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Ghaziabad PHD Scholar Murder: उमेश ने डॉक्टर से सीखे थे शरीर के चीर-फाड़ करने के तरीके

आम आदमी को सर्जिकल उपकरण बाजार से आसानी से उपलब्ध नहीं होते। ऐसे में यह भी अंदेशा है कि उसने यह उपकरण किसी डाक्टर के यहां से चोरी किए या किसी जानकार के यहां से खरीदे। पुलिस इस संबंध में भी जांच कर रही है।

By Anil TyagiEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Thu, 15 Dec 2022 08:16 AM (IST)
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Ghaziabad Murder: आरोपित उमेश ने डॉक्टर से सीखे थे शरीर के चीर-फाड़ करने के तरीके
मोदीनगर, जागरण संवाददाता। अंकित की हत्या कर शव को तीन टुकड़ों में काटकर ठिकाने लगाने वाला आरोपित उमेश शरीर की चीर-फाड़ में माहिर है। वह पूर्व में मोदीनगर में एक हड्डी रोग विशेषज्ञ का सहायक रह चुका है। डॉक्टर के साथ रहकर ही उसने शरीर के चीर-फाड़ के तरीके सीख लिए थे।

आरी के अलावा सर्जिकल उपकरणों की ली मदद

वह सर्जिकल उपकरणों के इस्तेमाल करने के तरीके जानता था। इसी जानकारी का फायदा उठाकर उसने शव को तीन टुकड़ों में बांटकर ठिकाने लगाया। वहीं, अंदेशा जताया गया है कि इस वारदात में उसने आरी के अलावा सर्जिकल उपकरणों की मदद ली है। जिसे उसने शव के टुकड़ों के साथ ही फेंका होगा।

आम आदमी को सर्जिकल उपकरण बाजार से आसानी से उपलब्ध नहीं होते। ऐसे में यह भी अंदेशा है कि उसने यह उपकरण किसी डाक्टर के यहां से चोरी किए या किसी जानकार के यहां से खरीदे। पुलिस इस संबंध में भी जांच कर रही है। जब पुलिस आरोपित को मृतक के घर लेकर पहुंची तो वहां पुलिस को खून के एकाध निशान मिले। आरोपित ने पूछताछ में बताया कि हत्या के बाद फर्श पर खून फैल गया था। उसने खून शव ठिकाने लगाने के बाद वापस आकर खून साफ किया।

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टीवी सीरियल देखकर रची थी हत्या कर टुकड़े करने की साजिश

आरोपित उमेश वेब सीरीज व सीरीयल देखने का शौकीन है। उसने कुछ दिन पहले क्राइम पेट्रोल सीरियल देखा था, जिसमें युवक के शरीर के छह हिस्से कर दिए गए थे। इसी को देखकर उसने हत्या करने का तरीका सीखा।

पूरे घटनाक्रम की पटकथा उसने दो अक्टूबर को ही लिख दी थी। पांच अक्टूबर को वह पार्टी के बहाने अंकित के पास गया और बातों में लगाकर उसका गला दबा दिया। अंदेशा है कि हत्या से पहले उसने अंकित को या तो शराब पिलाई या नशीला पदार्थ दिया। पुलिस इस बिंदु पर अभी जांच कर रही है।

शोर मचाने पर उसके मुंह में कपड़ा ठूंस दिया। आरोपित ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि शव के टुकड़े कर फेंकने का उद्देश्य केवल शव की शिनाख्त छिपाना और पुलिस से बचना था। यदि अंकित के दोस्त लखनऊ से मोदीनगर नहीं आते तो पुलिस न तो हत्याकांड का पता लगा पाती और न ही उमेश को पकड़ पाती।

दोस्त की कार में रखकर ले गया शव के टुकड़े पुलिस पूछताछ में आरोपित ने बताया कि वह पांच अक्टूबर की रात अपने दोस्त की कार मांग कर लाया था। कार की डिग्गी में शव के टुकड़ों को रखकर ले गया और अलग-अलग स्थानों पर ठिकाने लगाया।

वह राधा एन्क्लेव से मोहिउद्दीपुर कट से होते हुए गंगनहर पहुंचा और वहां से खतौली पहुंचकर पहला टुकड़ा फेंका। इसके बाद यू-टर्न लेकर मसूरी पहुंचा और वहां से ईस्टर्न पेरिफेरल पर टुकड़ा फेंका। इस दौरान कार की डिग्गी खून से सन गई थी। घटना के दो दिन बाद उसने अपने दोस्त को कार लौटाई। पुलिस कार की भी तलाश कर रही है। दोस्त ब्लड जांच की एक लैब में नौकरी करता है।

जिस पर था भरोसा, वही बना कातिल

अंकित की मोदीनगर में कुछ ही लोगों से पहचान थी। वह अधिकांश समय उमेश के साथ ही रहता था। पिछले पांच साल से उनके बीच गहरी दोस्ती थी। उसे उमेश पर खुद से ज्यादा विश्वास था। कुछ समय पहले अंकित ने उमेश को कार को दिलाई थी। जब भी अंकित खुद के लिए कपड़े व जूते खरीददता था तो उमेश को भी दिलाता था।

कोई भी समस्या होने पर वह सबसे पहले उमेश को ही बताता था। लेकिन, उमेश को वारदात को अंजाम देते समय दोस्त के प्रति थोड़ी भी दया नहीं आई। हैवानियत के हदें पार करते हुए हत्यारोपित ने भरोसे का कत्ल कर दिया। इस सनसनीखेज वारदात के बारे में जिसने भी सुना वह हतप्रभ रह गया।

लोगों से करता था ठगी, लाखों का था कर्ज

आरोपित उमेश लोगों से रुपये दोगुने करने के नाम पर ठगी करता था। उसपर इन दिनों लाखों का कर्ज भी हो गया था। आए दिन लोग उसके घर आकर हंगामा करते थे। वह कर्जदारों से बुरी तरह परेशान था। ऐसे में जब उसे पता चला कि अंकित के पास एक करोड़ रुपये हैं, तो उसकी नीयत उन रुपयों पर फिसल गई। उसे लगा कि रुपये लेकर सभी का कर्ज उतार देगा।

मैसेज देखकर होता था शक, नहीं उठती थी काल

अंकित की हत्या के बाद उमेश उसके मोबाइल को इस्तेमाल करता रहा। वह उसके साथियों से वाट्सअप पर चैटिंग करता था। लेकिन, अंकित और उमेश के मैसेज लिखने में काफी अंतर था। जहां अंकित पीएचडी का छात्र था तो उसके शब्द सही तरीके से लिखे होते थे, जबकि उमेश कम पढ़ा लिखा था तो वह गलत शब्द लिखता था। इस पर अंकित के साथियों को शक हुआ था। इतना ही नहीं, उमेश काल भी नहीं उठाता था

हैवानियत के पीछे हो सकते हैं और भी कारण

जिस तरह अंकित के शव को तीन हिस्सों में काटकर फेंका गया। इस हैवानियत के पीछे केवल रुपयों का लेनदेन ही नहीं रहा होगा। इसके अलावा भी अन्य कारण हो सकते हैं। बताया जा रहा है कि बागपत के मुकुंदपुर गांव की ही उमेश की पत्नी भी रहने वाली थी। वहां से अंकित और उमेश की पत्नी एक-दूसरे को जानते थे।

अंकित का उमेश के घर आना जाना था। हफ्ते में तीन-चार बार वह उमेश के घर आता था। इसलिए अंकित मोदीनगर आकर रहने लगा। पुलिस इन बिंदुओं पर भी काम कर रही है।

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