Car Fire: क्यों आग का गोला बन रहीं कारें? सिर्फ गाजियाबाद में जनवरी से अब तक 35 कारों में लग चुकी है आग
इन दिनों कारों में आग लगने की खबरे बढ़ रही हैं। सिर्फ गाजियाबाद में जनवरी से अब तक 35 कारों में आग लग चुकी है। एक्सपर्ट का मानना है कि कार में लगी बाहर से एसेसिरीज और सीएनजी किट से आग की घटनाएं बढ़ रही हैं। इससे बचने के लिए समय-समय पर अधिकृत सर्विस सेंटर से जांच कराते रहना चाहिए।
प्रभात पांडेय, साहिबाबाद। अगर आपने भी अपनी कार या अन्य गाड़ियों में सीएनजी किट और एसेसरीज बाहर से लगवाई है, तो सतर्क रहें। इसकी वजह से आपके वाहन में आग लग सकती है। गाजियाबाद में करीब साढ़े पांच माह में 35 कारों में आग लगी है। इनमें से ज्यादातर कारों में आग लगने का कारण बाहर से लगवाई गई सीएनजी किट और एसेसरीज बनी है।
ऐसे में यदि आपकी कार में बाहर से सीएनजी किट और एसेसरीज लगी है तो समय-समय पर अधिकृत सर्विस सेंटर से जांच कराते रहें, ताकि हादसा होने से बच सकें। रुपयों के लिए बाहर से लगवाते हैं किट और एसेसरीज कार में कंपनी से फिट होकर आनी वाली सीएनजी किट और अधिकृत एसेसरीज के दाम अधिक होते हैं।
कंपनी से फिट होकर आने वाली सीएनजी और बाहर से लगने वाली सीएनजी किट में करीब 50 ये 70 हजार रुपये का फर्क आता है। इससे बचने के लिए लोग बाहर से ही सीएनजी किट लगवाते हैं। इसी का नतीजा है कि गाजियाबाद में कार में आग लगने की घटनाओं का कारण अग्निशमन विभाग की जांच में यह आया है।ये भी पढ़ें-
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आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।शॉर्ट सर्किट का बनता है खतरा
कार में तहर तरह की एसेसरीज से भले ही लुक में बदलाव आता हो, लेकिन यह आग लगने का मुख्य कारण भी बन रहा है। बाहर से कार में लगवाई गई एसेसरीज से आग लगने की घटनाएं हो रही हैं। यह शॉर्ट सर्किट का मुख्य कारण बन रही हैं।एक्सपर्ट की मानें तो बाहर से एसेसरीज लगवाने के दौरान अधिकांश जगह पर कंपनी द्वारा दी गई वायरिंग को काट दिया जाता है। वहां उसमें जोड़ लगाए जाते हैं। या वायरिंग पर लोड़ अधिक दिया जाता है। जिससे शॉर्ट सर्किट होने का खतरा बढ़ जाता है। इससे आग लगती है। गाजियाबाद जिले में साढ़े पांच माह में 35, गौतमबुद्ध नगर में एक माह पांच और हापुड़ में एक माह में दो कार में आग लगी है।यह सावधानी बरतें
- गाड़ियों में सीएनजी किट अधिकृत एजेंसी के माध्यम से ही लगवाएं।
- गाड़ी में किसी भी प्रकार की अनुचित एसेसरीज फिटिंग कराने से बचें।
- गाड़ी में सीएनजी आदि का रिसाव तो नहीं हो रहा है इस संबंध में नियमित रूप से सीएनजी सिलेंडर को चेक अवश्य कराते रहें।
- गाड़ी को चलाते समय उसमे झटका लगने से सीएनजी किट की फिटिंग ढीली हो जाती है। जिससे आग लगने की संभावना बन सकती है। इसके लिए सीएनजी किट की समय-समय पर जांच नियमित अंतराल पर कराएं।
- गर्मी में गाड़ी में दो तिहाई से अधिक गैस न भरवाएं।
- गाड़ी को अधिक समय तक धूप में न खड़ी करें। गाड़ी को ठंडा रखने के लिए गाड़ी में कूलेंट आदि को नियमित चेक करें।
- गाड़ी की सर्विसिंग नियमित समयांतराल पर अधिकृत एजेंसी से कराएं। गाड़ी में लगी एसी की भी नियमित सर्विसिंग अवश्य कराएं तथा गाड़ी में लगातार एसी का प्रयोग न करें।
- गाड़ी में धूमपान के साथ-साथ किसी भी प्रकार के ज्वलनशील पदार्थ को लेकर न जाएं।
- गर्मी में लगातार लंबी दूरी पर गाड़ी को एक साथ न चलाएं ताकि टायरों को गर्म होने से बचाया जा सके।
- गाड़ी में स्थापित बैट्री के टर्मिनल को अवश्य चेक कराए कि वहां पर लगाई गई वायरिंग आदि लूज तो नहीं है।
- आग लगने पर तुरंत सुरक्षित बाहर निकाले तथा गाड़ी से सामान आदि को बाहर निकालने का प्रयास न करे।
- आग लगने पर सहायता हेतु डायल 112/101 पर कॉल करें।
इस वर्ष अभी तक जिले में 35 कारों में आग लगने की घटनाएं हुई हैं। अधिकांश कारों में बाहर से एसेसरीज व सीएनजी किट लगवाने की वजह से आग लगी है। लोगों से अपील है कि समय-समय पर अपने वाहनों की जांच कराएं, जिससे ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
-राहुल पाल, मुख्य अग्निशमन अधिकारी।