गाजीपुर में बहादुरगंज चेयरमैन रेयाज अहमद अंसारी, पत्नी सहित चार पर फिर लगा गैंगस्टर
गाजीपुर के कासिमाबाद में बहादुरगंज के चेयरमैन रेयाज अहमद अंसारी उसकी पत्नी निकहत परवीन नजीर अहमद और परवेज जमाल पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। रेयाज और निकहत पर यह तीसरी बार है जबकि नजीर और परवेज पर दूसरी बार गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।

जागरण संवाददाता, गाजीपुर। कासिमाबाद पुलिस ने बहादुरगंज चेयरमैन रेयाज अहमद अंसारी, उसकी पत्नी निकहत परवीन, नजीर अहमद और परवेज जमाल के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है।
इसमें रेयाज व निकहत पर तीसरी बार तो वहीं नजीर और परवेज पर दूसरी बार गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया। यह चारों संगठित होकर लोगों को डराने, धमकाने, अवैध वसूली करने और फर्जी दस्तावेज तैयार कर धोखाधड़ी करने जैसे गंभीर अपराधों में सक्रिय रहा है।
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रेयाज अहमद अंसारी और उसकी पत्नी पूर्व गैंगस्टर में जेल भी जा चुके हैं। वर्तमान में जमानत पर बाहर हैं, लेकिन शनिवार को एक बार फिर से गैंगस्टर लगने के बाद फरार हैं। गैंग लीडर रेयाज अहमद अंसारी स्वयं को स्व. मुख्तार अंसारी का करीबी बताकर लोगों में भय और आतंक फैलाता रहा। उसके साथी धमकाकर रंगदारी वसूलते हैं और अदालतों में गवाहों को दबाव डालकर चुप कराने की कोशिश करते हैं। यही वजह है कि इनके खिलाफ गवाही देने से आम लोग कतराते हैं।
पुलिस द्वारा दर्ज रिपोर्ट में रेयाज अहमद के अलावा उसकी पत्नी निकहत परवीन, परवेज जमाल और जजीर अहमद को भी गैंग का सक्रिय सदस्य बताया गया है। इन पर गंभीर धाराओं में पहले भी कई मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। आरोप है कि इन्होंने मिलकर मदरसा प्रबंधन में फर्जी नियुक्ति कराई और कूटरचित दस्तावेज बनवाकर गलत तरीके से पद और अधिकार हासिल किए।
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इस गिरोह ने मदरसा मदरसतुल मसाकीन, बहादुरगंज से जुड़े मामलों में फर्जी कागजात तैयार कर कई लोगों के नाम से धोखाधड़ी की। रेयाज अहमद और उसके साथियों ने संबंधित पदाधिकारियों को धमकाकर दस लाख रुपये तक की रंगदारी मांगी। विरोध करने पर मारपीट और हत्या की धमकियां भी दी गईं।
पुलिस का कहना है कि गिरोह की आपराधिक गतिविधियों ने क्षेत्र में डर और आतंक का माहौल बना दिया है। रेयाज अहमद अंसारी और उसके सहयोगियों के खिलाफ रंगदारी, धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा और जान से मारने की धमकी देने जैसे कई गंभीर मुकदमे दर्ज हैं। स्थानीय लोग इनके खिलाफ गवाही देने से डरते हैं, जिससे न्यायिक प्रक्रिया भी प्रभावित होती है।
कई मामलों में आरोपपत्र दाखिल
इस गिरोह पर पहले भी विभिन्न धाराओं में मुकदमे दर्ज किए गए थे, जिनमें से कई मामलों में पुलिस ने आरोपपत्र दाखिल कर दिया है और मुकदमे अदालत में विचाराधीन हैं। 2023 और 2024 में दर्ज हुए मामलों में निकहत परवीन और नजीर अहमद के खिलाफ फर्जी नियुक्ति और धोखाधड़ी के आरोप भी साबित हुए, जिसके बाद विभागीय जांच में इन्हें दोषी पाया गया।
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पुलिस की कार्रवाई और गैंगचार्ट मंजूर
जिला प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इस गैंग के खिलाफ गैंगचार्ट तैयार कर जिला मजिस्ट्रेट से मंजूरी प्राप्त कर ली है। इसके बाद गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर विवेचना उपनिरीक्षक पुष्पेश चंद्र दुबे को सौंपी गई है। एफआईआर में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि रेयाज अहमद और उसका गिरोह पेशेवर अपराधी हैं, जो आर्थिक, भौतिक लाभ के लिए अपराध करते हैं। उनके अपराधों से आम जनता में दहशत है।
वाराणसी जेडी कार्यालय में कार्यरत है पवरेज
निकहत परवीन को फर्जी तरीके से नौकरी दिलवाने में तत्कालीन प्रबंधक नजीर और परवेज भी शामिल हैं। वर्तमान समय में परवेज वाराणसी जेडी कार्यालय में कार्यरत है। निकहत परवीन को नौकरी से बर्खास्त करने के बाद जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने रिकवरी का भी आदेश जारी किया था। हालांकि हाइकोर्ट से अभी वसूली पर रोक है।
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