Rajya Sabha Candidate बिंद समाज से ताल्लुक रखने वाली संगीता बलवंत ने वर्ष 1997 में पीजी कालेज छात्र संघ के चुनाव में उपाध्यक्ष बनीं थी। तब कालेज के चुनाव में कोई महिला प्रत्याशी राजनीति में नहीं थी। पहली बार उपाध्यक्ष बनकर संगीता बलवंत सियासी राह पर चल पड़ी। इसके बाद वह बसपा से 2005 से 10 तक सदर तृतीय से जिला पंचायत सदस्य चुनीं गई।
जागरण संवाददाता, गाजीपुर।
Rajya Sabha Candidate: पहली बार पीजी कालेज के छात्रसंघ के चुनाव में महिला प्रत्याशी के तौर पर सियासी सफर शुरू करने वाली संगीता बलवंत को राज्यसभा सदस्य के लिए प्रत्याशी बनाकर भाजपा ने पूर्वांचल की सियासत में जातिगत समीकरण को साधने की पूरी कोशिश की है। इससे न सिर्फ जनपद के बिंद समाज को पार्टी ने बड़ा तोहफा दिया है, बल्कि पिछड़ी जातियों को भी खुश किया है।
बिंद समाज से ताल्लुक रखने वाली संगीता बलवंत ने वर्ष 1997 में पीजी कालेज छात्र संघ के चुनाव में उपाध्यक्ष बनीं थी। तब कालेज के चुनाव में कोई महिला प्रत्याशी राजनीति में नहीं थी। पहली बार उपाध्यक्ष बनकर संगीता बलवंत सियासी राह पर चल पड़ी। इसके बाद वह बसपा से 2005 से 10 तक सदर तृतीय से जिला पंचायत सदस्य चुनीं गई। वर्ष 2013 में मनोज सिन्हा ने उन्हें भाजपा की सदस्यता दिलाई।
भाजपा ने 2017 के चुनाव में पहली बार बनाया प्रत्याशी
वर्ष 2017 के चुनाव में भाजपा ने उन्हें पहली बार सदर विधानसभा से प्रत्याशी बनाया और वह जीतकर विधायक बनीं। विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी ने उन्हें सहकारिता राज्यमंत्री बनाया था। हालांकि विधानसभा चुनाव में बिरादरी की नाराजगी की वजह से उन्हें करीब डेढ़ हजार मतों से हार का मुंह देखना पड़ता था। इसके बाद से वह हासिए पर थीं।
भाजपा हाईकमान ने डा. संगीता बलवंत को राज्यसभा प्रत्याशी बनाकर जनपद को एक तोहफा दिया है। क्योंकि लोकसभा व विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद कार्यकर्ताओं में मायूसी रही।
माना जा रहा है कि हाईकमान ने संगीता बलवंत को राज्य सभा सदस्य के लिए प्रत्याशी बनाकर जनपद में करीब डेढ़ लाख बिंद के साथ-साथ पूर्वांचल के पिछड़ी जाति के वोटरों को साधने का प्रयास किया है।
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