Move to Jagran APP

Ghaziabad: यूपी के डॉक्टरों की लापवाही पर केंद्र सख्त, भूल न सुधाने पर दी कार्रवाई की चेतावनी

UP के डॉक्टर सड़क हादसों में जान गंवाने वालों का पोस्टामार्टम करने के बाद एप पर डाटा फीड करना भूल जाते हैं। राज्य के किसी भी जिले में एप पर नियमित डाटा फीड नहीं किए जाने को लेकर अब केंद्र सरकार ने सख्ती की है।

By Madan PanchalEdited By: Nitin YadavUpdated: Tue, 20 Jun 2023 12:07 PM (IST)
Hero Image
यूपी के डॉक्टरों की लापवाही पर केंद्र सख्त, भूल न सुधाने पर दी कार्रवाई की चेतावनी।
गाजियाबाद, मदन पांचाल। सड़क हादसों में जान गंवाने वालों का पोस्टामार्टम करने के बाद एप पर डाटा फीड करना उत्तर प्रदेश के डाक्टर भूल जाते हैं। राज्य के किसी भी जिले में एप पर नियमित डाटा फीड नहीं किए जाने को लेकर अब केंद्र सरकार ने सख्ती की है।

इसके बाद उत्तर प्रदेश की चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक रेनू श्रीवास्तव वर्मा ने सभी जिलों के मुख्य चिकित्साधिकारी को पत्र लिखकर 20 दिन में सुधार नहीं करने पर कार्रवाई की चेतवानी दी है। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने इन्टीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटाबेस (आइआरएडी) पोर्टल व एप लांच किया था। इस पर हादसे में जान गंवाने वालों का पोस्टामर्टम के बाद तत्काल डाटा फीड किए जाने का प्रविधान है।

इसके बाद घटना की जांच करने वाले पुलिस अधिकारी को इस पर हादसे की वजह स्पष्ट करनी होती है। हादसे की वजह यदि सड़क पर गड्ढे, संकेतक न होना या रोड की इंजीनियरिंग होती है तो मंत्रालय के अफसर उसे संज्ञान में लेकर तत्काल ठीक कराते हैं।

केंद्र एवं राज्य सरकार की एक रिपोर्ट में पता चला है कि सड़क हादसों में मृतकों का डाटा प्रदेश के डाक्टर फीड ही नहीं कर रहे हैं। इसकी वजह से प्रदेश भर में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं पर रोकथाम की नियत समय पर प्रभावी योजना तैयार नहीं हो पा रही है।

इन जिलों ने 20 या उससे कम सूचनाएं की दर्ज

बस्ती, पीलीभीत, बाराबंकी, मऊ,उन्नाव, देवरिया, जालौन, झांसी, कानपुर नगर, मथुरा, हाथरस, अमेठी, मिर्जापुर, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, बागपत, गाजियाबाद, संतकबीर नगर, मेरठ,बरेली, फिरोजाबाद, फतेहपुर, रामपुर,बदायूं, हापुड़।

मेरठ मंडल का एक भी जिला टॉप टेन में नहीं है शामिल

गाजियाबाद समेत प्रदेश के 40 जनपदों के चिकित्सक सड़क हादसों का डेटाबेस फीड करने में पिछ़ड रहे हैं। यहां पूरे साल में 20 से भी कम लोगों का डाटा फीड किया गया है। इस मामले में शाहजहांपुर पहले स्थान पर है। पूरे प्रदेश में अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2023 के बीच 9000 से अधिक सड़क हादसों का विवरण ही पोर्टल पर अपडेट किया गया है।

इन जिलों का नहीं खुला खाता

गाजीपुर, महोबा, कन्नौज, बहराइच, मुरादाबाद, लखनऊ, सोनभद्र, कौशांबी, चित्रकूट, फर्रुखाबाद, अमरोहा, हमीरपुर, महाराजगंज, वाराणसी, प्रयागराज, प्रतापगढ़।

इन जिलों ने दिखाई गंभीरता

जनपद पंजीकृत मरीज अस्पताल
शाहजहांपुर 1258 15
सीतापुर 1225 21
शामली 906 7
एटा 850 8
रायबरेली 771 18
जौनपुर 535 21
ललितपुर 498 6
अयोध्या 441 15
संभल 424 9
कुशीनगर 388 14

मेरठ मंडल की ऐसी है स्थिति

मेरठ 10 10
बागपत 9 5
गाजियाबाद 10 3
बुलंदशहर 8 18
हापुड़ 20 5
गौतमबुद्ध नगर 30 2
ट्रॉमा सेंटर संयुक्त अस्पताल संजयनगर के इमरजेंसी मेडिकल अफसर (EMO) डॉ. गौरव ने बताया- घटनास्थल से अस्पताल तक घायल को लाने का समय जान बचाने के लिए गोल्डन आवर होता है। हादसा होते ही तुरंत घायल को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया जाना चाहिए। पोर्टल पर डाटा फीड करने की प्रक्रिया तेज की जाएगी। 

गाजियाबाद के सीएमओ  डॉ. भवतोष शंखधर ने बताया- जिला एमएमजी, संयुक्त अस्पताल, सीएचसी लोनी, डासना, मुरादनगर, मोदीनगर, बम्हैटा, भोजपुर और लोनी के संयुक्त अस्पताल को पोर्टल पर पंजीकृत कराते हुए चिकित्सकों को प्रशिक्षित कराया जाएगा। जल्द ही प्रतिदिन होने वाले सड़क हादसों की सूचना आईआरएडी एप पर फीड़ करना सुनिश्चित कराया जाएगा। लापरवाह चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को संस्तुति कर दी जाएगी।

Chart

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।