गाजियाबाद से भाजपा ने वैश्य प्रत्याशी को क्यों उतारा, कहीं अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी भी तो वजह नहीं?
गाजियाबाद लोकसभा सीट (Ghaziabad Lok Sabha Seat) पर दूसरे चरण यानी 26 अप्रैल को मतदान होना है। भाजपा ने इस सीट से अतुल गर्ग को प्रत्याशी घोषित कर पश्चिम सहित दिल्ली के सातों लोकसभा क्षेत्रों को साधने की कोशिश की है। टिकट की रेस में सबसे अंत में अतुल गर्ग का नाम आया और पार्टी ने उनके नाम पर मुहर लगा दी।
आदित्य त्रिपाठी, गाजियाबाद। गाजियाबाद लोकसभा सीट (Ghaziabad Lok Sabha Seat) पर दूसरे चरण यानी 26 अप्रैल को मतदान होना है। भाजपा ने इस सीट से अतुल गर्ग को प्रत्याशी घोषित कर पश्चिम सहित दिल्ली के सातों लोकसभा क्षेत्रों को साधने की कोशिश की है। टिकट की रेस में सबसे अंत में अतुल गर्ग का नाम आया और पार्टी ने उनके नाम पर मुहर लगा दी। गाजियाबाद लोकसभा सीट से भाजपा ने पहली बार वैश्य समाज से प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतारा है।
अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद चर्चा में आया अतुल गर्ग का नाम
अतुल गर्ग वैश्य समाज से आते हैं। राजनीतिज्ञों का कहना है कि भाजपा में इनके नाम पर सहमति बनने के पीछे बड़ी वजह यह है कि पार्टी अपने कोर वोटर नहीं खोना चाहती है। अभी हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने आबकारी नीति घोटाले में गिरफ्तार किया है। अरविंद केजरीवाल भी वैश्य समाज से आते हैं।
अतुल गर्ग
वैश्य समाज के लोग भाजपा के कोर वोटर माने जाते हैं। दिल्ली से सटे गाजियाबाद संसदीय क्षेत्र से भाजपा ने अतुल गर्ग को इसलिए मैदान में उतारा है कि वह न केवल भाजपा के लिए सुरक्षित मानी जाने वाली गाजियाबाद लोकसभा सीट बल्कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली की सातों लोकसभा सीट पर अपना प्रभाव जमाकर भाजपा को जीत दिलाने में मददगार हो सकें।
चांदनी चौक लोकसभा सीट पर वैश्य मतदाताओं का अच्छा-खासा प्रभाव है। इसके अलावा दिल्ली के अन्य लोकसभा क्षेत्रों में भी वैश्य मतदाता निर्णायक भूमिका में है।
पार्टी नहीं चाहती है कि वैश्य समाज से आने वाले अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी का असर लोकसभा चुनाव में दिल्ली के आसपास दिखाई पड़े। यही वजह है कि लगातार वर्ष 2009 से अस्तित्व में आई गाजियाबाद लोकसभा सीट पर लगातार तीन बार से क्षत्रिय पर दांव लगाने वाली भाजपा ने किसी और वर्ग के नेता पर भरोसा जताया है।
गाजियाबाद लोकसभा संसदीय क्षेत्र की बात करें तो यहां कुल मतदाताओं की संख्या 29 लाख के आसपास है। इनमें वैश्य मतदाताओं की संख्या भी करीब साढ़े तीन लाख से अधिक होगी। ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या चार लाख, पंजाबी मतदाता दो लाख, गुर्जर मतदाता डेढ़ लाख, त्यागी मतदाता दो लाख, अनुसूचित जाति के मतदाता ढाई लाख, जाट मतदाता दो लाख, मुस्लिम मतदाता की संख्या करीब तीन लाख है।
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