Mukhtar Ansari: कहानी उस केस की जिसके लिए माफिया को सुनाई गई 10 साल की सजा, हत्या के कारणों से आज भी अंजान है परिवार
गांव सुआपुर में 19 अप्रैल 2009 को सुबह दस बजे का वक्त था जब उनके घर के सामने ही गोली मारकर हत्या कर दी गई। खेती किसानी व गाय से नाता रखने वाले कपिलदेव सिंह की हत्या को लेकर हकीकत यह है कि 13 साल बाद भी उनकी पत्नी व बेटों संतोष सिंह व मृत्युंजय सिंह साथ ही ग्रामीणों को पता नहीं कि आखिर उनकी हत्या क्यों हुई।
By Shivanand RaiEdited By: Nitesh SrivastavaUpdated: Fri, 27 Oct 2023 04:32 PM (IST)
जागरण संवाददाता, गाजीपुर। माफिया मुख्तार अंसारी को जिस कपिलदेव सिंह हत्याकांड को आधार बनाकर गैंगस्टर एक्ट दर्ज मुकदमे में सजा हुई है, हम आपको उसके अतीत में ले चलते हैं। गांव सुआपुर में 19 अप्रैल 2009 को सुबह दस बजे का वक्त था, जब उनके घर के सामने ही गोली मारकर हत्या कर दी गई।
खेती किसानी व गाय से नाता रखने वाले कपिलदेव सिंह की हत्या को लेकर भले की इंटरनेट मीडिया पर तमाम तरह के कारण बताए जा रहे हों, लेकिन हकीकत यह है कि 13 साल बाद भी उनकी पत्नी व बेटों संतोष सिंह व मृत्युंजय सिंह साथ ही ग्रामीणों को पता नहीं कि आखिर उनकी हत्या क्यों हुई। कारण का पता न चलने का दर्द आज भी स्वजन के मन को कचोटता है।
गंगा तट पर मौनी बाबा आश्रम से चंद कदम दूरी पर बसा सुआपुर गांव में कपिलदेव सिंह का मकान पहले ही है। उनकी पत्नी सुमित्रा बतातीं है कि वह गंगा स्नान से आने के बाद सुखाने के लिए साड़ी डाल रही थी।
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देखा कि दो लोग बरामदे में चौकी पर बैठकर उनके पति से बातचीत कर रहे हैं। काफी देर बाद उनके पति दोनों लोगों को छोड़ने के लिए बाहर निकले। बाइक सवार दोनों लोग चले गए।
इसके बाद वह लघुशंका करने के बाद कटहल के पेड़ के नीचे बंधी गाय का गोबर उठाने लगे। इतने में वापस लौटकर आए हमलावरों ने दो गोली मारकर हत्या कर दी। हत्या के बाद वह तेज रफ्तार से भाग निकले।कई लोगों को टक्कर मारते-मारते बचे। कमरे में पढ़ाई कर रहे उनके छोटे बेटे मृत्युंजय सिंह ने गोली की आवाज सुनकर बाहर देखा तो पिता जी लहूलुहान हालत में पड़े थे। मौके पर ही उनकी मौत हो गई थी।
सुमित्रा कहतीं है कि उनकी किसी से कोई दुश्मनी ही नहीं है। मुखबिरी की बात झूठी है। वह तो केवल खेती और गाय में लगे रहे थे। बाहर भी निकलना बहुत कम होता था।यह भी पढ़ें: मुख्तार अंसारी की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेशी, बोला- मैंने नहीं दी थी महादेव प्रसाद रुंगटा को धमकी
मां और छोटे बेटे मृत्युंजय सिंह का कहना है कि आज तक वह यह समझ नहीं पाए कि आखिर उनकी हत्या का कारण क्या था? उनकी किसी से कोई दुश्मनी तो दूर तेज आवाज में भी बात नहीं करते करते थे। इस मुकदमे के वादी छोटे बेटे ही रहे।
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