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झोलाछाप की करतूत: डिलीवरी के लिए लगाए आठ इंजेक्शन, झटका लगाने के लिए ऑटो में गड्ढों वाली सड़कों पर घुमाया

गाजीपुर में एक अवैध अस्पताल चलाने वाले झोलाछाप डॉक्टर ने एक महिला को आठ इंजेक्शन लगाए और उसे खराब सड़क पर ऑटो में घुमाया जिससे नवजात की मौत हो गई और पीड़िता की जान मुश्किल से बची। परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल में नवजात का शव गायब करने का प्रयास किया गया। पुलिस ने तहरीर मिलने पर मुकदमा दर्ज करने और कार्रवाई करने की बात कही है।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Sun, 08 Sep 2024 04:08 AM (IST)
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छतमा गांव में डिलीवरी केंद्र का बोर्ड उतारकर चिकित्सक के फरार होने पर रोगी को इंजेक्शन लगाती सहयोगी महिला।

जागरण संवाददाता, गाजीपुर। अवैध अस्पताल चला रहे झोलाछाप की करतूत की वजह से नवजात की जान चली गई। झोलाछाप ने प्रसव कराने के लिए महिला को पहले एक के बाद एक आठ इंजेक्शन लगाए। ऑटो में लिटाकर एक घंटे तक गड्ढे वाली सड़कों पर घुमाया। 

इसके बाद भी प्रसव नहीं हुआ तो दूसरे अस्पताल भेज दिया। वहां ऑपरेशन के बाद नवजात की मौत हो गई और पीड़िता की जान मुश्किल से बची। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में नवजात का शव गायब करने का प्रयास भी किया गया। पुलिस का कहना है कि तहरीर मिलते ही मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। 

यह है पूरा मामला

अनीता देवी को प्रसव पीड़ा होने पर शुक्रवार सुबह के क्लीनिक में ले जाया गया, जो अवैध रूप से संचालित हो रही थी। महिला को आठ इंजेक्शन लगाने और उसे खराब सड़क पर ऑटो में घुमाने के बाद भी जब प्रसव नहीं हुआ तो झोलाछाप डीके गौतम ने अनीता को अपने पहचान के जीवनदीप हेल्थ केयर सेंटर भेज दिया। 

वहां डॉक्टर कमलेश चौहान ने नार्मल डिलीवरी की बात कही, लेकिन बाद में ऑपरेशन के 25,000 रुपये मांगे। रात दो बजे ऑपरेशन के बाद लड़का पैदा हुआ, लेकिन कुछ देर में ही उसकी मौत हो गई। 

प्रसूता की हालत बिगड़ने लगी तो उसे एंबुलेंस से जिला महिला अस्पताल ले जाया गया। परिजनों व रिश्तेदारों का हंगामा देख कमलेश फरार हो गया। कुछ देर बाद उसके पक्ष के छह युवक पहुंचे और परिजनों को धमका कर नवजात का शव प्लास्टिक के झोले में लेकर चले गए। 

डायल 112 व थाना पुलिस के आने पर कमलेश के छोटे भाई आकाश ने फोन कर नवजात का शव मंगवा कर परिजनों को सौंपा। पुलिस ने आकाश और उसके दो सहयोगियों को हिरासत में ले लिया है। 

जिला मुख्यालय के डॉक्टर शिशिर को मामले की जांच के लिए भेजा था। रविवार सुबह रिपोर्ट मिलने के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। 

-डाॅ. देश दीपक पाल, सीएमओ

प्रारंभिक जांच के अनुसार, जीवनदीप हेल्थ केयर सेंटर में बिना पंजीकरण के ही ऑपरेशन किया जा रहा था। आरोपों पर पक्ष लेने के लिए डॉक्टर कमलेश को फोन किया गया और मैसेज भी किया गया, मगर जवाब नहीं मिला। 

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