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Lok Sabha Election 2024: दिग्गजों के मुद्दों से लहलहा रही वोट बैंक की फसल, स्थानीय सूरमाओं पर काटने का जिम्मा

लोकसभा क्षेत्र गाजियाबाद से भाजपा कांग्रेस और बसपा प्रत्याशी समेत कुल 14 उम्मीदवार चुनाव के मैदान में हैं। सभी राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों ने मतदाताओं को अपने पक्ष करने के लिए पूरा जोर लगाया है। गाजियाबाद लोकसभा सीट के लिए 26 अप्रैल यानी शुक्रवार को मतदान होगा। सभी प्रमुख सियासी दलों के प्रत्याशियों के पक्ष में दिग्गज अपने-अपने मुद्दों से वोट बैंक का बीज बो कर जा चुके हैं।

By Avaneesh kumar Mishra Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Thu, 25 Apr 2024 04:22 PM (IST)
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दिग्गजों के मुद्दों से लहलहा रही वोट बैंक की फसल, स्थानीय सूरमाओं पर काटने का जिम्मा
अवनीश मिश्र, साहिबाबाद। चुनाव प्रचार थम गया है। मतदान का समय आ गया है। सियासी दलों के दिग्गजों के मुद्दों से वोट बैंक की फसल लहलहा रही है। उसे काटने का जिम्मा अब स्थानीय सूरमाओं के कंधे पर है।

स्थानीय सूरमा इस जिम्मेदारी से बखूबी वाकिफ भी हैं। वह एक-एक वोट पक्का करने के लिए चालें चल रहे हैं। बिसात बिछा दी गई है। अब देखना यह होगा कि किसकी चाल सही पड़ती है और वह गाजियाबाद से संसद तक का सफर करता है।

सबके अपने-अपने मुद्दे

गाजियाबाद लोकसभा सीट के लिए 26 अप्रैल यानी शुक्रवार को मतदान होगा। सभी प्रमुख सियासी दलों के प्रत्याशियों के पक्ष में दिग्गज अपने-अपने मुद्दों से वोट बैंक का बीज बो कर जा चुके हैं। भाजपा की बात की जाए तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रोड शो कर बिना कुछ बोले सबका साथ सबका विकास का संदेश दे चुके हैं।

बसपा प्रत्याशी के नंद किशोर पुण्डीर और भाजपा लोकसभा प्रत्याशी अतुल गर्ग।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने खुद को स्थानीय नेता बताते देश की अर्थव्यवस्था की बात की। उनके मुद्दों में आंतरिक सुरक्षा भी प्रमुख रहा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में कानून-व्यवस्था पर जोर देते हुए मतदाताओं को साधने की कोशिश कर गए हैं।

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इसी तरह आइएनडीआइए के राहुल गांधी इलेक्टरोल बॉन्ड के जरिए भाजपा को घेरने की कोशिश की। उन्होंने भ्रष्टाचार, महंगाई व बेरोजगारी का मुद्दा उठाया। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भी भ्रष्टाचार को ही मुद्दा बताया। बसपा की बात करें तो पार्टी सुप्रीमो मायावाती ने वंचित, किसान, जातिवाद और संप्रदायिकता का मुद्दा उठाया।

डॉली शर्मा, कांग्रेस लोकसभा प्रत्याशी। जागरण

क्षेत्रवाद के आधार पर भी बोए गए हैं वोट बैंक के बीज

गाजियाबाद लोकसभा क्षेत्र में वैसे तो करीब - करीब हर राज्य के लोग रहते हैं और यहां के मतदाता भी बन गए हैं। उनमें बिहार, पूर्वांचल और उत्तराखंड के लोगों की भागीदारी अधिक है।

यही कारण रहा है कि चुनाव प्रचार के दौरान सभी सियासी दलों ने इसका खास ध्यान रखा है। बतौर बानगी भाजपा ने बिहार व पूर्वांचल के मतदाताओं को साधने के लिए पूर्वांचल की धरती वाराणसी से आने वाले रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और बिहार की धरती के सांसद मनोज तिवारी की जनसभाएं हुईं।

उत्तराखंड के मतदाताओं को अपनी ओर करने के प्रयास में वहां के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी का कार्यक्रम कराया। इसी तरह आइएनडीआइए प्रत्याशी के पक्ष में बिहार व पूर्वांचल के मतदाताओं को करने के लिए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय व प्रमोद तिवारी के कार्यक्रम हुए। उत्तराखंड के मतदाताओं को अपनी ओर करने के लिए हरिद्वार के कांग्रेस नेता आनंद रावत को मैदान में उतारा गया।

अब फसल काटने की बारी

चुनाव प्रचार थमने के बाद इसकी जिम्मेदारी अब सीधे-सीधे प्रत्याशी और उनके सिपहसालारों पर टिक गई है। वह इसके लिए पूरी से तैयार है। अपनी-अपनी रणनीति के तहत मतदाताओं तक पहुंच रहे हैं। उन्हें अपने पक्ष में बनाए रखने की हर जुगत कर रहे हैं।

इसके लिए पार्टी के स्थानीय पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं और समर्थकों के अलावा रिश्तेदारों, मित्रों और परिचितों का भी सहारा ले रहे हैं। उनकी मदद से हर मतदाताओं के चौखट पर पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए टोलियां बन गई हैं।

सभी अपने-अपने स्तर पर काम कर रहे हैं। काल, संदेश और सोशल मीडिया का भी सहारा ले रहे हैं। कुल मिलाकर सभी प्रत्याशी अपनी जीत पक्की करने की अंतिम चाल चल रहे हैं। उनका प्रयास कितना सफल होता है यह चुनाव परिणाम आने पर पता चलेगा, फिलहाल चुनावी माहौल का सभी आनंद ले रहे हैं।

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