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कल तक थे दुश्मन… आज यार हो गए, मिला टिकट तो चुनाव के उम्मीदवार हो गए; यूपी की इस सीट पर दिलचस्प सियासत

सियासत में कब दोस्ती हो जाए और कब दुश्मनी कुछ कहना मुश्किल है लेकिन गाजीपुर संसदीय सीट पर पहले से चल रही अदावत सियासत पर भारी है। आईएनडीआईए घटक दलों की दो प्रमुख पार्टियां कांग्रेस और सपा ने प्रदेश स्तर पर हाथ तो मिला लिया है लेकिन जनपद में दिल नहीं मिल सका है। आईएनडीआईए गठबंधन के सपा से अफजाल अंसारी प्रत्याशी है।

By Shivanand Rai Edited By: Shivam Yadav Updated: Wed, 15 May 2024 07:22 PM (IST)
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कल तक थे दुश्मन… आज यार हो गए, मिला टिकट तो चुनाव के उम्मीदवार हो गए।
शिवानंद राय, गाजीपुर। सियासत में कब दोस्ती हो जाए और कब दुश्मनी... कुछ कहना मुश्किल है, लेकिन गाजीपुर संसदीय सीट पर पहले से चल रही अदावत सियासत पर भारी है। आईएनडीआईए घटक दलों की दो प्रमुख पार्टियां कांग्रेस और सपा ने प्रदेश स्तर पर हाथ तो मिला लिया है, लेकिन जनपद में दिल नहीं मिल सका है।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के बड़े भाई अवधेश राय की हत्या में उनकी मजबूत पैरवी और गवाही पर ही मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर एक्ट के मामले में दस साल की सजा हुई थी। अजय राय और अंसारी बंधुओं में जगजाहिर अदावत है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मुख्तार के बड़े भाई अफजाल अंसारी के पक्ष में प्रचार करने आएंगे।

अजय राय पर भी टिकी निगाहें

आईएनडीआईए गठबंधन के सपा से अफजाल अंसारी प्रत्याशी है। चुनाव में गठबंधन के घटक दलों के नेताओं को भी प्रचार के लिए बुलाने की तैयारी है। पिछले दिनों कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय ने यहां जनसभा भी की, लेकिन सबकी नजर प्रदेश अध्यक्ष अजय राय की तरफ टिकी है, क्योंकि अफजाल अंसारी के छोटे भाई मुख्तार अंसारी और अजय राय के बीच तीन दशक से दुश्मनी चली आ रही है, जो अभी खत्म नहीं हुई।

33 साल से चल रही दुश्मनी

दरअसल, वह जनपद के मलसा के निवासी है। तीन अगस्त 1991 को अजय राय के बड़े भाई अवधेश राय की वाराणसी के लहुराबीर आवास के सामने गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस हत्याकांड में मुख्तार अंसारी का नाम सामने आया था।

जनपद पुलिस ने अवधेश राय हत्याकांड को आधार बनाकर गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज किया था। इस मामले में अजय राय की कई बार गवाही हुई। हर तारीख पर वह मुख्तार अंसारी को सजा दिलाने के लिए डटे रहते थे।

एमपी-एमएलए कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर में दस साल की सजा सुनाई थी। वहीं वाराणसी में भी अवधेश राय हत्याकांड में मुख्तार अंसारी को आजीवन कारावास की सजा हुई थी।

कांग्रेस को मिले थे 20 हजार से कम वोट

पिछले वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के अजीत कुमार कुशवाहा को करीब 20 हजार से भी कम वोट मिले थे। देखना यह है कि इस बार कांग्रेस का वोट सपा प्रत्याशी पर चढ़ता है या नहीं।

जरूरत के हिसाब से आईएनडीआईए के नेताओं की जनसभा कराई जाएगी। अभी तय नहीं है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय खुद वाराणसी से चुनाव लड़ रहे हैं। एक जून को ही दोनों जगह मतदान होना है। ऐसे में उनके पास यहां प्रचार के लिए समय नहीं मिलेगा।

-गोपाल यादव, जिलाध्यक्ष सपा।

कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं की जनसभा की तैयारी है। प्रदेश अध्यक्ष के खुद चुनाव लड़ने के कारण उनके पास समय का अभाव है। बावजूद इसके उनका प्रयास होगा कि यहां जनसभा हो।

-सुनील राम, जिलाध्यक्ष कांग्रेस।

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