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दस दिन में काला फंगस के मरीजों की संख्या 44 पर पहुंची

जागरण संवाददाता गाजियाबाद दिल्ली और लखनऊ के बाद जिले में भी म्यूकोर मायकोसिस (ब्लैक फंगस)

By JagranEdited By: Updated: Fri, 21 May 2021 08:33 PM (IST)
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दस दिन में काला फंगस के मरीजों की संख्या 44 पर पहुंची

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद: दिल्ली और लखनऊ के बाद जिले में भी म्यूकोर मायकोसिस (ब्लैक फंगस) रोग के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। विगत दस दिनों में मरीजों की संख्या पांच से सीधे 44 पर पहुंच गई है। दस मरीज ठीक हो गए हैं तो शेष का उपचार चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस रोग में दी जाने वाली दवाओं की उपलब्धता को लेकर दिशा निर्देश जारी कर दिए है। सभी मरीज निजी अस्पतालों में उपचार करा रहे हैं। करीब 19 मरीजों का राजनगर स्थित हर्ष पालीक्लीनिक में इलाज चल रहा हैं। तीन मरीज यशोदा अस्पताल में भर्ती हैं। काला फंगस की महिला मरीज को देखकर अफसर घबराए

शुक्रवार को काला फंगस की एक मरीज जिला एमएमजी अस्पताल में पहुंच गई। अफसाना नाम की इस मरीज को देखकर चिकित्सकों के होश उड़ गए। सीएमओ डा. एन के गुप्ता ने तुरंत इस महिला मरीज को मेरठ मेडिकल कालेज के लिए रैफर करवा दिया। दरअसल जिले के किसी भी अस्पताल में काला फंगस के इलाज का इंतजाम नहीं है। इस रोग की पहचान के लिए पहले जांच जरूरी है, जो निजी लैबों द्वारा ही संभव है।

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कमजोर व्यक्ति आ रहा चपेट में

जिला एमएमजी अस्पताल के सीएमएस डा.अनुराग भार्गव का कहना है कि काला फंगस कोरोना इलाज के दौरान अधिक स्टेरायड लेने एवं शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने पर होता है। इस बीमारी के लक्षणों में चेहरे पर सुन्नपन आना, एक तरफ या दोनों तरफ की नाक का बंद होना, आंखों में कालापन, सूजन, आंख की पुतली का न घूमना, अंधापन होना, आंख से दो-दो दिखाई देना मुख्य है।

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पोस्ट कोविड के पांच मरीजों की हालत बिगड़ी

पोस्ट कोविड के पांच मरीजों को हालत बिगड़ने पर शुक्रवार को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। सभी की पल्स अधिक बढ़ी हुई थी। सामान्य पल्स 60 से 90 के बीच रहती है लेकिन पांचों मरीजों की पल्स 120 से 125 पाई गई। पल्स कम करने की दवाएं देकर ठीक किया गया है। पांचों मरीजों को भर्ती कर लिया गया है। सीएमएस ने बताया कि इन मरीजों का उपचार डा. सुनील कात्याल की देखरेख में चल रहा है। जिले में काला फंगस रोग से संबंधित अब तक आन रिकार्ड 44 मरीज हैं। दस मरीज ठीक हो गए हैं और शेष का निजी अस्पतालों में उपचार चल रहा है। एक-एक मरीज की निगरानी की जा रही है। दवाओं की उपलब्धता के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। जिले में काला फंगस से किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई है। कोरोना से ठीक होने वाले गंभीर रोगियों में यह रोग फैल रहा है। सावधानी बरतने की जरूरत है। डरने की कतई जरूरत नही है।

-डा. एनके गुप्ता, सीएमओ

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