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देशभर में जूते-सैंडल पर लगेगी रोक, महिलाओं की सैंडल के हील की ऊंचाई होगी तय; सामने आई बड़ी वजह

Indian Standards Bureau अब कोई भी कंपनी अपनी इच्छा के अनुसार जूते-सैंडल का डिजाइन बनाकर बाजार में नहीं बेच सकेगी। मानक के अनुसार ही जूते सैंडल के डिजाइन बनेंगे। सैंडल की हील की ऊंचाई भी तय मानक के अनुसार होगी। गाजियाबाद स्थित भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) में इसकी टेस्टिंग चल रही है। आगामी छह माह में नियम अनिवार्य कर दिए जाएंगे।

By Hasin Shahjama Edited By: Geetarjun Published: Mon, 24 Jun 2024 11:49 PM (IST)Updated: Mon, 24 Jun 2024 11:49 PM (IST)
घुटने में दर्द का कारण बन रहे जूते-सैंडल पर देशभर में लगेगी रोक।

हसीन शाह गाजियाबाद। अब कोई भी कंपनी अपनी इच्छा के अनुसार, जूते-सैंडल का डिजाइन बनाकर बाजार में नहीं बेच सकेगी। मानक के अनुसार ही जूते सैंडल के डिजाइन बनेंगे। सैंडल की हील की ऊंचाई भी तय मानक के अनुसार होगी। गाजियाबाद स्थित भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) में इसकी टेस्टिंग चल रही है।

आगामी छह माह में नियम अनिवार्य कर दिए जाएंगे। एक्सपर्ट के अनुसार, घुटने और कमर के दर्द में जूते और सैंडल का डिजाइन भी जिम्मेदार होते हैं।

साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र साइट-चार स्थित बीआईएस शाखा में विज्ञान विषय के विद्यार्थियों को जूतों के मानकों व टेस्टिंग के बारे में बताते विशेषज्ञ। सौ. बीआईएस

बिना मानक के बेचे जा रहे जूते-सैंडिल

मानव जीवन के लिए खतरा पैदा करने वाले उत्पादों के बीआईएस मानक निर्धारित करता है। मानक बनाने से पहले एक्सपर्ट द्वारा उसकी टेस्टिंग की जाती है। अभी तक जूते, चप्पल, सैंडल के मानक अनिवार्य नहीं है। विभिन्न कंपनी रजिस्ट्रेशन कराने के बाद जूते, चप्पल व सैंडल बनाकर बेच रही हैं। जूते के डिजाइन आदि भी कंपनी ही तय कर लेती थी।

कई बार लोग ज्यादा समय तक चलने वाला जूता और चप्पल देखकर खरीदते हैं। ग्राहक यह ध्यान नहीं देते हैं कि इसका स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ेगा। स्वास्थ्य से जुड़े विशेषज्ञों ने इस पर अनुसंधान किया तो पता चला कि जूते और सैंडल के डिजाइन और उसमें प्रयोग सामग्री का स्वास्थ्य पर काफी असर पड़ता है। कई खतरनाक केमिकल का प्रयोग किया जाता है। जिसका स्किन पर भी असर पड़ता है।

बीआईएस के सहायक मानक संवर्धन सलाहकार आयुष ने बताया कि बीआईएस द्वारा मानकों को अनिवार्य करने के लिए टेस्टिंग की जा रही है। छह माह में टेस्टिंग पूरी होने के बाद इसे देशभर में अनिवार्य कर दिया जाएगा। विज्ञान विषय के छात्र-छात्राओं को भी वह टेस्टिंग की विजिट करा रहे हैं। जिससे वह भी इसके बारे जान सकें।

कीमत पर पड़ेगा असर

कंपनियों को अनिवार्य रूप से जूते-चप्पल बनाने में मानकों का पालन करना ही पड़ेगा। ऐसे में जूते, चप्पल, सैंडल की कीमत बढ़ सकती है। हालांकि स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। फुटपाथ, साप्ताहिक बाजार, और गली-मोहल्ले की दुकानों पर मानक चिह्न वाले जूते और सैंडल मिलेंगे।

चोरी-छिपे बनाने वाली कंपनियों पर होगी छापेमारी

मानक अनिवार्य होने के बाद बिना मानक के चोरी-छिपे जूते, चप्पल, सैंडल बनने वाली फैक्ट्रियों में बीआइएस की टीम छापेमारी करना शुरू करेगी। यह कार्रवाई देश के सभी हिस्सों में होगी। लोग बीआइएस की वेबसाइट और ऐप पर भी शिकायत कर सकेंगे।

ग्राहक खुद कर सकेंगे जांच

जूते और सैंडल पर सत्यापित लाइसेंस नंबर होगा। इसमें आईएसआई मार्क के साथ उत्पाद की प्रामाणिकता की जांच कर सकते हैं। इसके लिए आपको गूगल प्ले स्टोर से बीआईएस केयर ऐप मोबाइल में इंस्टाल करना होगा। ऐप पर नंबर लिखते ही जूते का पूरा विवरण निकल जाएगा। वहीं, ऐप पर ही उत्पाद की गुणवत्ता के संबंध में बीआईएस मानक चिह्नों के गलत प्रयोग करने की शिकायत कर सकते हैं। जिसके बाद बीआइएस की ओर से कार्रवाई की जाएगी।


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