'संकट आने पर धर्म से सर्वोपरि होता है राष्ट्रप्रेम', अब्दुल हमीद के पैतृक गांव पहुंचे RSS प्रमुख; कहीं ये बातें
संघ प्रमुख परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद की जयंती पर उनके पैतृक गांव पहुंचे। उन्होंने कहा कि परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद जैसे लोग देश के लिए बलिदान देकर राष्ट्रभक्ति की अमर गाथा लिखते हैं। संघ प्रमुख ने कहा कि सारी विविधताओं के बावजूद हमारा देश हजारों वर्षों से एक राष्ट्र व एक समाज होने के नाते आगे बढ़ रहा है।
जागरण संवाददाता, गाजीपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डा. मोहन भागवत ने सोमवार को कहा कि भले ही देश में धर्म, जाति, भाषा, संस्कृति के नाम पर समाज अलग-अलग बंटा दिखता हो, लेकिन जहां राष्ट्र पर खतरे की बात आती है तो सब राष्ट्रप्रेम के सूत्र में बंधकर एक साथ संकट का मुकाबला करते हैं। ऐसे में ही परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद जैसे लोग देश के लिए बलिदान देकर राष्ट्रभक्ति की अमर गाथा लिखते हैं।
समाज और देश के लिए जीना ही मनुष्यता है। इस तरह का जीवन जीने वालों की बहादुरी की गाथा ही हम भावी पीढ़ी को सुनाते हैं। वीर अब्दुल हमीद की जयंती पर उनके पैतृक गांव धामूपुर स्थित बलिदानी पार्क में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे सरसंघचालक ने परमवीर चक्र विजेता के बड़े बेटे जैनुल हसन से बातचीत के आधार पर डा. रामचंद्रन श्रीनिवास की लिखित पुस्तक ‘मेरे पापा परमवीर’ का विमोचन भी किया।
भागवत ने कहा कि देश में इतनी सारी भाषाएं है। भूगोल के अनुसार खान-पान, रीति-रिवाज बदलते हैं। सारी विविधताओं के बावजूद हमारा देश हजारों वर्षों से एक राष्ट्र व एक समाज होने के नाते आगे बढ़ रहा है। जब कोई देश हमला करता है तब सभी मिलकर शत्रु से मुकाबला करते हैं। पाकिस्तान व चीन के हमले इसका उदाहरण हैं। जब खतरा होता है तो सब मिलकर एक साथ खड़े रहते हैं।
समाज में दो प्रकार के लोग होते हैं। एक योगी बनकर आत्मसाधना और लोकसेवा में सक्रिय रहता है तो दूसरा रण में सत्य व न्याय के लिए पराक्रमपूर्वक सीने पर गोली खाकर आत्माहुति देता है। ऐसे ही थे वीर अब्दुल हमीद। परमवीर चक्र विजेता अब्दुल हमीद जैसे लोग मनुष्यता के विकास के उदाहरण हैं, जिन्होंने देश के लिए बलिदान दिया। सीमा पर जवान भारत मां की रक्षा का दायित्व निर्वहन करते हुए प्राण देता है।
वह देश के लिए जीता-मरता है। इसलिए उनका बलिदान हमारे लिए प्रेरणादायी है। भागवत ने इसके बाद हथियाराम मठ जाकर बुढ़िया माई की पूजा-अर्चना की और पीठाधीश्वर भवानी नंदन यति से मुलाकात की और मीरजापुर रवाना हो गए। वहां देवरहा हंस बाबा आश्रम में रात्रि विश्राम करेंगे और मंगलवार को सुबह बाबा का आशीर्वाद लेंगे। वह मां विंध्यवासिनी का दर्शन-पूजन भी करेंगे।
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