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'आप लोग घबराए मत'...हादसे के बाद सूरज ने परिवार को बंधाया था ढांढस, अब UPSC परीक्षा में लहराया परचम

UPSC Result 2023 उत्तर प्रदेश के मैनपुरी के रहने वाले दिव्यांग सूरज तिवारी ने यूपीएससी सिविल सेवा (UPSC) परीक्षा में अपना परचम लहराया है। इस सफलता के बाद सूरज के घर पर बधाई देने आने वाले लोगों का तांता लगा हुआ है।

By Abhishek TiwariEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Thu, 25 May 2023 09:54 AM (IST)
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गाजियाबाद में हुए ट्रेन हादसे में सूरज तिवारी ने गंवाए थे दोनों पैर, अब UPSC परीक्षा में लहराया परचम
गाजियाबाद, ऑनलाइन डेस्क। 'मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है।' उत्तर प्रदेश के मैनपुरी के रहने वाले दिव्यांग सूरज तिवारी ने इस पंक्ति के अर्थ को सही साबित किया है। उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा (UPSC) परीक्षा में अपना परचम लहराया है।

ट्रेन हादसे में दोनों पैर गंवाने वाले सूरज ने यूपीएससी परीक्षा में 917वीं रैंक हासिल की है। इस सफलता के बाद सूरज के घर पर बधाई देने आने वाले लोगों का तांता लगा हुआ है।

बता दें कि सूरज ने 24 जनवरी 2017 में गाजियाबाद के दादरी में हुई एक ट्रेन दुर्घटना में अपने दोनों पैरों के साथ-साथ अपने दाहिने हाथ और बाएं हाथ की दो अंगुलियों को खो दिया था। इसके बाद चार माह तक अस्पताल में रहे और करीब तीन माह तक बेड रेस्ट किया। इसके बाद भी सूरज हार नहीं मानी।

वर्ष 2018 में उन्होंने जेएनयू दिल्ली में नये सिरे से बीए में प्रवेश लिया। वहां से वर्ष 2021 में बीए पास किया और एमए के प्रवेश ले लिया। बचपन से ही होनहार सूरज तिवारी पढ़ाई के साथ यूपीएससी की तैयारी करते रहे।

बेटे की सफलता से खुश सूरज के पिता राजेश तिवारी ने बताया, "घटना के बाद भी उसका मन कभी छोटा नहीं हुआ। वह हमेशा कहता था कि आप लोग घबराए मत। सूरज जैसा बेटा हर घर में पैदा हो।"

वहीं, सूरज की मां ने बेटे की सफलता को लेकर कहा, "उसके हौसले बुलंद थे, घटना के बाद भी उसने कभी हिम्मत नहीं हारी बल्कि उसने हमें ही हौसला दिलाया कि आप चिंता मत करिए मैं बहुत पैसा कमाऊंगा।"

पहली ही बार में क्रैक किया UPSC एग्जाम

मैनपुरी के मोहल्ला घरनाजपुर निवासी सूरज तिवारी ने पहले प्रयास में यूपीएससी परीक्षा में सफलता पाई है। उनके पिता राजेश तिवारी पेशे से टेलर हैं। कपड़ों की सिलाई कर परिवार का भरण-पोषण करते हैं।

राजेश तिवारी के तीन बेटे और एक बेटी थी। बड़े बेटे राहुल तिवारी का निधन हो चुका है, जबकि छोटा बेटा राघव तिवारी बीएससी और और बेटी प्रिया बीटीसी कर रही है।

सूरज के हौसले को अखिलेश का सलाम

सूरज की सफलता की कहानी रिजल्ट जारी होने के बाद देशभर में चर्चा का विषय बनी हुई है। सूरज को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी सूरज के हौसले को सलाम करते उन्हें बधाई दी।

अखिलेश ने लिखा- "मैनपुरी के दिव्यांग सूरज तिवारी ने आईएएस की परीक्षा पहली बार में ही निकाल कर साबित कर दिया कि संकल्प की शक्ति अन्य सब शक्तियों से बड़ी होती है। सूरज की इस ‘सूरज’ जैसी उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई और उज्ज्वल भविष्य के लिए अनंत शुभकामनाएं!"

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