दिल्ली से सटे गाजियाबाद में वीडियो वायरल कर सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश, ट्विटर समेत 9 पर एफआइआर
गाजियाबाद पुलिस ने बताया कि खुफिया एजेंसियों की जांच में सामने आया कि वीडियो वायरल करने के पीछे लोनी के एक नेता का हाथ है। उधर मंगलवार को बुजुर्ग की पिटाई के दो आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
By Jp YadavEdited By: Updated: Wed, 16 Jun 2021 07:39 AM (IST)
गाजियाबाद, जागरण संवाददाता। दिल्ली से सटे गाजियाबाद के लोनी में ऑटो चालक व अन्य युवकों द्वारा बुजुर्ग की पिटाई व दाढ़ी काटने का वीडियो वायरल होने के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। एसएसपी अमित पाठक के आदेश पर लोनी बॉर्डर थाने में ट्विटर की दो कंपनियों, मीडिया संस्थान द वॉयर, मोहम्मद जुबैर, राना अय्यूब, सलमान निजामी, मसकूर उस्मानी, समा मोहम्मद और शबा नकवी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया किया है। पुलिस व खुफिया एजेंसियों की जांच में सामने आया है कि सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए सुनियोजित तरीके से वीडियो वायरल किया गया था। गाजियाबाद के एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि हमारी टीम इस पर लगातार नजर रखे हुए है। सांप्रदायिक सद्भाव और शांति भंग करने के सभी प्रयासों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। आरोपी एक समुदाय से नहीं, एक से अधिक समुदाय के हैं।
गाजियाबाद पुलिस ने बताया कि खुफिया एजेंसियों की जांच में सामने आया कि वीडियो वायरल करने के पीछे लोनी के एक नेता का हाथ है। उधर, मंगलवार को बुजुर्ग की पिटाई के दो आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पुलिस क्षेत्राधिकारी लोनी अतुल कुमार सोनकर ने बताया कि बुलंदशहर निवासी बुजुर्ग झाड़-फूंक और ताबीज बनाने का काम करते हैं। बंथला निवासी प्रवेश गुर्जर ने बुजुर्ग से ताबीज बनवाया था।
प्रवेश का आरोप है कि ताबीज पहनने के बाद उसे नुकसान हो गया। पांच जून को लोनी पहुंचे बुजुर्ग के साथ प्रवेश और उसके साथियों ने मारपीट की। बुजुर्ग ने सात जून को लोनी बार्डर थाने में युवकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने आरोपित प्रवेश को जेल भेज दिया था। उसके साथियों की तलाश जारी थी। मंगलवार को दो आरोपितों आदिल खान निवासी बेहटा हाजीपुर और कल्लू निवासी सरल कुंज को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। आरिफ, मुशाहिद, पोली समेत चार अन्य की तलाश जारी है।
पुलिस क्षेत्राधिकारी लोनी अतुल कुमार ने बताया कि इस मामले में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने को वीडियो वायरल किया सीओ अतुल सोनकर ने बताया कि घटना के नौ दिन बाद अचानक इसका वीडियो वायरल कर दिया गया। साथ ही वीडियो वायरल करने वाले लोगों ने पोस्ट में लिखा कि नारे नहीं लगाने पर बुजुर्ग की पिटाई की गई है। सोमवार को मामले में बुजुर्ग से पूछताछ की गई तो उन्होंने नारे लगवाने की बात से इनकार कर दिया।
उधर, क्षेत्राधिकारी ने बताया कि खुफिया एजेंसियों की जांच में सामने आया कि वीडियो वायरल करने के पीछे लोनी के एक नेता का हाथ है। उसी ने बुजुर्ग को भड़काया और गलत अफवाह फैलाई। सूत्रों की मानेंअन्य आरोपितों में कुछ मीडियाकर्मी भी शामिल हैं। इसके साथ ही ट्विटर ने इस वीडियो को हटाने की कार्रवाई नहीं की। देर रात मामले की रिपोर्ट दर्ज की गई है। क्षेत्राधिकारी ने बताया कि जल्द ही मामले में आरोपितों की गिरफ्तारी की जाएगी।
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