मूकबधिर लोगों में होती है ईश्वर प्रदत्त विशेष प्रतिभा
वर्तमान समय में मूक बधिर होना अभिशाप नहीं।
जागरण संवाददाता, खानपुर (गाजीपुर) : वर्तमान समय में मूक बधिर होना अभिशाप नहीं, बल्कि समाज से हटकर कुछ अलग करने का जज्बा होता है। विश्व मूकबधिर दिवस पर रविवार को बभनौली स्थित राधिका एकेडमी में दिव्यांग लोगों के प्रति सहानुभूति के बजाय सहयोग की भावना को जागृत किया गया। जिला पंचायत सदस्य कमलेश राय साहब ने कहा कि मूकबधिर लोगों के जिदगी को दोष देने की बजाय उनके साथ जीने का तरीका सीखना चाहिए। भगवान ने हर बच्चे को अलग काबिलयत से नवाजता है लेकिन कुछ बच्चों को कुछ खास चीजें भी प्रदान करता है। बस आवश्यकता है उस काबिलियत को निखारने की है। समाज का सही साथ मिलने पर आज मूकबधिर भी अपनी सफलता से आसमान छू रहे हैं। डा. नीरज यादव ने कहा कि बच्चों को जन्म के बाद ही जांच पड़ताल कर उनके सुनने बोलने के अवरोध को दूर किया जा सकता है। दिव्य अंगों वाले लोगों के प्रति दयाभाव नहीं सहयोग का भाव रखकर उन्हें अपने प्रतिभा और कला कौशल के बल पर आगे बढ़ने का मौका दीजिए। ईश्वर उन्हें एक अंग में कमी देता है तो कुछ विशेष गुण भी देता है। जो उन्हें सामान्य लोगों से बेहतर बनाता है।