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Mukhtar Ansari: एक तरफ निकला था मुख्तार का जनाजा, दूसरी तरफ कोर्ट में पेश हुई काले कारनामे की फाइल

किसी भी व्यक्ति का कर्म अंत समय तक उसका पीछा नहीं छोड़ता। माफिया मुख्तार अंसारी के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। 30 मार्च को मुहम्मदाबाद में जनाजा निकाल कर कालीबाग के कब्रिस्तान में उसे दफन किया जा रहा था ठीक उसी समय उसके काले कारनामे की फाइल एमपी-एमएलए कोर्ट अरविंद मिश्रा की अदालत में पेश की गई। मामला था उसरी कांड में मनोज राय हत्याकांड का।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Tue, 02 Apr 2024 04:53 PM (IST)
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Mukhtar Ansari: एक तरफ निकला था मुख्तार का जनाजा, दूसरी तरफ कोर्ट में पेश हुई काले कारनामे की फाइल।

अविनाश सिंह, गाजीपुर। किसी भी व्यक्ति का कर्म अंत समय तक उसका पीछा नहीं छोड़ता। माफिया मुख्तार अंसारी के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। 30 मार्च को मुहम्मदाबाद में जनाजा निकाल कर कालीबाग के कब्रिस्तान में उसे दफन किया जा रहा था, ठीक उसी समय उसके काले कारनामे की फाइल एमपी-एमएलए कोर्ट अरविंद मिश्रा की अदालत में पेश की गई। 

मामला था उसरी कांड में मनोज राय हत्याकांड का। हालांकि, इसमें कोई गवाह पेश नहीं हुआ, जिससे कोई कार्रवाई भी नहीं हो सकी। कोर्ट ने अब सुनवाई के लिए अगली तिथि 12 अप्रैल नियत की है।

कानून के रखवालों को इशारों पर नचाया

एक समय था जब मुख्तार अंसारी के समक्ष हर कोई बौना बन जाता था। उसे कानून का कभी कोई भय नहीं था। कानून के रखवाले भी भय के कारण उसी के इशारे पर चलते थे। इसी का परिणाम रहा कि मुख्तार अंसारी ने मनोज राय की निर्दयता पूर्वक हत्या कर दी और उसे उसरी चट्टी कांड में मृत दिखा दिया। 

सब कुछ जानकर भी परिजन कुछ न कर सके, लेकिन यह भी सत्य है कि यहां के कानून के डंडे से तो बचा जा सकता है, लेकिन जब ऊपर वाले का डंडा चलता है तो उसे कोई भी पावर और रसूख बचा नहीं सकता। 

समय बदला, सरकार बदली और मनोज राय के पिता शैलेंद्र राय जो मुख्तार के खिलाफ कुछ बोल भी नहीं पाते थे, उन्होंने मुहम्मदाबाद कोतवाली में मुख्तार के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया। मुख्तार का यह कृत्य अंत समय तक उसका साथ नहीं छोड़ा।