UP News: छेड़छाड़ के आरोपित सिपाही और होमगार्ड नहीं होंगे गिरफ्तार! धाराओं के फेर में पुलिस ने घुमाया मामला
गाजियाबाद के साईं उपवन में युवती से छेड़छाड़ और मंगेतर से मारपीट कर तीन घंटे तक प्रताड़ित करने और पेटीएम से एक हजार रुपये लेने के आरोपित सिपाही दिगंबर और होम गार्ड राकेश कुमार की गिरफ्तारी नहीं हुई है। गाजियाबाद कमिश्नरेट पुलिस सहकर्मी आरोपितों को बचाने की जुगत में लगी हुई है। अधिकारी कह रहे हैं कि मुकदमे में धाराएं गिरफ्तारी वाली नहीं है।
By Ayush GangwarEdited By: Nitin YadavUpdated: Tue, 03 Oct 2023 09:17 AM (IST)
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि बहन-बेटियों के साथ बुरा करने वाला बचेगा नहीं, लेकिन गाजियाबाद कमिश्नरेट पुलिस ऐसा करने के आरोपितों को बचा रही है। साईं उपवन में युवती से छेड़छाड़ और मंगेतर से मारपीट कर तीन घंटे तक प्रताड़ित करने और पेटीएम से एक हजार रुपये लेने के आरोपित सिपाही दिगंबर और होम गार्ड राकेश कुमार की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
इस पर अधिकारी स्पष्ट रूप से बात करने से भी बच रहे हैं। गिरफ्तारी के सवाल पर कहा जा रहा है कि ये धाराएं गिरफ्तारी वाली नहीं है। सवाल है कि महिला अपराध को लेकर कार्रवाई के अलग-अलग मापदंड होंगे तो महिला सुरक्षा का मिशन भी अधूरा रहेगा, क्योंकि इसका फायदा ऐसे असामाजिक तत्व उठाते रहेंगे।
यह है मामला
गौतमबुद्ध नगर की पीड़िता ने नगर कोतवाली में दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया कि वह 16 सितंबर को साईं उपवन में मंगेतर संग आई थीं। यहां एक पार्क में दोनों बैठे थे। तभी बाइक पीआरवी 4757 आकर रुकी। सिपाही व होमगार्ड के साथ एक और युवक था। तीनों ने उन्हें घेर लिया और मंगेतर को थप्पड़ मारकर गाली देते हुए अपमानित किया और पीड़िता से छेड़छाड़ कर उन पर संबंध बनाने का दबाव बनाया था।10 हजार रुपये की मांग की और बाद में एक हजार रुपये पेटीएम करा छोड़ दिया था। होमगार्ड ने बाद में पीड़िता को फोन कर भी परेशान किया, जिसके बाद उन्होंने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। शिकायत का पता चलने पर आरोपितों ने घर जाकर पैसे लौटा दिए थे।
अपने के चक्कर में बाकियों पर भी रहम
कमिश्नरेट में हर सप्ताह छेड़छाड़ के 5-6 केस दर्ज होते हैं और लगभग सभी मामलों में पुलिस तुरंत आरोपित को गिरफ्तार करती है। यदि दहेज उत्पीड़न के साथ आरोप लगा हो तो अलग बात है, लेकिन बाकी आरोपितों संग कोई रियायत नहीं बरती जाती है। महिला सुरक्षा के मिशन के साथ पुलिस की छवि को सरेआम तार-तार करने के मामले में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।पूर्व में भी पुलिस ऐसे उदाहरण पेश कर चुकी है, जब विभाग का कोई व्यक्ति फंस रहा हो तो गिरफ्तारी के लिए सात साल से कम सजा का हवाला दिया जाता है। इस मामले में सिपाही के चक्कर में होम गार्ड और तीसरे आरोपित सूरज को भी रहम का फायदा मिल रहा है। जानकारों का कहना है कि सिपाही न फंसा होता तो अब तक बाकी दोनों गिरफ्तार हो चुके होते।यह भी पढ़ें: Ghaziabad Crime: पुलिसकर्मियों ने मंगेतर को पीटकर युवती से की छेड़छाड़, एक हजार रुपये लेकर छोड़ा
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।