Move to Jagran APP

UP By-Election: सपा-कांग्रेस के बीच बन गई बात? गाजियाबाद सीट को लेकर बढ़ी सरगर्मी, 20 साल बाद अखिलेश साधेंगे नई रणनीति

गाजियाबाद शहर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। भाजपा लगातार दो बार से इस सीट पर जीत हासिल कर रही है लेकिन इस बार उसे अपनी जीत बचाने के लिए कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। सपा-कांग्रेस गठबंधन इस बार इस सीट पर अपना प्रत्याशी उतार सकता है। ऐसे में मुकाबला काफी रोचक होने वाला है।

By Abhishek Singh Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Tue, 22 Oct 2024 12:38 PM (IST)
Hero Image
राहुल गांधी और अखिलेश यादव की फाइल फोटो। सौ.- जागरण

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। सियासी मैदान में एक - दूसरे को घेरने के लिए राजनीतिक दलों ने चक्रव्यूह तैयार कर लिया है। अब तक प्रत्याशियों के नाम की घोषणा न करना इस चक्रव्यूह का ही एक प्रमुख हिस्सा रहा है। अब वह समय आ गया है, जब प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर सियासी रण का शंखनाद राजनीतिक दलों द्वारा किया जाएगा। आज या कल में सभी प्रमुख पार्टी के प्रत्याशी घोषित किए जा सकते हैं।

भाजपा के सामने अपना मजबूत किला बचाने की चुनौती

56- गाजियाबाद के नाम से जानी जाने वाली गाजियाबाद शहर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में लगातार दो बार से जीत हासिल करने वाले भाजपा के सामने अपना किला मजबूत बनाए रखने की चुनौती है।

इसके लिए हर कदम सोच - समझकर ही रखने की तैयारी है, सियासी मैदान में उतरने से पहले भाजपा ने विपक्षी दल की चाल को भांपने के लिए ही अब तक प्रत्याशियों के नाम की घोषणा नहीं की है। जबकि इस सीट पर चुनाव लड़ने के लिए 18 अक्टूबर से नामांकन शुरू हो चुके हैं, नामांकन की अंतिम तिथि 25 अक्टूबर है।

यह भी जानिए-

  • विधायक चुनने के लिए 506 मतदेय स्थलों पर 4.61 लाख मतदाता मतदान करेंगे।
  • विधानसभा सीट उपचुनाव के लिए 13 नवंबर को मतदान होगा।
  • 23 नवंबर को मतगणना के बाद परिणाम घोषित किए जाएंगे।

रणनीति के तहत अभी तक नहीं उतारे प्रत्याशी

चार दिन का समय शेष है, लेकिन अब तक भाजपा के साथ ही कांग्रेस, सपा, बसपा ने भी प्रत्याशी के नाम घोषित नहीं किए। बसपा ने पीएन गर्ग को प्रभारी बनाया है, उन्होंने नामांकन के लिए पत्र भी खरीद लिया है। माना जा रहा है कि बसपा से पीएन गर्ग प्रत्याशी हो सकते हैं, लेकिन आधिकारिक तौर पर प्रत्याशी के नाम की घोषणा बाकी है।

वह वैश्य समाज से आते हैं, इस सीट पर पिछले दो बार से वैश्य समाज से आने वाले भाजपा नेता अतुल गर्ग ने जीत हासिल की है। ऐसे में भाजपा सियासी मैदान में उतरने से पहले इस बार जातीय समीकरण भी साधने की कोशिश कर रही है, जिससे कि किसी प्रकार का नकारात्मक संदेश मतदाताओं के बीच न पहुंचे।

20 साल बाद सपा उतार सकती है प्रत्याशी

वहीं, अब तक इस सीट पर सपा - कांग्रेस गठबंधन के तहत कांग्रेस का प्रत्याशी उतरने की संभावना थी, लेकिन अब चर्चा है कि कांग्रेस ने उपचुनाव में उतरने के बजाय सपा को ही इस सीट पर लड़ाने के लिए अंदरखाने सहमति दी है। यदि ऐसा होगा तो 20 साल बाद सपा को इस सीट पर जीत हासिल करने के लिए ऐसे चेहरे को प्रत्याशी बनाना पड़ेगा, जो कि जातीय समीकरण साधने के साथ ही भाजपा के विजय रथ को रोक सके।

अब तक 13 ने लिया नामांकन पत्र

गाजियाबाद शहर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए सोमवार को दो प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र लिया है। इनमें राष्ट्रीय जन लोक पार्टी से धर्मेंद्र सिंह और निर्दलीय प्रत्याशी मिथुन जायसवाल शामिल हैं। इससे पहले 18 अक्टूबर को छह, 19 अक्टूबर को पांच नामांकन पत्र खरीदे गए थे। अब तक कुल 13 प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र खरीद लिए हैं।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।