Babu Jagjivan Ram: मजदूरों और दलितों के मसीहा थे 'बाबू जगजीवन राम', दो बार बनते-बनते रह गए प्रधानमंत्री
Babu Jagjivan Ram बाबू जगजीवन राम का भारत के संसदीय लोकतंत्र के विकास में अमूल्य योगदान रहा है और आज कांग्रेस पार्टी उन्हीं के सिद्धांतों भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था के सिद्धांतों पर आगे बढ़ रही है। एआईसीसी सदस्य रविकांत राय ने कहा कि भोजपुर बिहार के चंदवा में जन्मे बाबू जगजीवन राम 1946 में जवाहरलाल नेहरू की अंतरिम सरकार में सबसे कम उम्र के मंत्री बने थे।
By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Fri, 07 Jul 2023 09:44 AM (IST)
गाजीपुर, संवाद सहयोगी। भारत के संसदीय लोकतंत्र के विकास में अमूल्य योगदान देने वाले पहले दलित उप प्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम की पुण्यतिथि कांग्रेस पार्टी ने कैंप कार्यालय में उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। जिलाध्यक्ष सुनील राम ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन में अपना बहुमूल्य योगदान देने वाले और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता व दलित होते हुए बहुजन समाज के चिंतक थे।
बाबू जगजीवन राम की 37वीं पुण्यतिथि पर जनपद के विभिन्न जगहों पर सभा की गई। वक्ताओं ने कहा जब भी भारत की आजादी की बात होती है तो देश की स्वतंत्रता की लड़ाई में अहम भूमिका निभाने वाले क्रांतिकारियों में बाबू जगजीवन राम का जिक्र आता है। भारत के उप प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री रहे बाबू जगजीवन राम का छह जुलाई 1986 को 78 वर्ष की उम्र में निधन हुआ था।
भारत के संसदीय लोकतंत्र में रहा अमूल्य योगदान
बाबू जगजीवन राम का भारत के संसदीय लोकतंत्र के विकास में अमूल्य योगदान रहा है और आज कांग्रेस पार्टी उन्हीं के सिद्धांतों भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था के सिद्धांतों पर आगे बढ़ रही है। एआईसीसी सदस्य रविकांत राय ने कहा कि भोजपुर बिहार के चंदवा में जन्मे बाबू जगजीवन राम 1946 में जवाहरलाल नेहरू की अंतरिम सरकार में सबसे कम उम्र के मंत्री बने थे।श्रम मंत्री के रूप में भारत के पहले कैबिनेट और भारत की संविधान सभा के सदस्य भी बने। इसमें प्रदेश सचिव डा. जनक कुशवाहा, संदीप विश्वकर्मा, पीसीसी सदस्य अजय कुमार श्रीवास्तव, सुमन चौबे, आशुतोष गुप्ता, महबूब निशा, चंद्रिका सिंह, राजीव कुमार सिंह, दिव्यांशु पांडेय, सतीश उपाध्याय, हामिद अली, आलोक यादव, उमाशंकर सिंह फौजी, शंभू कुशवाहा, कमलेश्वर प्रसाद शर्मा, गुलबाग यादव, डब्बू राम बिंद आदि रहे।
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