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नेपाल विमान हादसे के 15 माह बाद मिला मुआवजा, लेकिन अब भी आवास के लिए इंतजार; जर्जर घरों में रहने को मजबूर पीड़ित परिवार

15 जनवरी 2023 को यति एयरलाइंस का 72 सीटर विमान नेपाल के पोखरा में क्रैश हो गया था। इस हादसे में जनपद के क्षेत्र चकजैनब निवासी सोनू जायसवाल पुत्र राजेंद्र जायसवाल अनिल राजभर पुत्र रामदरस राजभर अलावलपुर निवासी विशाल शर्मा पुत्र संतोष शर्मा व धरवां निवासी अभिषेक कुशवाहा की मौत हो गई थी। पीड़ित तीनों परिवारों को आवास देने का निर्देश अधिकारियों को दिया गया था लेकिन...

By Jitendra Kumar Verma Edited By: Riya Pandey Updated: Sat, 13 Apr 2024 07:45 PM (IST)
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नेपाल विमान हादसे के 15 माह बाद भी जर्जर घरों में रहने को मजबूर पीड़ित परिवार

संवाद सूत्र, कासिमाबाद (गाजीपुर)। नेपाल के पोखरा में हुए विमान हादसे के 15 माह बाद यति एयरलाइंस ने मुआवजे की धनराशि तो दे दिया लेकिन प्रशासन ने आज तक जर्जर घर में रह रहे दो परिवारों को आवास नहीं दिया। इस हादसे में कासिमाबाद तहसील के चार दोस्तों की मौत हुई थी।

तब प्रदेश सरकार की तरफ से ढांढ़स बंधाने आए स्टांप मंत्री रवींद्र जायसवाल ने चारों परिवारों को आवास योजना का लाभ देने का आश्वासन दिया था, लेकिन सिर्फ एक परिवार को ही इसका लाभ मिला। बाकी को सरकारी आवास मिलने का इंतजार है।

15 जनवरी 2023 को यति एयरलाइंस का 72 सीटर विमान नेपाल के पोखरा में क्रैश हो गया था। इस हादसे में जनपद के क्षेत्र चकजैनब निवासी सोनू जायसवाल पुत्र राजेंद्र जायसवाल, अनिल राजभर पुत्र रामदरस राजभर, अलावलपुर निवासी विशाल शर्मा पुत्र संतोष शर्मा व धरवां निवासी अभिषेक कुशवाहा की मौत हो गई थी।

हादसे के बाद दुख जताने पहुंचे जनपद के प्रभारी मंत्री रवींद्र जायसवाल ने अनिल राजभर का कच्चा मकान और विशाल शर्मा व अभिषेक राजभर का अर्द्धकच्चा मकान देखने के बाद तीनों आवास देने का निर्देश अधिकारियों को दिया था। बाद में केवल अनिल के पिता रामदरश राजभर को ही आवास मिला।

अभिषेक कुशवाहा के पिता चंद्रमा कुशवाहा ने तो आवास का इंतजार करते करते अपना खंडहर का रूप ले चुके मकान को गिरवा दिया। अब मुआवजे की राशि से मकान का निर्माण करवा रहे हैं। बताया कि अधिकारी केवल आश्वासन दे रहे थे। ग्राम प्रधान एक महीने और इंतजार करने के लिए कह रहे थे लेकिन रहने के लिए मकान नहीं था। बताया कि मुझसे भी ज्यादा खराब स्थिति विशाल शर्मा के पिता संतोष शर्मा के मकान की है।

संतोष शर्मा मुन्ना ने बताया कि उनका घर काफी जर्जर हो चुका है। रहने लायक नहीं बचा। सभी ने आवास देने का आश्वासन दिया था लेकिन आजतक कुछ नहीं हुआ। बताया लंबे इंतजार के बाद विमान कंपनी ने बीमा की राशि दी है। प्रदेश सरकार ने भी पहले पांच-पांच लाख का मुआवजा दिया था।

बीडीओ सुवेदिता सिंह के अनुसार, पीड़ित परिवारों का नाम सूची में शामिल कर लिया गया है। इस वित्तीय वर्ष में आवास मिल जाएगा।

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