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UP By-Election: 20 साल बाद गाजियाबाद में होगा उपचुनाव, कांग्रेस इन जातियों के उम्मीदवार पर लगा सकती है दांव

प्रदेश की 10 सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव में सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन का फॉर्मूला लगभग तय हो गया है। कांग्रेस को सपा गठबंधन में तीन सीटें मिल सकती हैं। इनमें गाजियाबाद मझवां व मीरापुर विधानसभा सीटें शामिल हैं। गाजियाबाद सीट उसे लोकसभा चुनाव में भी मिली थी। कांग्रेस से दावेदारों में खुले तौर पर अभी किसी का नाम चर्चा में नहीं है।

By tripathi aditya Edited By: Geetarjun Updated: Sat, 20 Jul 2024 03:12 PM (IST)
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कांग्रेस के खाते में सीट गई तो वैश्य, ब्राह्मण प्रत्याशी पर पार्टी लगा सकती है दांव।

आदित्य त्रिपाठी, गाजियाबाद। Ghaziabad Vidhan Sabha Seat: गाजियाबाद शहर विधानसभा सीट पर उपचुनाव को लेकर यदि सपा-कांग्रेस गठबंधन में यह सीट कांग्रेस के खाते में गई तो पार्टी वैश्य या ब्राह्मण प्रत्याशी पर दांव लगा सकती है। इन दोनों समाज के मतदाताओं की संख्या इस सीट पर निर्णायक है।

कांग्रेस से दावेदारों में खुले तौर पर अभी किसी का नाम चर्चा में नहीं है। लेकिन एक पूर्व सांसद सुरेंद्र प्रकाश गोयल के पुत्र सुशांत गोयल इस सीट पर मजबूती से दावा कर रहे हैं, जिनका परिवार लंबे समय से कांग्रेस से जुड़ा है।

और भी दावेदारों पर कांग्रेस की नजर

हालांकि पूर्व में हुए विधानसभा चुनाव में भी पार्टी ने उनको अपना उम्मीदवार बनाया था, लेकिन उनको करारी हार का सामना करना पड़ा था। इसलिए इस बार पार्टी चुनाव में सुशांत के अलावा भी अन्य मजबूत दावेदार की तलाश में जुटी है। पूर्व में महापौर का चुनाव लड़ चुकीं डॉली शर्मा का नाम भी टिकट की रेस में सामने आया था, लेकिन उन्होंने खुद विधानसभा उपचुनाव न लड़ने की बात कही है।

क्या सपा नेता कांग्रेस से लड़ेगा चुनाव?

ऐसे में यह भी संभव है कि कांग्रेस के टिकट पर सपा नेता को चुनाव लड़ा दिया जाए, सपा नेता टिकट के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं और सपा के साथ ही कांग्रेस संगठन के वरिष्ठ नेताओं के संपर्क में हैं। इस सीट पर पिछले दो बार से लगातार भाजपा प्रत्याशी ही चुनाव जीत रहे हैं, 2012 के चुनाव में बसपा प्रत्याशी सुरेश बंसल ने जीत हासिल की थी।

20 साल बाद दोबारा हो रहा उपचुनाव

उससे पहले भाजपा के सुनील शर्मा ने इस सीट पर जीत हासिल की थी। 2004 में भी इस सीट पर उपचुनाव हुआ था, जिसमें सपा प्रत्याशी सुरेंद्र मुन्नी ने जीत हासिल की थी। 20 साल बाद दोबारा हो रहे उपचुनाव को लेकर सभी दल इस सीट पर जीत हासिल करने के लिए रणनीति तैयार कर रहे हैं।

हालांकि चर्चा यह भी है कि भाजपा के प्रत्याशी घोषित करने के बाद जातीय समीकरण को देखते हुए कांग्रेस या दूसरे दल इस सीट पर प्रत्याशी के नाम की घोषणा करेंगे।

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डॉली शर्मा ने क्या कहा?

कांग्रेस प्रवक्ता डॉली शर्मा का कहना है कि गाजियाबाद शहर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए पार्टी में उम्मीदवारों पर मंथन किया जा रहा है। तीन से चार नेताओं ने चुनाव लड़ने के लिए दावा किया है, जो जिताऊ उम्मीदवार होगा उसको ही चुनाव लड़ाया जाएगा।