'मैं चाणक्य का शिष्य हूं… नंदवंश का नाश कैसे होता है यह मैं ठीक से जानता हूं…', BJP प्रत्याशी के बयान पर मचा घमासान
गाजीपुर से बीजेपी प्रत्याशी पारस नाथ राय ने पार्टी कार्यालय पर मीडिया कर्मियों में वार्ता में कहा कि मैं एक शिक्षक रहा कालेज का प्रधानाचार्य रहा। मेरे विद्यालय में 90 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले बच्चे रहे हैं। सपा प्रत्याशी अफजाल अंसारी के सामने चुनाव लड़ने के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मैं चाणक्य का शिष्य हूं और नंदवंश का...
संवाद सहयोगी, गाजीपुर। मैं चाणक्य का शिष्य हूं और नंदवंश का नाश कैसे होता है, यह मैं ठीक से जानता हूं। इसे बताने की जरूरत नहीं है। भाजपा प्रत्याशी पारस नाथ राय के इस बयान का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर इस समय काफी तेजी से प्रसारित हो रहा है। लोग इस बयान के कई मायने निकाल रहे हैं, तो विपक्षी पार्टियों ने इसकी निंदा की है।
पारस नाथ राय ने पार्टी कार्यालय पर मीडिया कर्मियों में वार्ता में कहा कि मैं एक शिक्षक रहा, कालेज का प्रधानाचार्य रहा। मेरे विद्यालय में 90 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले बच्चे रहे हैं।
नंदवंश का नाश कैसे होता है ये ठीक से जानता हूं- पारस नाथ
सपा प्रत्याशी अफजाल अंसारी के सामने चुनाव लड़ने के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मैं चाणक्य का शिष्य हूं और नंदवंश का नाश कैसे होता है यह मैं ठीक जानता हूं। आपको लग रहा है वाकओवर तो इसके लिए मैं क्या कर सकता हूं।
जातिगत समीकरण के सवाल पर कहा कि पूरे देश में जातिगत समीकरण टूटे हैं, अगर समीकरण रहता तो नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं होते। जिले में जो उदाहरण दे रहे हैं, वह पिछले चुनाव को भी देख सकते हैं। मनोज सिन्हा 2014 के चुनाव से भी एक लाख 48 हजार अधिक वाेट 2019 में पाए थे।
अगर जातिगत समीकरण रहता तो ऐसा नहीं होता। उस समय अगर यह अलग-अलग लड़ते तो एक लाख वोट से हारते। इस बयान का लोग अलग-अलग मायने निकाल रहे हैं। कुछ लोग इसे एक बिरादरी से जोड़कर देख रहे हैं।
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