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बच्चों को शिक्षित करने में क्राफ्ट व पपेट्री प्रभावी

टीम एडूलीडर्स गाजीपुर की ओर से दो दिवसीय आनलाइन राज्यस्तरीय आट।

By JagranEdited By: Updated: Thu, 10 Feb 2022 07:01 PM (IST)
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बच्चों को शिक्षित करने में क्राफ्ट व पपेट्री प्रभावी

जागरण संवाददाता, गाजीपर : टीम एडूलीडर्स गाजीपुर की ओर से दो दिवसीय आनलाइन 'राज्यस्तरीय आर्ट, क्राफ्ट एवं पपेट्री कार्यशाला' आयोजित की गई। पहले दिन गुरुवार को शिक्षा में क्राफ्ट एवं पपेट्री के महत्व को बताया गया। मुख्य अतिथि डायट प्राचार्य सोमारू प्रधान ने शिक्षकों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं शिक्षकों को बहुत कुछ सीखने का अवसर प्रदान करती हैं। उन्होंने शिक्षा में क्राफ्ट एवं पपेट्री को प्रभावी बताया।

आगे कहा कि एडूलीडर्स यूपी स्वप्रेरित ऊर्जावान, टेक्नोसेवी शिक्षकों का स्वत: स्फूर्त समूह है जिसकी स्थापना राष्ट्रपति पदक प्राप्त शिक्षक डा. सर्वेष्ट मिश्र ने सभी 75 जनपदों में की है। एडूलीडर्स यूपी द्वारा शिक्षकों के कौशल विकास, उनके सम्मान व उनकी सक्सेज स्टोरीज को महत्व देने के लिए अनवरत कार्यक्रम संचालित किए जाते हैं। मुख्य प्रशिक्षक शीला सिंह ने शादी के कार्ड से टाकिग पपेट व लिफाफा पपेट बनाना सिखाया। इसके लिए उन्होंने शादी का कार्ड, फेवीकोल, कैची, ब्लैक पेपर, स्टैपलर और स्केच या मार्कर के उपयोग से शून्य निवेश नवाचार को बल दिया। कार्यशाला के तकनीकी सहायक रविद्र मौर्य, कंपोजिट विद्यालय मरदह और टीम एड्लीडर्स गाजीपुर की एडमिन प्रीति सिंह ने कार्यक्रम का संचालन किया। इस कार्यशाला में राज्य के विभिन्न जनपदों के अतिरिक्त बिहार उत्तराखंड, गुजरात आदि राज्यों से प्रतिभागी अध्यापक जुड़े हुए थे। कार्यशाला की शुरुआत एसआरजी प्रीति सिंह ने किया। नगर क्षेत्र से संध्या मिश्र ने गीत के माध्यम से मुख्य अतिथि डायट प्राचार्य सोमारू राम का स्वागत किया।

शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने को 'गुरुजी' ने लिया 'ज्ञान'

जागरण संवाददाता, रेवतीपुर (गाजीपुर): ब्लाक संसाधन केंद्र पर फाउंडेशनल लिटरेसी एंड न्यूमेरेसी (एफएलएन)के चार दिवसीय प्रशिक्षण के अंतिम बैच का प्रशिक्षण गुरुवार को संपन्न हो गया। खंड शिक्षा अधिकारी अविनाश कुमार ने प्राथमिक विद्यालय के सभी अध्यापक/प्रधानाध्यापक व शिक्षामित्रों को कक्षा तीन तक के सभी बच्चों में बुनियादी भाषा के विकास के तरीके बताए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत स्थानीय भाषा में शिक्षण कार्य के साथ अवधारणा आधारित शिक्षण को अपनाने पर जोर दिया। ताकि बच्चों में जोड़ ,घटाव, गुणा व भाग के साथ ही भाषाई समझ का विकास सके। बच्चे के जीवन में तर्क -वितर्क व सोचने -समझने की क्षमता को विकसित करना है, न कि बच्चे को रटने की पुरानी पद्धति अपनाना है। चार दिवसीय प्रशिक्षण में जो भी सीखा, इसका पालन करेंगे। साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने का प्रयास करेगें। प्रशिक्षण के पांचवें बैच के साथ 383 अध्यापकों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। एआरपी संत कुमार गुप्ता, प्रवीण कुमार शुक्ल, कवींद्र कुमार, योगेन्द्र पटेल, नीरज प्रकाश मिश्र आदि रहे।

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