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Cricketer Lal Karan Sharma: टीम इंडिया में दस्तक देने के लिए तैयार उत्तर प्रदेश का शानदार क्रिकेटर, खूबियां जानकर आप भी करेंगे तारीफ

Cricketer Lal Karan Sharma प्रशिक्षक फूलचंद ने कहा- करण शर्मा पिछले करीब सात साल से नोएडा वंडर्स अकादमी में अभ्यास कर रहे हैं। वह खेल के प्रति समर्पित है। लाकडाउन में भी सुबह नाश्ता करके घर से लंच लेकर आए और दिनभर सात से आठ घंटे अभ्यास किया।

By Babli KumariEdited By: Updated: Fri, 10 Jun 2022 09:44 AM (IST)
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रणजी ट्राफी का मैच खेलते करण शर्मा ’ सौ. स्वयं
गाजियाबाद [शाहनवाज अली]। काम ऐसा करो कि पहचान बन जाए, कदम ऐसे चलो कि निशान बन जाए। जिंदगी तो सब जीते हैं यहां, कुछ ऐसा कर जाओ कि मिसाल बन जाए। जी हां कुछ ऐसा ही कर दिखाया है गाजियाबाद के लाल करण शर्मा ने।

उत्तर प्रदेश रणजी क्रिकेट टीम के कप्तान करण शर्मा ने कर्नाटक में रणजी ट्राफी के क्वार्टर फाइनल में नाबाद 93 रनों की पारी खेलकर न केवल टीम को सेमीफाइनल में पहुंचाया, बल्कि उनके प्रदर्शन के बल पर उत्तर प्रदेश ने पहली बार कर्नाटक को प्रथम श्रेणी क्रिकेट में शिकस्त दी है। करण ने इस मुकाम के साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर भी छाप छोड़ी है।

गाजियाबाद निवासी करण शर्मा ने पिता सन्नी शर्मा से क्रिकेट का ककहरा सीखा और अंडर-14 में दिल्ली टीम से करियर की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने दिल्ली टीम को छोड़ अंडर-16, अंडर-19, अंडर-23 और रणजी उत्तर प्रदेश टीम के लिए खेला। इंडियन प्रीमियर लीग में लखनऊ सुपर जायंट्स का हिस्सा रहे।

क्रिकेट के जुनून और उनकी मेहनत व लगन का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि देर रात आइपीएल या दूसरे टूर्नामेंट से मैच खेलकर लौटने पर वह अपने कोच फूलचंद को फोन कर सुबह विकेट तैयार रखने की बात करते थे। हर दिन चार से पांच घंटे बैटिंग करना दिनचर्या में शामिल है।

टी-20, एक दिवसीय व टेस्ट सभी फार्मेट में वह पूरी तरह हिट हैं। तेज गति से रन बनाने की बारी आती है तब वह विपक्षी टीम के गेंदबाजों के छक्के छुड़ाने में पीछे नहीं रहते और जब पिच पर ठहरने की बात आती है तो वह धैर्य से खेलते हैं।

लोग घरों में, करन मैदान में बहाते थे पसीना

कोरोना काल के दौरान जब लाकडाउन लगा तो करन को गाजियाबाद से नोएडा स्टेडियम तक जाने के लिए काफी मशक्कत का सामना करना पड़ता था। लाकडाउन के दौरान जब लोग अपने घरों में कैद हो गए और बाहर निकलने से भी डरते थे, उस समय करण किट लेकर नोएडा स्टेडियम में प्रैक्टिस करने पहुंच जाते थे।

दिल्ली के खालसा कालेज से स्नातक कर रहे करन की प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के ही बाराखंभा रोड स्थित माडर्न स्कूल से हुई है। दो बहनों के इकलौते भाई करन अपने परिवार में सबके लाडले हैं। पिता सन्नी शर्मा का अपना कारोबार है। गाजियाबाद और दिल्ली की कई क्रिकेट अकादमियों में वह प्रशिक्षण ले चुके है। सात साल से नोएडा वंडर्स अकादमी में प्रशिक्षण ले रहे हैं।

ऐसे पहुंचे सेमीफाइनल में

कर्नाटक के साथ हुए क्वार्टर फाइनल मुकाबले में उन्होंने नाबाद 93 रनों की कप्तानी पारी खेली। कर्नाटक के अलूर क्रिकेट स्टेडियम पर खेले गए इस मैच में कर्नाटक ने पहली पारी में 253 रन बनाए थे, जिसके जवाब में उत्तर प्रदेश टीम 155 रन पर सिमट गई। दूसरी पारी में उत्तर प्रदेश के गेंदबाजों ने कर्नाटक को 114 रन पर रोका।

जीत के लिए 213 रन का लक्ष्य लेकर उतरी उत्तर प्रदेश की टीम 28 रन पर दो विकेट गंवाकर संकट में थी, लेकिन करण ने प्रियम गर्ग के साथ तीसरे विकेट के लिए 59 रन जोड़े। दो विकेट फिर से जल्दी गिर जाने के बाद धैर्य से बल्लेबाजी की और प्रिंस यादव के साथ छठे विकेट के लिए 99 रन की अटूट साझेदारी करते हुए टीम को जीत दिलाई। करण ने 163 गेंद पर 13 चौकों व एक छक्के की मदद से नाबाद 93 रन बनाए, प्रिंस 33 रन पर नाबाद रहे।

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