंदी एसटीडी पीड़ित भी मिला। सभी का उपचार शुरू कर दिया गया है। लगाए गए सात दिवसीय जांच शिविर में स्वास्थ्य विभाग की ओर से काउंसलर बिहारी ठाकुर, राहुल वर्मा, रेणु यादव और सुमन चौधरी के अलावा लैब टेक्नीशियन जयकेश यादव, नवाब, ललित चौधरी और अवनीश की डयूटी लगाई गई थी।

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सभी मरीजों का इलाज शुरू

इस दौरान जेल बंदियों की स्क्रीनिंग और जांच के साथ ही जरूरत के हिसाब से काउंसलिंग और उपचार भी प्रदान किया गया। इस दौरान एचआईवी, टीबी, हेपेटाइटिस और एसटीडी से बचाव के बारे में जेल बंदियों को जागरूक किया गया।उन्हें बताया गया कि एचआईवी रोगी को छूने, साथ उठने -बैठने और खाने -पीने से यह रोग नहीं फैलता। इस रोग का संचार शरीर से निकलने वाले दृव्य या रक्त के संपर्क में आने से, असुरक्षित यौन संबंधों से, संक्रमित द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली सुई (निडिल) या ब्लेड आदि से हो सकता है।

एसटीडी को जानें

एक यौन संचारित संक्रमण है, यह बैक्टीरिया ट्रेपोनिमा पैलिडम के कारण होता है। शुरुआत में संक्रमण वाले स्थान पर दर्द रहित घाव होता है, दूसरे चरण में दाने, बुखार, थकान, सिरदर्द और भूख में कमी की शिकायत होती है। सीरोलॉजिकल परीक्षण के जरिए इस रोग की जांच की जाती है। हेपेटाइटिस में लिवर में सूजन आ जाती है और रोगी को पीलिया हो जाता है। इसके लक्षणों में पेशाब का रंग बदलना, बहुत अधिक थकान, उल्टी या जी मिचलाना, पेट में दर्द और सूजन, खुजली, भूख न लगना और अचानक वजन कम होना आदि शामिल हैं।

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