Lok Sabha Election 2024: पश्चिमी यूपी की इन 8 सीटों पर दिग्गजों की साख दांव पर, समीकरण बदलने से रोचक हुआ चुनाव
दूसरे चरण के लिए 26 अप्रैल को मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग शुक्रवार सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक कर सकेंगे। लोकतंत्र के महापर्व में मतदान कराने की जिम्मेदारी संभालने वाले मतदान कार्मिक बृहस्पतिवार सुबह तीन स्थानों से बूथों के लिए रवाना होंगे। प्रशासन ने पोलिंग पार्टियों की रवानगी के सभी इंतजाम पूरे करने का दावा किया है।
चार उम्मीदवारों ने हैट्रिक लगाने को झोंकी ताकत
इन आठ सीटों का परिदृश्य तीसरे चरण के चुनाव की भी दिशा तय करेगा। इनमें से चार उम्मीदवारों ने हैट्रिक लगाने को चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी। बदलती सियासी हवा को लेकर दिग्गज नेताओं की हवाईयां उड़ी हुईं है।चार सीटों पर हैट्रिक लगाने को आतुर
समीकरण बदलने से रोचक हुआ चुनाव
इस बार इस चरण के समीकरण बदलने से भी चुनाव रोचक हुआ हैं। पिछले चुनाव में जिन कुंवर दानिश अली ने 2019 में बसपा के टिकट पर चुनाव जीता था, उन्हें कांग्रेस ने अमरोहा सीट से उम्मीदवार बनाया दिया है। पिछले चुनाव में बसपा और सपा में गठबंधन था।इस वजह से बसपा ने 10 और सपा ने 5 सीटें जीत ली थी। लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। बसपा अकेले दम पर चुनाव लड़ रही है और सपा- कांग्रेस इंडी गठबंधन में साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। बीजेपी के साथ आरएलडी आ चुकी है। जिसकी वजह से बीजेपी की ताकत बढ़ी मानी जा रही है। इस चरण में सपा और कांग्रेस 4-4 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। जबकि बीजेपी सात और आरएलडी एक (बागपत) सीट पर चुनाव लड़ रही है।2024 में किस सीट पर किसके बीच मुकाबला
1- मेरठ-- भाजपा- अरुण गोविल
- सपा- सुनीता वर्मा
- बसपा- देववृत त्यागी
- कांग्रेस- कुंवर दानिश अली
- भाजपा- कंवर सिंह तंवर
- बसपा- मुजाहिद हुसैन
- रालोद- राजकुमार सांगवान
- बसपा- प्रवीण बैसला
- इंडी गठबंधन- अमरपाल शर्मा
- भाजपा - अतुल गर्ग
- इंडी गठबंधन- डॉली शर्मा
- बसपा- नंद किशोर पुण्डीर
- भाजपा- डॉ. महेश शर्मा
- इंडी गठबंधन-डॉ. महेंद्र सिंह नागर
- बसपा- राजेंद्र सिंह सोलंकी
- भाजपा- हेमा मालिनी
- इंडी गठबंधन- मुकेश धनगर
- बसपा- सुरेश सिंह
- भाजपा- सतीश कुमार गौतम
- सपा- चौधरी बिजेंद्र सिंह
- बसपा- हितेंद्र कुमार बंटी
- भाजपा- डॉ. भोला सिंह
- इंडी गठबंधन- शिवराम वाल्मीकि
- बसपा - गिरीश चंद
लोकसभा चुनाव के पहले चरण के बाद दूसरे चरण के चुनाव प्रचार में राष्ट्रीय स्तर के मुद्दे हावी रहे हैं। सभी दलों के दिग्गज नेताओं ने मतदाताओं को अपने-अपने एजेंडे को बताकर वोट मांगा है। वादे और दावे भी किये हैं। इसके बावजूद मतदाता स्थानीय मुद्दों को लेकर मत डालने की तैयारी कर रहा है। मंहगाई, बेरोजगारी, स्वास्थ्य सेवाओं और मंहगी हो रही शिक्षा को ध्यान में रखकर मतदाता सतर्क और सावधान दिख रहा है। मतदाताओं की नब्ज पकड़ने में इस बार नेता कमजोर दिखाई दिये हैं। जातिगत आधार पर मतदान की हवा भी जोर पकड़ रही है।
- डॉ. राकेश कुमार राणा, समाजशास्त्री
देश के विकास को लेकर लोग वोट करने जा रहे हैं। सामाजिक ताना-बाना ऐसा है कि लोग राष्ट्रीय मुद्दों की बात करते करते क्षेत्रवाद और जातिवाद पर आकर अटक जाते हैं। इस बार चुनाव में इसका प्रभाव नजर आ रहा है। आबादी के हिसाब से राजनैतिक हिस्सेदारी को लेकर कई वर्ग नाराज दिख रहे हैं। दिग्गज नेता इस बार जन सभाओं में छोटी-छोटी बातों को लेकर खुद को हल्का करते दिख रहे हैं। मतदान पर इसका भी प्रभाव पड़ेगा। पिछले कुछ सालों में देश की सैन्य क्षमता में विस्तार होने से देश की सुरक्षा चाक चौबंद हुई है।
- ब्रहमसिंह नागर, सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी