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WFH Fraud: वर्क फ्रॉम होम के लालच में गाजियाबाद के 2 लोगों को म‍िला ज‍िंदगीभर का 'दर्द', 'HR' ने यूंं खेला गेम

Ghaziabad Cheating Case गाजियाबाद में वर्क फ्रॉम होम का झांसा देकर एक महिला समेत दो लोगों से 48.50 लाख रुपये की धोखाधड़ी की गई है। क्रॉसिंग रिपब्लिक की पैरामाउंट सिम्फनी सोसाइटी में रहने वाले राजीव चक्रबृति ने पुलिस को बताया कि उनके पास एक महिला ने फोन किया जिसने खुद को एक कंपनी के एचआर डिपार्टमेंट में कार्यरत ज्योति बताया था।

By Jagran NewsEdited By: Abhi MalviyaUpdated: Wed, 20 Sep 2023 10:17 PM (IST)
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दोनों ही मामलों में विजयनगर और क्रासिंग रिपबलिक थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
गाजियाबाद, जागरण संवाददाता। Ghaziabad Cheating Case: वर्क फ्रॉम होम का झांसा देकर एक महिला समेत दो लोगों से 48.50 लाख रुपये की धोखाधड़ी की गई है। दोनों ही मामलों में विजयनगर और क्रासिंग रिपबलिक थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।

क्रासिंग रिपब्लिक की पैरामाउंट सिम्फनी सोसाइटी में रहने वाले राजीव चक्रबृति ने पुलिस को बताया कि उनके पास एक महिला ने फोन किया, जिसने खुद को एक कंपनी के एचआर डिपार्टमेंट में कार्यरत ज्योति बताया। उसने वर्क फ्राम होम का झांसा दिया।

ऐसे दिया ठगी को अंजाम

सेवानिवृत अधिकारी होने के कारण राजीव आसानी से उसकी बातों में आ गए, उनसे यूटयूब पेज लाइक करने और उसका स्क्रीनशाट भेजने के लिए कहा, इस पर 30 प्रतिशत का लाभ कुल निवेश की गई धनराशि पर देने के लिए कहा गया। राजीव ने इस पर विश्वास किया और धीरे-धीरे कर लगभग 42 लाख रुपये का निवेश कर दिया, जिस पर उनको 55.69 लाख रुपये मिलने थे।

आरोप है कि रुपये वापस करने के लिए कहा तो वापस नहीं किए गए। राजीव से जिन बैंकखातों में रुपये मंगाए गए हैं, वे लुधियाना, आगरा, दिल्ली और पुणे के हैं। इस संबंध में उन्होंने क्रासिंग रिपब्लिक थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। दूसरा मामला विजयनगर का है।

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टेलीग्राम का भी लिया सहारा

प्रताप विहार में रहने वालीं नेहा ने बताया कि 23 अगस्त को उनके पास टेलीग्राम एप पर एक मैसेज आया, जिसमें वर्क फ्राम होम की बात कही गई, जिसमें अच्छी कमाई का झांसा दिया गया। इसके लिए उनको एक लिंक दिया गया, जिस पर क्लिक करने पर पहले खुद रुपये निवेश करने पड़ते। इसके बाद उनको निवेश की गई रकम के साथ अतिरिक्त रुपये भी मिलते।

नेहा ने उस पर विश्वास किया और कई बार में कुल 6.50 लाख रुपये निवेश कर दिए, इसके बाद उनसे दस लाख रुपये और निवेश करने पर ही लाभांश देने की बात कही गई तो वह समझ गईं कि यह धोखाधड़ी हो रही है, उन्होंने दस लाख रुपये और जमा नहीं किए।

रिपोर्ट इनपुट- अभिषेक सिंह

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