Move to Jagran APP

Asia Book Records : 118 वर्ष पुरानी उर्दू की मतदाता सूची एशिया बुक आफ रिका‌र्ड्स में दर्ज, 20 सालों से नसीम कर रहे हैं दुर्लभ वस्तुओं का संग्रह

उर्दू मतदाता सूची ब्रिटिश शासन काल के वर्तमान विधानसभा क्षेत्र जमानियां की है। प्रत्येक वर्ष की मतदाता सूची में सिर्फ 50 पुरुषों के नाम अंकित हैं। तब इस तहसील में कुल 50 मतदाता हुआ करते थे और उन्हीं में से चार प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरते थे और बाकी 46 सदस्य उन प्रत्याशियों में चुनाव के लिए मतदान करते थे।

By Jagran News Edited By: Mohammed Ammar Published: Sun, 23 Jun 2024 10:05 PM (IST)Updated: Sun, 23 Jun 2024 10:05 PM (IST)
नसीम को अपने पूर्वजों से मिली हैं तमाम सूची

जागरण संवाददाता, गाजीपुर : ऐतिहासिक दुर्लभ दस्तावेज-वस्तुओं का 20 वर्षों से संग्रह कर रहे नसीम रजा खां का श्रम आखिरकार रंग लाया। उनके संग्रह में शामिल 118 वर्ष पुरानी उर्दू की मतदाता सूची एशिया को इंडिया बुक आफ रिका‌र्ड्स में दर्ज किया गया है। नसीम ने 1904 से अब तक की मतदाता सूची धरोहर के रूप में संरक्षित की है, लेकिन शुरुआती दो साल के पेज ठीक से समझ में नहीं आने के कारण 120 वर्ष के बजाय 118 वर्ष पूर्व की सूची को ही मान्यता प्रदान की गई है।

पहले भी की हैं पुरानी सूची जमा

अल दीनदार शम्सी म्यूजियम एंड रिसर्च सेंटर के संस्थापक एवं संग्रहकर्ता नसीम रजा खां ने बताया कि एशिया बुक आफ रिका‌र्ड्स की ओर से कोरियर के माध्यम से शनिवार को सर्टिफिकेट, मेडल, बैज, पेन और गाड़ी स्टिकर मिला। 118 वर्ष पूर्व की उर्दू भाषा की मतदाता सूची, जो वर्ष 1904 से 1905, 1906 से 1907 व 1918 से 1919 तक की है। इसके अलावा वर्ष 1954 की हिंदी व उर्दू भाषा की भी मतदाता सूची है, जिसमें केवल 26 मुस्लिम मतदाताओं के नाम दर्ज हैं। हिंदू सहित अन्य समुदाय की मतदाता सूची की खोज शोध के लिए जारी है।

ब्रिटिश काल की भी सूची हैं शामिल 

उर्दू मतदाता सूची ब्रिटिश शासन काल के वर्तमान विधानसभा क्षेत्र जमानियां की है। प्रत्येक वर्ष की मतदाता सूची में सिर्फ 50 पुरुषों के नाम अंकित हैं। तब इस तहसील में कुल 50 मतदाता हुआ करते थे और उन्हीं में से चार प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरते थे और बाकी 46 सदस्य उन प्रत्याशियों में चुनाव के लिए मतदान करते थे। हार-जीत के उपरांत चुने गए एक मेंबर 'लोकल बोर्ड मेंबर' कहलाते थे, जो क्षेत्र के विकास के लिए काम करते थे।

पूर्वजों से प्राप्त हुई हैं सूची

आजादी से पहले तहसील क्षेत्र के विकास के लिए चुनाव होता था। मतदाता सूची तैयार करने के लिए क्षेत्र के हर गांव से तीन-चार सम्मानित लोगों का चयन किया जाता था। इस मतदाता सूची में क्षेत्र के जमींदार एवं मुखिया तथा सम्मानित व्यक्ति को रखा जाता था, जो सरकार को लगान अथवा कर जमा करते थे।

नसीम के अनुसार यह मतदाता सूची, उनके पूर्वजों से प्राप्त हुई है। इसमें इनके परिवार के चार पूर्वज सहित दादा नसीरुद्दीन खां, परदादा मंसूर अली खां आदि जमींदारों के नाम अंकित हैं।


This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.