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Paper Leak Case: बसपा-सपा की सरकारों में खूब फली-फूली बेदी राम की पेपर लीक की ‘बेल’, एक वीडियो से खुल गई सारी पोल

बेदी राम का नेटवर्क सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के अलग-अलग हिस्सों में फैला था वह अपने गुर्गों की बदौलत पेपर लीक जैसी घटनाओं को बखूबी अंजाम देता था। डेढ़ दशक पहले बेदी राम के ऊपर शिकंजा कसने लगा और इसके बाद एसटीएफ को उसे गिरफ्तार करने का जिम्मा सौंपा गया। हर बार बेदी राम पुलिस की टीम को चकमा देकर फरार हो जाता था।

By Shivanand Rai Edited By: Vivek Shukla Published: Sat, 29 Jun 2024 09:09 AM (IST)Updated: Sat, 29 Jun 2024 09:09 AM (IST)
सुभासपा के विधायक बेदी राम ने वीडियो पर सफाई दी है। जागरण

शिवानंद राय, जागरण, गाजीपुर। जखनियां से सुभासपा विधायक बेदीराम की देश के विभिन्न प्रांतों में आयोजित होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक में नाम आने के बाद सियासी घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस के एक्स हैंडिल से जहां विधायक को लेकर मोदी व योगी पर निशाना साधा है, वहीं सपा मुखिया अखिलेश यादव ने ट्वीट किया है कि क्या अब भी कोई सबूत चाहिए, लेकिन बेदीराम के पेपर लीक की बेल बसपा व सपा सरकारों में खूब फली फूली।

धनबल के बूते पत्नी को जौनपुर के जलालपुर से ब्लाकप्रमुख बनाया और फिर सपा-सुभासपा गठबंधन से ही वह जखनियां से विधायक बनने में कामयाब हुए। सपा सरकार के दौरान ही 2014 में बेदी राम की गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ ने अकूत संपत्ति कुर्क करने की अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपी थी।

माना जा रहा है कि अगर तब सरकार ने बेदी राम पर शिकंजा कसा होता तो शायद आज वह माननीय बनकर अपनी आपराधिक कृत्यों को संरक्षण नहीं दे पाते।

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मूलरूप से जौनपुर के जलालपुर थाना क्षेत्र के कुसिया निवासी बेदी राम का ठिकाना 3\52विकांतखंड गोमतीनगर लखनऊ है। स्नातक पास बेदी राम रेलवे में नौकरी के दौरान से ही भर्ती कराने के इस दलदल में कूद पड़े।

बेदी राम के खिलाफ पहला मुकदमा बसपा सरकार में वर्ष 2006 में लखनऊ के कृष्णानगर थाने में दो मुकदमे, वर्ष 2008 से 14 में गोमतीनगर, आशियाना में दो मुकदमे दर्ज हुए। इस बीच राजस्थान, मध्यप्रदेश में भी एसटीएफ ने मुकदमे दर्ज किए।

तत्कालीन बसपा व सपा की सरकारों ने उन मुकदमों में सख्ती से कार्रवाई की होती तो वह इसकदर अपना देशभर में पेपरलीक का नेटवर्क नहीं चला पाते। रेलवे के स्तर से कार्रवाई और पुलिस मुकदमे दर्ज होने के बाद बेदी राम ने सत्ता के गलियारे में पकड़ बना ली।

वर्ष 2007 में पहली बार वाराणसी के कोलासला से निर्दल भाग्य आजमाया। हालांकि हार का मुंह देखना पड़ा था। इसके बाद वर्ष 2010 में जौनपुर के जलालपुर ब्लाक क्षेत्र से पत्नी बदामा देवी व खुद रामपुर क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा, लेकिन धनबल के प्रयोग के बावजूद दोनों हार गए।

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वर्ष 2021 में जलालपुर ब्लाक से पत्नी को निर्दल ब्लाक प्रमुख बनाने में कामयाब हो गए। फिर सपा-सुभासपा गठबंधन का फायदा उठाते हुए बेदीराम जखनियां से विधायक बनकर सदन में पहुंचने में सफल हो गए।

कॉल लेटर आए तो कर लेना एक कॉल, बेदी राम दिलाएंगे नौकरी

जखनियां विधायक बेदी राम के पेपर लीक कर छात्रों को नौकरी दिलाने की करतूत को सुभासपा मुखिया ओमप्रकाश राजभर भी बखूबी जानते थे। ओमप्रकाश राजभर का भी एक वीडियो प्रसारित हो रहा है, जिसमें वह कह रहे हैं कि किसी विभाग में आपके, भाई, बच्चे को नौकरी चाहिए तो फार्म भरने के बाद काल लेटर आ जाए तो कॉल कर लेना।

आगे कहा कि निश्चित है जुगाड़ तो बना देंगे। देखने में ऐसे लग रहे हैं इनके कई लाख चेला लोग नौकरी कर रहे हैं। सबको नौकरी दी है। आपलोग मेहनत कर रहे हो तो आपको भी नौकरी चाहिए। पढ़ाई लिखाई बच्चों को चाप के कराइए। हमने नौकरी देने व दिलाने वाले को पकड़ना शुरू कर दिया है। बेदी राम नौकरी दिलाने के माहिर है। आप लेने के लिए तैयार रहिए। दैनिक जागरण इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है।

ओमप्रकाश राजभर को तत्काल मंत्री पद से बर्खास्त करे सरकार

आजाद अधिकारी सेना के अध्यक्ष पूर्व आइपीएस अमिताभ ठाकुर ने कहा कि सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर को बेदीराम के पेपर लीक के मुकदमों का पता था। बावजूद उन्होंने उन्हें टिकट देकर विधायक बनाया। वह भी इसके लिए दोषी हैं। परीक्षाओं की शुचिता को बनाए रखने के लिए सरकार को मंत्री व विधायक के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।

पेपर लीक में विधायक ने दी सफाई, कहा मेरा दूर-दूर तक कोई नाता नहीं

सुभासपा के विधायक बेदी राम ने कहा कि यह वीडियो काफी पुराना है ,जिसे तोड़-मरोड़ कर प्रसारित किया गया है। जिसकी जांच एजेंसियां कर रहीं हैं। मैंने कुछ नहीं किया है। मेरा दूर-दूर तक कोई नाता नहीं रहा है।

पुरानी वीडियो को एडिट करके बदनाम करने की साजिश है। मैं दलित विधायक हूं। दलितों का हमेशा शोषण हुआ है। हमारे विरोधियों के पास कोई साक्ष्य नहीं है। मैं विधायक होने के बाद ऐसा कार्य कैसे कर सकता। यह समझने की बात है।


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