दुबई तक फैली करोड़ों की संपत्ति, तीसरी पास जावेद की हकीकत जान पुलिस अफसर भी हैरान; एयरपोर्ट से हुआ गिरफ्तार
दिल्ली से दुबई तक जावेद मीरपुरिया की करोड़ों की संपत्ति का खुलासा हुआ है। उसके पास दिल्ली में दो मकान एक प्लाट दो गोदाम और दुबई में तीन बीएचके का फ्लैट है। पुलिस अब उसकी संपत्ति को जब्त करने की तैयारी में है। जावेद पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित था और उसे दुबई से गिरफ्तार किया गया है।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। दिल्ली में एयरपोर्ट से गिरफ्तार किए गए एक लाख रुपये के इनामी जावेद मीरपुरिया के पास दिल्ली से लेकर दुबई तक करोड़ों रूपये की संपत्ति है।
दिल्ली में दो मकान, एक प्लाट, दो गोदाम और दुबई में तीन बीएचके का फ्लैट है। दुबई के फ्लैट की कीमत जावेद ने दस करोड़ रुपये बताई है, जबकि पुलिस को सूचना है कि फ्लैट की कीमत 80 करोड़ रुपये है। पुलिस अब संपत्ति को जब्त करने की तैयारी में है।
डीसीपी सिटी राजेश कुमार ने बताया कि मोबाइल टावरों से करोड़ों के उपकरण चुराने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह के छह सदस्यों को तीन मई को गिरफ्तार किया था। गिरोह का सरगना जावेद मीरपुरिया दुबई भाग गया था। जिसके चलते उस पर एक लाख का इनाम घोषित कर लुक आउट नोटिस भी जारी कराया गया था।
बता दें कि मंगलवार रात को जावेद दुबई से दिल्ली आईजीआई एयरपोर्ट पहुंचा तो दिल्ली की स्पेशल सेल ने उसे गिरफ्तार कर लिया। गाजियाबाद पुलिस ने जावेद को ट्रांजिट रिमांड पर लिया और उसकी निशानदेही पर 35 लाख रुपये के मोबाइल टावर के उपकरण बरामद किए हैं।
दिल्ली में रहता है जावेद का परिवार
वहीं, पूछताछ में पता चला कि जावेद का परिवार दिल्ली के गोकुलपुरी स्थित भागीरथी विहार में रहता है। वह तीसरी पास है, जावेद का पिता कबाड़े का काम करता था। पढ़ाई छोड़कर जावेद भी कबाड़ का काम करने लगा। इसके बाद उसने दिल्ली के यमुना विहार के अबरार के साथ कारोबार शुरू कर दिया और मोबाइल के पत्तों को जहाज के जरिये दुबई और चीन भेजता था।बताया गया कि लॉकडाउन के बाद मुस्तफाबाद के दिनेश से वह जुड़ा, वह रेडियो रिसीवर यूनिट को विशाखापट्टनम भेजकर दुबई में सप्लाई करवाता था। दिनेश के जेल चले जाने के बाद जावेद दुबई में लेवल-थ्री कंपनी के मालिक हैदराबाद के अलीमुद्दीन और उसके माध्यम से चीन के हांगकांग में रहने वाले युवक से जुड़ा।
यह भी पढ़ें- नोएडा और गाजियाबाद वाले ध्यान दें, शनिवार रात से बंद हो जाएगी गंगनहर; बिना पानी के मनेगी 10 लाख लोगों की दिवालीपुलिस के अनुसार, वह गिरोह बनाकर देश में मोबाइल टावर से आरआर यूनिट चोरी कराने लगा। 50 से 60 आरआर यूनिट इकट्टा होने पर स्क्रैप का बिल लगाकर दुबई की कंपनी लेवल-थ्री तथा हांगकांग की कंपनी वी-फोन को भेजता था। बिल की रकम का भुगतान आनलाइन तथा बाकी रकम हवाला के माध्यम से भेजी जाती थी।
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