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Lok Sabha Election 2024: एनसीआर के IT सेक्टर से जुड़े लोगों पर BJP की नजर, सुनील कुमार शर्मा को मिली बड़ी जिम्मेदारी

साहिबाबाद विधायक सुनील कुमार शर्मा को मंगलवार को इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग मिलने के बाद सियासी गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया। कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा ने इस कदम से आइटी सेक्टर के लोगों को साधने की जुगत लगाई है। गौतमबुद्ध नगर गाजियाबाद गुरुग्राम और फरीदाबाद आइटी हब के रूप में जाने जाते हैं।

By Avaneesh kumar Mishra Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Wed, 13 Mar 2024 10:03 AM (IST)
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साहिबाबाद विधायक सुनील कुमार शर्मा मिला इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग

अवनीश मिश्र, साहिबाबाद। उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाए गए साहिबाबाद विधायक सुनील कुमार शर्मा को मंगलवार को इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग मिलने के बाद सियासी गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया। सियासतबाज कहने लगे कि इससे लोकसभा चुनाव में भाजपा ने आइटी सेक्टर के लोगों को साधने की जुगत लगाई है।

आइटी सेक्टर का हब है एनसीआर

गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद आइटी हब के रूप में जाने जाते हैं। इन शहरों में आइटी सेक्टर से जुड़े लोग बड़ी संख्या में रहते हैं। सुनील कुमार शर्मा इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं।

इससे इन शहरों के आइटी सेक्टर से जुड़े लोगों की उनसे अपेक्षाएं बढ़ेंगी। उनसे आइटी सेक्टर में और बेहतरी लाने की अपेक्षा करेंगे। राजनीति के जानकारों की मानें तो भाजपा इसे वोट बैंक में बदलने की कोशिश करेगी। यदि भाजपा ऐसा करने में सफल हुई तो पार्टी को काफी फायदा होगा।

हाईराइज सोसायटी में बन सकती है पैठ

आइटी सेक्टर के ज्यादातर लोग हाईराइज सोसायटियों में रहते हैं। पिछले चुनावों के आंकड़ों की बात करें तो हाईराइज सोसायटियों के मतदाताओं का मतदान प्रतिशत काफी कम रहता है। मतदान के दिन होने वाली छुट्टी को वह अवकाश के रूप में मनाते हैं। उन्हें फ्लैटों से निकालने के लिए प्रशासन, सभी राजनीतिक दल व प्रत्याशी कोशिश करते हैं, लेकिन बहुत अधिक सफल नहीं होते हैं।

सियासतबाजों का कहना है कि सुनील कुमार शर्मा की मदद से भाजपा हाईराइज सोसायटियों में रहने वाले आइटी सेक्टर के लोगों तक पहुंचने की कोशिश करेगी। उन्हें अपने पक्ष में मतदान के लिए बाहर निकालने की जुगत करेगी। यदि ऐसा करने में भाजपा भाजपा सफल होती है तो गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत व दिल्ली में पार्टी को इसका काफी फायदा मिल सकता है।

आइटी नीति के साथ वोट बैंक बढ़ाने का लक्ष्य

प्रदेश सरकार ने आइटी सेक्टर को बढ़ाने के लिए आइटी नीति 2012 लागू की थी। इसका उद्देश्य आइटी हब के रूप में ग्रेटर नोएडा व नोएडा के अनुभवों के लाभ को पूरे प्रदेश में फैलाना था। यह नीति सफल रही है। इसी का परिणाम है कि लखनऊ में पीपीपी माडल पर 100 एकड की आइटी सिटी/आइटी नगर का निर्माण कर उसका विकास अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होना है।

इस आइटी नगर में न्यूनतम 1,500 करोड़ रुपये की लागत से लगभग 75 हजार लोगों को प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। इस नीति के क्रियान्वयन का एक लाभ यह भी है कि आगरा, मेरठ, गाजियाबाद, कानपुर व गोरखपुर में आइटी पार्क की स्थापना की प्रक्रिया में आ चुकी है।

राजनीति के जानकारों की मानें तो लोकसभा चुनाव में भाजपा इससे पूरी तरह से भुनाने की कोशिश करेगी। सुनील कुमार शर्मा गाजियाबाद के मूल निवासी होने के कारण पार्टी के इस मकसद को पूरा करने में काफी मददगार साबित हो सकते हैं। इन्हीं सभी समीकरणों की वजह से उन्हें इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग मिला है।

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