Move to Jagran APP

मुंबई और नागपुर से भी जुड़ रहे डासना देवी मंदिर के बाहर से पकड़े गए संदिग्धों के तार, मतांतरण के लिए कुख्यात संगठनों से कनेक्शन

मसूरी थाना क्षेत्र के डासना देवी मंदिर में दो जून की रात घुसे संदिग्ध विपुल विजयवर्गीय व कासिफ बेहद शातिर किस्म के हैं। विपुल विजयवर्गीय नागपुर के एक कट्टरपंथी संगठन से जुड़ा है। मतांतरण कराने के लिए कुख्यात इस संगठन के तार देश के विभिन्न हिस्सों से जुड़े हैं।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Updated: Mon, 14 Jun 2021 12:26 PM (IST)
Hero Image
मसूरी थाना क्षेत्र के डासना देवी मंदिर में दो जून की रात दो संदिग्धों को पकड़ा गया था।
गाजियाबाद, [आशुतोष गुप्ता]। मसूरी थाना क्षेत्र के डासना देवी मंदिर में दो जून की रात घुसे संदिग्ध विपुल विजयवर्गीय व कासिफ बेहद शातिर किस्म के हैं। विपुल विजयवर्गीय नागपुर के एक कट्टरपंथी संगठन से जुड़ा है। मतांतरण कराने के लिए कुख्यात इस संगठन के तार देश के विभिन्न हिस्सों से जुड़े हैं। जांच में सामने आया है कि विपुल ने कासिफ की बहन आयशा से शादी के बाद से ही मतांतरण की मुहिम छेड़ दी थी। कई बार विभिन्न माध्यमों से अपील करने के साथ साथ वह लोगों का ब्रेनवॉश भी कर चुका है।

खुफिया विभाग अब यह पता करने की कोशिश में जुटा है कि विपुल अब तक कितने लोगों का मतांतरण करा चुका है। अभी एजेंसियों को इस संबंध में पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं। शुक्रवार को जेल गए विपुल के गुरु सलीमुद्दीन के भी मतांतरण में शामिल होने का अंदेशा है। पुलिस ने सलीमुद्दीन का कोर्ट से रिमांड मांगा है। रिमांड मंजूर होने के बाद उससे नए सिरे से पूछताछ होगी। मुंबई में रहने वाले मौलाना मुंजीर ने विपुल का संपर्क सलीमुद्दीन से कराया था और विपुल ने गाजियाबाद आकर सलीमुद्दीन से पैरामेडिकल व उर्दू की तालीम ली थी। सलीमुद्दीन व विपुल के ससुर पूर्व में एक कट्टरपंथी संगठन के पदाधिकारी रह चुके हैं। ऐसे में सलीमुद्दीन की भूमिका अधिक संदिग्ध मानी जा रही है। दो जून को विपुल व कासिफ को मंदिर में जाने के लिए सलीमुद्दीन ने ही उकसाया था।

एजेंसियों के रडार पर हैं विपुल के करीबी

विपुल, कासिफ व सलीमुद्दीन के करीबियों को खुफिया एजेंसियों ने रडार पर लिया है। नागपुर के संगठन जिनसे विपुल जुड़ा हुआ है उसके लिंक की भी तलाश की जा रही है। जांच एजेंसियां नागपुर के अलावा मुंजीर से पूछताछ करने मुंबई भी जा सकती हैं।

रिमांड अवधि बढ़ने से बड़ी साजिश का अंदेशा कोर्ट ने सात जून को विपुल व कासिफ की पांच दिन के कस्टडी रिमांड की अर्जी मंजूर की थी। यह अवधि 12 जून को समाप्त होनी थी लेकिन लेकिन शुक्रवार को सलीमुद्दीन की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने कोर्ट से रिमांड की अवधि 15 जून तक बढ़वा ली। इससे अंदेशा जताया जा रहा है कि खुफिया एजेंसियों के हाथ ऐसी जानकारी लगी है, जिसके चलते पूछताछ के लिए उन्हें अभी और समय चाहिए।

इन सवालों के इर्द-गिर्द चल रही है पूछताछ

मंदिर के गेट पर बोर्ड लगा है कि यहां मुस्लिमों का प्रवेश वर्जित है इसके अलावा पुलिसकर्मियों ने कहा कि महंत यति नरसिंहानंद मंदिर में नहीं है, इसके बाद भी आरोपित मंदिर में क्यों गए?

- विपुल ने रजिस्टर में अपनी एंट्री तो सही नाम से की लेकिन कासिफ का नाम काशी गुप्ता क्यों लिखा?

- 27 मई से विपुल विजयवर्गीय गाजियाबाद था, वह दिन में मंदिर में क्यों नहीं आया, मंदिर में आने के लिए रात का समय ही क्यों चुना?

- छह घंटे तक वह किताब की दुकान पर क्यों रुके रहे, आखिर शाम होने का इंतजार वह क्यों कर रहे थे?

- वह मंदिर परिसर में तब ही क्यों घुसे जब महंत यति नरसिंहानंद पूजा-पाठ में तल्लीन होते हैं? और बिना सुरक्षा के होते हैं?

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।