संदिग्धों को थी महंत की हर गतिविधि की पूरी जानकारी, पहले भी हो चुके हमले के कई प्रयास, पढ़िए पूरी कहानी
महंत नरसिंहानंद रोजाना शाम सात बजे से पौने नौ बजे तक मंदिर परिसर में हवन करते हैं। इसके बाद आरती होती है और इस समय वह अपने साथ किसी प्रकार की सुरक्षा नहीं रखते। संदिग्धों को जानकारी थी। इसके चलते वह सही पौने नौ बजे मंदिर परिसर में घुसे।
By Vinay Kumar TiwariEdited By: Updated: Thu, 03 Jun 2021 12:47 PM (IST)
गाजियाबाद, [आशुतोष गुप्ता]। डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती की हत्या के प्रयास के लिए मंदिर परिसर में घुसे दो संदिग्धों को महंत की गतिविधियों की पूरी जानकारी थी। इसके चलते ही वह ऐसे समय में मंदिर परिसर में घुसे जब महंत सुरक्षा से अलग होते हैं और पूजा-पाठ में लीन होते हैं। दरअसल, महंत नरसिंहानंद रोजाना शाम सात बजे से पौने नौ बजे तक मंदिर परिसर में हवन करते हैं। इसके बाद आरती होती है और इस समय वह अपने साथ किसी प्रकार की सुरक्षा नहीं रखते। संदिग्धों को इस बारे में जानकारी थी। इसके चलते वह सही पौने नौ बजे मंदिर परिसर में घुसे।
हालांकि महंत बुधवार को मंदिर परिसर में मौजूद नहीं थे। वह रात में एक न्यूज चैनल डिबेट के लिए अपने खास अनिल यादव के ऑफिस लालकुआं में लाइव थे। इसके चलते संदिग्धों का उनसे आमना-सामना नहीं हो पाया। इससे पहले ही संदिग्ध सेवादारों की पकड़ में आ गए।
पुलिस पर लगाया लापरवाही का आरोप
महंत के करीबियों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि महंत को लगातार कट्टरपंथी व आतंकवादी संगठन जान से मारने की धमकी दे रहे हैं और उनपर इनाम की घोषणा की गई है। इसके बावजूद पुलिस उनकी सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है। मंदिर परिसर की सुरक्षा के लिए एक गारद तैनात की गई है। पुलिसकर्मियों से निवेदन किया गया कि मंदिर परिसर में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की सघन जांच की जाए। लेकिन इसके बावजूद संदिग्ध सर्जिकल ब्लेड व आपत्तिजनक दवाएं लेकर मंदिर परिसर में घुस गए। यहां पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगा है।
महंत की हत्या के लिए जैश के आतंकी ने दी थी सुपारी
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 15 दिन पहले डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती की हत्या के लिए आ रहे आतंकी कश्मीर निवासी जान मोहम्मद डार उर्फ जहांगीर को गिरफ्तार किया था। वह भी पाकिस्तान में बैठे जैश के एक आतंकी के कहने पर आया था। इससे पूर्व में भी यति पर हमले के कई बार असफल प्रयास हो चुके हैं।
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