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Electricity Bill: बिजली निगम की लावरवाही उपभोक्ताओं को भारी पड़ रही, भरना पड़ रहा जुर्माना

Ghaziabad Bijli Bill गाजियाबाद के लोगों को बिजली का बिल भरने पर जुर्माना पड़ रहा है और यह सब बिजली निगम की लापरवाही की वजह से हो रहा है। बीते माह 11 हजार उपभोक्ताओं को बिजली बिल जमा करने की अंतिम तारीख के बाद मिले हैं। अब उपभोक्ता विद्युत निगम के कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं और उनसे अब जुर्माना मांगा जा रहा है।

By Rahul Kumar Edited By: Geetarjun Updated: Sat, 12 Oct 2024 11:53 PM (IST)
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लापरवाही विद्युत निगम की, जुर्माना भरना पड़ रहा उपभोक्ताओं को।
राहुल कुमार, गाजियाबाद। विद्युत निगम की लेटलतीफी का नतीजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है। बीते माह 11 हजार उपभोक्ताओं को देय तिथि (बिल भरने की अंतिम तारीख) के बाद बिजली बिल मिले। विद्युत निगम ने खुद ही देय तिथि के बाद बिल जारी किए और जुर्माना उपभोक्ताओं पर लगा दिया।

अब उपभोक्ता विद्युत निगम के कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं। दरअसल गड़बड़ी रोकने के लिए बदली गई बिलिंग प्रणाली उपभोक्ताओं के लिए मुसीबत बनी हुई है।

MRI से बनाए जा रहे बिल

जनवरी से पांच से नौ किलोवाट वाले उपभोक्ताओं के लिए बिलिंग प्रणाली में बदलाव किया गया था। इन उपभोक्ताओं के बिल एमआरआई (मीटर रीडिंग इंस्ट्रूमेंट) मशीन से बनाए जा रहे हैं। इसके बाद से ही उपभोक्ताओं के देय तिथि के बाद बिल मिलने की समस्या बढ़ गई है। उससे पहले तक हर माह एक से दो हजार उपभोक्ताओं को बिल ही देरी से मिलते थे।

जुर्माने के साथ बिल जमा करा रहे

उपभोक्ता जब विद्युत निगम के कार्यालयों में बिल लेकर पहुंच रहे हैं तो उनसे जुर्माने के साथ जमा करने के लिए कहा जा रहा है। इसका पांच हजार बिल आया है उससे 50 रुपये व जिसका 10 हजार तक आया उसे 100 रुपये अतिरिक्त मांगे जाते हैं।

उपभोक्ता इसका विरोध भी कर रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। उपभोक्ता शिकायत लेकर मुख्य अभियंता कार्यलयों के चक्कर काट रहे हैं। विद्युत निगम की गलती उपभोक्ताओं पर भारी पड़ रही है।

गड़बड़ी रोकने के लिए शुरू हुई थी यह प्रणाली

उपभोक्ताओं को आए दिन गलत बिजली बिल मिलते रहते थे। बिजली बिलों में गड़बड़ी रोकने के लिए एमआरआई प्रणाली शुरू की गई थी, लेकिन इससे उपभोक्ताओं को लाभ के बजाय नुकसान झेलना पड़ रहा है।

अधिकारियों का कहना था कि आए दिन मीटर रीडर के खिलाफ बिल में गड़बड़ी करने की शिकायत आती रहती थी। कुछ बिल देरी से जरूर पहुंच रहे हैं, लेकिन मीटर रीडर गलत बिल नहीं बना सकता है।

किस माह कितने उपभोक्ताओं को देरी से मिले बिल

माह उपभोक्ता

अप्रैल- 23013

मई- 19527

जून 17276

जुलाई- 15302

अगस्त- 16740

सितंबर- 11520

केस- एक

वसुंधरा सेक्टर 15 के हरीश श्रीवास्तव ने बताया कि बिल पर 21 सितंबर की तिथि पड़ी हुई है। जबकि बिल 17 सितंबर को प्राप्त हुआ है। जब बिजलीघर में शिकायत लेकर पहुंचा तो जुर्माने के साथ बिल जमा करने के लिए कह दिया। कोई सुनवाई नहीं की। जुर्माने के साथ बिल जमा नहीं करने पर कनेक्शन काटने की चेतावनी दी।

केस- दो

भोपुरा के मुकेश कुमार ने बताया कि बीते तीन माह से देय तिथि के बाद ही बिल मिल रहा है। बीते माह भी देय तिथि के तीन दिन बाद बिजली बिल मिला है। 12980 बिजली बिल आया था। 13110 रुपये बिल जमा करना पड़ा है। हर माह यही स्थिति रहती है। शिकायत के बाद भी बिल भेजने में सुधार नहीं किया जा रहा है।

कुछ उपभोक्ताओं के बिजली बिल देरी से पहुंचने की शिकायत मिली है। बिलों में सुधार के लिए संबंधित फर्म को कड़े निर्देश दिए गए हैं। इसकी रिपोर्ट मुख्यालय को भी भेजी जाएगी। -अजय ओझा, मुख्य अभियंता, विद्युत निगम जोन-तीन।

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