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प्रदूषण कम करने के लिए डस्ट कंट्रोल आडिट पोर्टल का सहारा

धनंजय वर्मा साहिबाबाद उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) ने प्रदूषण की रोकथाम के लिए पहली बार डस्ट कंट्रोल आडिट पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाने की शुरुआत की है। उत्तर प्रदेश में सभी विभागों को निर्माण कार्य से पहले प्रोजेक्ट को डस्ट कंट्रोल आडिट पोर्टल पर पंजीकृत कराना होगा। इसके तहत 33 बिदुओं पर निर्माणकर्ता को ब्योरा देना पड़ेगा। इसकी उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) जांच करेगा। खामी मिली तो प्रोजेक्ट पर रोक या जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

By JagranEdited By: Updated: Thu, 19 Aug 2021 11:04 PM (IST)
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प्रदूषण कम करने के लिए डस्ट कंट्रोल आडिट पोर्टल का सहारा

धनंजय वर्मा, साहिबाबाद : उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) ने प्रदूषण की रोकथाम के लिए पहली बार डस्ट कंट्रोल आडिट पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाने की शुरुआत की है। उत्तर प्रदेश में सभी विभागों को निर्माण कार्य से पहले प्रोजेक्ट को डस्ट कंट्रोल आडिट पोर्टल पर पंजीकृत कराना होगा। इसके तहत 33 बिदुओं पर निर्माणकर्ता को ब्योरा देना पड़ेगा। इसकी उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) जांच करेगा। खामी मिली तो प्रोजेक्ट पर रोक या जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

गाजियाबाद जिला अक्सर विश्व के प्रदूषित शहरों में शामिल रहता है। ऐसे में अभी से ही वायु प्रदूषण की रोकथाम कि लिए यूपीपीसीबी की ओर से तैयारी शुरू है। यूपीपीसीबी के गाजियाबाद में क्षेत्रीय अधिकारी उत्सव शर्मा का कहना है कि बोर्ड कि वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए बोर्ड की ओर से डस्ट कंट्रोल आडिट पोर्टल बनाया गया है। अब हर निर्माण प्रोजेक्ट को इस पोर्टल पर पंजीकृत करना होगा। निर्माणकर्ता खुद ही प्रदूषण की रोकथाम को लेकर पोर्टल पर 33 बिदुओं पर ब्योरा देंगे। साथ ही समय-समय पर ब्योरा अपडेट भी करेंगे। इसकी यूपीपीसीबी की ओर से जांच की जाएगी। जांच में कमी मिली तो प्रोजेक्ट पर रोक लगाने या जुर्माना लगाने की कार्रवाई की जा सकती है।

विभागों को भेजा गया नोटिस : क्षेत्रीय प्रबंधक उत्सव शर्मा का कहना है कि गाजियाबाद विकास प्राधिकरण, नगर निगम, आवास विकास, जल निगम, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, लोक निर्माण विभाग समेत कई विभागों को नोटिस भेजा गया है। नोटिस में कहा गया है कि कोई भी निर्माण कार्य का प्रोजेक्ट चाहे वह खुद कर रहे हैं या किसी संस्था के माध्यम से करवाया जा रहा है, सभी का पंजीकरण अनिवार्य है।

33 बिदुओं पर देना होगा ब्योरा : प्रोजेक्ट पर धूल न उड़े इसके लिए सीवेज ट्रीटमेंट के शोधित पानी का छिड़काव हो। साइट पर एंटी स्मोक गन हो। साइट का डिजाइन ऐसा हो कि ज्यादा धूल न हो। निर्माण सामग्री ढंककर कम दूरी से लाया जाए। ज्यादा निर्माण सामग्री न स्टोर की जाए। निर्माण समग्री को ढंककर रखा जाए। साइट के चारों ओर हरा कपड़ा लगाएं, ताकि धूल न उड़े। तेज हवा चलने पर काम बंद रखा जाए। ईट के वाहनों का प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र होना चाहिए। वाहनों व पहिए से नियमित धूल की सफाई हो। डीजी सेट की चिमनी की पर्याप्त ऊंचाई समेत 33 बिदुओं पर ब्योरा देना होगा।

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