प्रदूषण कम करने के लिए डस्ट कंट्रोल आडिट पोर्टल का सहारा
धनंजय वर्मा साहिबाबाद उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) ने प्रदूषण की रोकथाम के लिए पहली बार डस्ट कंट्रोल आडिट पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाने की शुरुआत की है। उत्तर प्रदेश में सभी विभागों को निर्माण कार्य से पहले प्रोजेक्ट को डस्ट कंट्रोल आडिट पोर्टल पर पंजीकृत कराना होगा। इसके तहत 33 बिदुओं पर निर्माणकर्ता को ब्योरा देना पड़ेगा। इसकी उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) जांच करेगा। खामी मिली तो प्रोजेक्ट पर रोक या जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
धनंजय वर्मा, साहिबाबाद : उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) ने प्रदूषण की रोकथाम के लिए पहली बार डस्ट कंट्रोल आडिट पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाने की शुरुआत की है। उत्तर प्रदेश में सभी विभागों को निर्माण कार्य से पहले प्रोजेक्ट को डस्ट कंट्रोल आडिट पोर्टल पर पंजीकृत कराना होगा। इसके तहत 33 बिदुओं पर निर्माणकर्ता को ब्योरा देना पड़ेगा। इसकी उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) जांच करेगा। खामी मिली तो प्रोजेक्ट पर रोक या जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
गाजियाबाद जिला अक्सर विश्व के प्रदूषित शहरों में शामिल रहता है। ऐसे में अभी से ही वायु प्रदूषण की रोकथाम कि लिए यूपीपीसीबी की ओर से तैयारी शुरू है। यूपीपीसीबी के गाजियाबाद में क्षेत्रीय अधिकारी उत्सव शर्मा का कहना है कि बोर्ड कि वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए बोर्ड की ओर से डस्ट कंट्रोल आडिट पोर्टल बनाया गया है। अब हर निर्माण प्रोजेक्ट को इस पोर्टल पर पंजीकृत करना होगा। निर्माणकर्ता खुद ही प्रदूषण की रोकथाम को लेकर पोर्टल पर 33 बिदुओं पर ब्योरा देंगे। साथ ही समय-समय पर ब्योरा अपडेट भी करेंगे। इसकी यूपीपीसीबी की ओर से जांच की जाएगी। जांच में कमी मिली तो प्रोजेक्ट पर रोक लगाने या जुर्माना लगाने की कार्रवाई की जा सकती है।