रेलवे कर्मचारियों के इलाज की नहीं है कोई व्यवस्था
काम करने वाले कर्मचारियों एवं अधिकारियों के इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है। तबीयत खराब होने पर उन्हें खुद की जेब ढीली करनी पड़ती है या फिर अवकाश लेकर वाराणसी जाना पड़ता है तब तक मर्ज बढ़ जाता है। इसको लेकर अधिकारी व कर्मचारी परेशान रहते हैं।
जागरण संवाददाता, गाजीपुर: सिटी रेलवे स्टेशन पर काम करने वाले कर्मचारियों एवं अधिकारियों के इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है। तबीयत खराब होने पर उन्हें खुद की जेब ढीली करनी पड़ती है या फिर अवकाश लेकर वाराणसी जाना पड़ता है तब तक मर्ज बढ़ जाता है। इसको लेकर अधिकारी व कर्मचारी परेशान रहते हैं।
सिटी रेलवे स्टेशन पर सभी विभागों के मिलाकर करीब दौ सौ कर्मचारी हैं जिनको स्वास्थ्य संबंधी किसी प्रकार की समस्या होने पर इनके इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है, जबकि रेलवे परिसर में स्वास्थ्य क्लीनिक स्थापित है। वहां पर सप्ताह में एक दिन बलिया से चिकित्सक आते थे जो सभी रेलकर्मियों का इलाज करते थे। वहां पर जरूरी दवाएं भी उपलब्ध होती थीं लेकिन बीते पांच वर्ष से क्लीनिक पर ताला लटका हुआ है। चिकित्सक के नहीं आने से रेल कर्मियों को इलाज के लिए वाराणसी स्थित रेलवे अस्पताल में जाना पड़ता है। इसके लिए उनको अवकाश लेना पड़ता है। इसमें इतना समय लग जाता है कि रोग तब तक बढ़ जाता है। होगी चिकित्सक की व्यवस्था
- मामला संज्ञान में आया है। रेलकर्मियों के इलाज के लिए क्लीनिक में चिकित्सक की व्यवस्था जरूरी है। शीघ्र ही इसकी व्यवस्था कराई जाएगी।
- अशोक कुमार, जनसंपर्क अधिकारी वाराणसी मंडल।