यमुना एक्सप्रेस वे फास्टैग सुविधा लागू मगर हालात खराब, जाम से जूझते हजारों वाहन चालक
यमुना एक्सप्रेस वे पर फास्टैग की सुविधा जून में शुरू हुई थी। दोनों ओर की दो-दो लेन को फास्टैग किया गया शेष पर नकद भुगतान की व्यवस्था पूर्व की तरह लागू है। फास्टैग सुविधा लागू होने से उम्मीद बढ़ी थी कि अब हालत सुधर जाएंगे।
By Vinay Kumar TiwariEdited By: Updated: Thu, 15 Jul 2021 02:42 PM (IST)
ग्रेटर नोएडा, जागरण संवाददाता। यमुना एक्सप्रेस वे पर फास्टैग सुविधा लागू होने के बाद भी हालात खराब है। सिस्टम के ठीक से काम न करने के कारण फास्टैग से टोल टैक्स भुगतान करने वाले खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। टैक्स भुगतान के लिए उन्हें टोल प्लाजा पर जाम से जूझना पड़ रहा है। कर्मचारियों के प्रशिक्षित न होने से स्थित और खराब हो रही है।
जून में शुरू हुई थी फास्टैग सुविधा यमुना एक्सप्रेस वे पर फास्टैग की सुविधा जून में शुरू हुई थी। दोनों ओर की दो-दो लेन को फास्टैग किया गया, शेष पर नकद भुगतान की व्यवस्था पूर्व की तरह लागू है। फास्टैग सुविधा लागू होने से उम्मीद बढ़ी थी कि अब हालत सुधर जाएंगे, लेकिन स्थिति पहले से ज्यादा खराब हो गई है।
फास्टैग लेन में लग रहा जाम एक्सप्रेस वे पर मात्र दो-दो लेन फास्टैग की गई है। अधिकतर वाहन चालक फास्टैग से टोल टैक्स भुगतान करना पसंद कर रहे थे। इससे फास्टैग लेन में वाहनों का दबाव अधिक है, लेकिन फास्टैग सिस्टम ठीक से काम नहीं कर रहा है। मैनुअल तरीके से स्केनिंग कर टोल टैक्स वसूला जा रहा है। इससे टोल बूथ पार करने में अधिक समय लग रहा है।
फास्टैग लेन में लग रही लंबी कतारें फास्टैग भुगतान में देरी के कारण टोल बूथ पर वाहनों की लंबी कतार लग रही हैं। इससे जाम की स्थिति बन रही है। टोल बूथ पार करने में पांच से दस मिनट का समय लग रहा है। जबकि नकद भुगतान वाले कम समय में टोल पार कर रहे हैं। इससे फास्टैग वाले खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं।
डबल टोल पड़ रहा जेब पर भारी फास्टैग ठीक से स्कैन न होने के कारण बूथ कर्मचारी नकद टोल वसूलते हैं। चालक जब आगे बढ़ जाता है तो उसे फास्टैग से भी टोल कटने का संदेश मिलता है। बीच रास्ते में चालक के लिए टोल पर लौटना मुश्किल होता है। इससे चालकों को टोल टैक्स की मार पड़ रही है।
अधिकारी का बयानफास्टैग में जो खामियां आ रही हैं, उन्हें दूर कराया जाएगा। फास्टैग सुविधा लागू करने का मकसद यात्रियों को यमुना एक्सप्रेस वे पर बेहतर सुविधा देना है। जो शिकायतें मिलेगी उनका प्राथमिकता से निस्तारण होगा। -डा. अरुणवीर सिंह, सीईओ यमुना प्राधिकरण
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