UP Lok Sabha Election: इन दो दिग्गजों के बीच 33 साल से चल रही दुश्मनी, अब गठबंधन में हुए एक साथ, 'हाथ' मिला, 'दिल' नहीं
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के बड़े भाई अवधेश राय की हत्या में उनकी मजबूत पैरवी और गवाही पर ही मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर एक्ट के मामले में दस साल की सजा हुई थी। अजय राय और अंसारी बंधुओं की अदावत जगजाहिर है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मुख्तार के बड़े भाई अफजाल अंसारी के पक्ष में प्रचार करने आएंगे।
शिवानंद राय, जागरण गाजीपुर। सियासत में कब दोस्ती हो जाए और कब दुश्मनी कुछ कहना मुश्किल है, लेकिन गाजीपुर संसदीय सीट पर पहले से चली आ रही अदावत सियासत पर भारी है। आइएनडीआइए घटक दलों की दो प्रमुख पार्टियां कांग्रेस और सपा ने प्रदेश स्तर पर हाथ तो मिला लिया है लेकिन जनपद में दिल नहीं मिल सका है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के बड़े भाई अवधेश राय की हत्या में उनकी मजबूत पैरवी और गवाही पर ही मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर एक्ट के मामले में दस साल की सजा हुई थी। अजय राय और अंसारी बंधुओं की अदावत जगजाहिर है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मुख्तार के बड़े भाई अफजाल अंसारी के पक्ष में प्रचार करने आएंगे।
यहां आइएनडीआइए गठबंधन की ओर से सपा के टिकट पर अफजाल अंसारी प्रत्याशी हैं। चुनाव में गठबंधन के घटक दलों के नेताओं को भी प्रचार के लिए बुलाने की तैयारी है।
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पिछले दिनों कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय ने यहां जनसभा भी की, लेकिन सबकी नजर प्रदेश अध्यक्ष अजय राय पर टिकी हैं। क्योंकि अफजाल अंसारी के छोटे भाई मुख्तार अंसारी और अजय राय के बीच तीन दशक से दुश्मनी रही है।
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33 साल से चल रही दुश्मनीतीन अगस्त 1991 को अजय राय के बड़े भाई अवधेश राय की वाराणसी के लहुराबीर आवास के सामने गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में मुख्तार अंसारी का नाम सामने आया। इस मामले में पुलिस ने अवधेश राय हत्याकांड को आधार बनाकर गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज किया।अजय राय की कई बार गवाही हुई। हर तारीख पर वह मुख्तार अंसारी को सजा दिलाने के लिए डटे रहते थे। एमपी-एमएलए कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर में दस साल की सजा सुनाई थी। वहीं वाराणसी में भी अवधेश राय हत्याकांड में मुख्तार अंसारी को आजीवन कारावास की सजा हुई थी।
पिछले चुनाव में कांग्रेस को मिले 20 हजार से कम वोट2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के अजीत कुमार कुशवाहा को करीब 20 हजार से भी कम वोट मिले थे। देखना यह है कि इस बार कांग्रेस का वोट सपा प्रत्याशी पर चढ़ता है या नहीं।
सपा जिलाध्यक्ष गोपाल यादव ने कहा कि जरूरत के हिसाब से आइएनडीआइए के नेताओं की सभा कराई जाएगी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय खुद वाराणसी से चुनाव लड़ रहे हैं। एक जून को ही दोनों जगह मतदान होना है। ऐसे में उनके पास यहां प्रचार के लिए समय नहीं मिलेगा।कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुनील राम ने कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं की जनसभा की तैयारी है। प्रदेश अध्यक्ष के खुद चुनाव लड़ने के कारण उनके पास समय का अभाव है। बावजूद इसके उनका प्रयास होगा कि यहां भी उनकी जनसभा हो। हमारा पूरा जोर भाजपा को हराने और अपनी जीत पर है।
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