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Ghaziabad News: ऑनलाइन देश-विदेश में बेच रहे थे नींद और बेहोशी की दवाइयां, एक करोड़ से ज्यादा का था टर्नओवर

गाजियाबाद पुलिस ने अवैध नशीली दवाइयों के कारोबार का भंडाफोड़ करते हुए दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है। गिरोह का सरगना अभी फरार है। गिरोह नशा करने वालों को नशीली दवाई की आपूर्ति 2018 से कर रहा था। साल में इनका एक करोड़ से ज्यादा कारोबार होता था। पुलिस ने नौ प्रकार की 20 लाख कीमत की दवाइयां सात मोबाइल दो कम्प्यूटर एक प्रिंटर बरामद किए हैं।

By prabhat pandey Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Thu, 26 Sep 2024 11:40 AM (IST)
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इंदिरापुरम थाना पुलिस द्वारा गिरफ्तार आरोपित व बरामद सामान। फोटो सौ. पुलिस

जागरण संवाददाता, साहिबाबाद। इंदिरापुरम कोतवाली पुलिस ने ऑनलाइन अवैध नशीली दवाइयों का कारोबार करने वाले दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है। गिरोह का सरगना फरार है। गिरोह नशा करने वालों को नशीली दवाई की आपूर्ति 2018 से कर रहा था।

पुलिस ने नौ प्रकार की 20 लाख कीमत की दवाइयां, सात मोबाइल, दो कम्प्यूटर, एक प्रिंटर बरामद की हैं।अफीक्री देश के भी पुलिस को दो ऑर्डर मिले हैं। कहां कहां और किन लोगों को आपूर्ति की जाती थी पुलिस इसकी जांच कर रही है।

मकान में चल रहा काला कारोबार

सहायक पुलिस आयुक्त इंदिरापुरम स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया कि पकड़े गए आरोपित क्रॉसिंग रिपब्लिक का जोगिंद्र सिंह और खजूरी खास पूर्व दिल्ली का अंकुश गोयल हैं। पुलिस को सूचना मिली थी कि नशीली दवाइयों को बेचने वाला गिरोह वसुंधरा सेक्टर एक में मकान में कारोबार कर रहा है।

पुलिस की टीम ने छापा मारकर दोनों को पकड़ा। पूछताछ में दोनों ने बताया कि एक फर्म ओमसी सर्विस के नाम से बनाई है। जीएसटी रजिस्टर्ड भी कराया हुआ है। फर्म के आधार पर ऑनलाइन हेल्थ कार्ट. इन के नाम से वेबसाइट बनाकर भारत और अफ्रीकी देशों से ऑर्डर लेते हैं।

ऑर्डर के आधार पर संंबंधित व्यक्ति से संपर्क करते थे। फिर उससे वाट्सएप पर बातचीत कर उससे पता लेते थे। उस पते पर नशीली दवाइयों की खेप की देश विदेश तक आपूर्ति करते थे। यह लोग एक फार्मा कंपनी के नाम पर दवाइयां क्रय करते थे।

इस संबंध में उनसे लाइसेंस मांगा गया। वह लाइसेंस नहीं दिखा सके। उनके खिलाफ इंदिरापुरम कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। गिरोह का सरगना संदीप गोयल फरार है। यह मकान उसकी के नाम पर था। जांच में आया है कि वह 2018 में कविनगर से रंगदारी के मामले में जेल जा चुका है।

2018 से चल रहा है कारोबार

सहायक पुलिस आयुक्त इंदिरापुरम ने बताया कि पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि 2018 से यह लोग इन दवाओं काकारोबार कर रहे हैं। दो साल से यह लोग वसुंधरा से कारोबार चला रहे थे। इसके पहले दिल्ली से कारोबार का संचालन हो रहा था।

नहीं था दवाई खरीदने व बेचने का लाइसेंस

साल में एक करोड़ से अधिक की दवाइयां बेचते थे। यह दवाइयां बिना डाक्टर की सलाह के नहीं दी जा सकती हैं। ऐसी दवाएं नशे के रूप में प्रयोग की जाती हैं। पुलिस को कई अहम साक्ष्य मिले हैं।

जिनपर पुलिस काम कर रही है। पता लगा रही है कि कौन कौन लोग इनके संपर्क में थे। किसे सप्लाई की जा रही थी। स्कूल, कालेज, और युवाओं को तो नशे की लत के लिए यह दवाइयां आपूर्ति नहीं कर रहे थे।

सरगना की तलाश में पुलिस

सहायक पुलिस आयुक्त इंदिरापुरम ने बताया कि सरगना संदीप गोयल फरार हो गया। उसे पकड़ने के लिए जगह-जगह दबिश दी जा रही है। उसने मोबाइल भी बंद कर लिया है। उसके नंबर की लोकेशन ट्रेस की जा रही है। उसके पकड़े जाने पर कई अहम जानकारियां पुलिस को मिलेंगी।