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आउटर पर ट्रेनें नहीं खड़ी होंगी, निर्धारित प्लेटफार्म भी नहीं बदलेगा

कानपुर से गाजियाबाद तक दौड़ने वाली ट्रेनों की निगरानी अब टुंडला में बने सेंट्रलाइज्ड ट्रैफिक कंट्रोल रूम से शुरू कर दी गई है। गाजियाबाद से कानपुर के बीच पड़ने वाले 47 स्टेशनों में 27 स्टेशन सीटीसी से कनेक्ट किये गये हैं। सीटीसी रूम में लगे एलईडी में अप, डाउन व लूप लाइन में खड़ी ट्रेनों की लोकेशन दिखायी देगी। जिससे इन ट्रेनों का स्टेशन पर संचालन जो अभी तक स्टेशन मास्टर करता था, अब सीटीसी रूम से हो सकेगा। इससे सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि स्टेशन पर ट्रेनों का निर्धारित प्लेटफार्म नहीं बदलेगा। वहीं ट्रेनों की समय सारणी भी काफी हद तक सही हो सकेगी।

By JagranEdited By: Updated: Wed, 29 Aug 2018 09:46 PM (IST)
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आउटर पर ट्रेनें नहीं खड़ी होंगी, निर्धारित प्लेटफार्म भी नहीं बदलेगा

सुयश वाजपेयी, गाजियाबाद : कानपुर से गाजियाबाद तक दौड़ने वाली ट्रेनों की निगरानी अब टूंडला में बने सेंट्रलाइज्ड ट्रैफिक कंट्रोल रूम से शुरू कर दी गई है। गाजियाबाद से कानपुर के बीच पड़ने वाले 47 स्टेशनों में 27 स्टेशन सीटीसी से कनेक्ट किए गए हैं। सीटीसी रूम में लगे एलईडी में अप, डाउन व लूप लाइन में खड़ी ट्रेनों की लोकेशन दिखाई देगी। जिससे इन ट्रेनों का स्टेशन पर संचालन जो अभी तक स्टेशन मास्टर करते थे, अब सीटीसी रूम से हो सकेगा। इससे सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि स्टेशन पर ट्रेनों का निर्धारित प्लेटफार्म नहीं बदलेगा। वहीं ट्रेनों की समय सारणी भी काफी हद तक सही हो सकेगी।

अभी तक अक्सर स्टेशन पर ट्रेनों के प्लेटफार्म बदलने की घटनाएं होती रहती हैं। अचानक प्लेटफार्म बदलने से यात्रियों को भी समस्या होती है। इधर से उधर जाने में अक्सर चुटहिल हो जाते हैं। इस व्यवस्था से ऐसी घटनाओं पर लगाम लगेगी। स्टेशन पर प्लेटफार्म का निर्धारण सीटीसी रूम से ही होगा। अभी तक स्थानीय स्टेशन मास्टर ही इसे तय करते थे। सीपीआरओ गौरव कृष्ण बंसल ने बताया कि सेंट्रलाइज्ड ट्रैफिक कंट्रोल रूम हाई टेक्नोलॉजी से लैस है, ये करोड़ों रूपये की लागत से बनाया गया है। गाजियाबाद से कानपुर के बीच चलने वाली ट्रेनों की लोकेशन इस रूम में दिखाई देगी। जिससे रूम में बैठे कर्मी ट्रैफिक के हिसाब से ट्रेनों को पास करा सकेंगे। अगर ट्रेन कहीं पर किसी वजह से रुक जाती है तो कंट्रोल रूम में बैठे कर्मचारी को तुरंत पता लग सकेगा। जिसके बाद वो जरूरत के मुताबिक ट्रेनों का रूट बदल सकेगा। अनावश्यक रूप से आउटर पर खड़ी रहने वाली ट्रेनों को राहत मिलेगी। वैसे तो ये योजना अभी पहले स्तर पर ही है, आगे चलकर इसमें अन्य स्टेशनों को भी जोड़ा जाएगा।

एक नजर:-

कानपुर से गाजियाबाद के बीच स्टेशन- 47

कितने स्टेशनों पर लागू हुई योजना- 27

रूट पर चलने वाली ट्रेनें- 400(लगभग)

यात्रियों की संख्या- 3 लाख(लगभग) कानपुर से गाजियाबाद के बीच ट्रेनों का संचालन प्रथम चरण में शुरू हुआ है। जिसमें 27 स्टेशनों को कवर किया जा रहा है। इन स्टेशनों के बीच यातायात योजना बनाने में काफी आराम मिलेगा। इससे ट्रेनों की लेट लतीफी पर भी रोक लगाने में मदद मिलेगी।

- गौरव कृष्ण बंसल, सीपीआरओ, एनसीआर

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