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साई के नाम से गूंज उठा परिसर, झांकी ने मोहा मन

जागरण संवाददाता सैदपुर (गाजीपुर) नगर स्थित नार्मल स्कूल परिसर में गुरुवार की रात साईं भजल व साईं कृपा कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Updated: Fri, 22 Jan 2021 09:53 PM (IST)
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साई के नाम से गूंज उठा परिसर, झांकी ने मोहा मन

जागरण संवाददाता, सैदपुर (गाजीपुर) : नगर स्थित नार्मल स्कूल परिसर में गुरुवार की रात साईं भजन व साईं कृपा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कलाकारों द्वारा साई गीत एवं साई के जीवन पर आधारित नाटक का मंचन किया गया। शुभारंभ सीओ राजीव द्विवेदी ने साईं पालकी के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम टीम के मुखिया राजकुमार ने गणेश वंदना से कार्यक्रम का आगाज था।

शिरडी वाले साईं बाबा गीत गाकर राजकुमार ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। गायिका निशा द्वारा प्रस्तुत मेरे घर के सामने साईंराम तेरा मंदिर बन जाए। गीत पर श्रद्धालुओं ने खूब तालियां बजाई। साईं बाबा की आकर्षक झांकी ने सभी को प्रभावित किया। इस दौरान प्रस्तुत नाटक शराबी पति, साईं ने जल से जलाया दीपक ने लोगों को समाज में व्याप्त नशाखोरी के प्रति सजग व जागरूक किया। साईं बाबा की पालकी यात्रा भी निकाली गई। सुनील जायसवाल, दिलीप सिंह, प्रह्लाद दास जायसवाल, अविनाश चंद्र बरनवाल आदि उपस्थित थे।

सैदपुर : साईं सेवा समिति की तरफ से नगर में गुरुवार को साईं शोभायात्रा निकाली गई। यात्रा बूढ़ेनाथ महादेव रोड, पूरब बाजार, मुहम्मदअली रोड होते हुए संजय वन पार्क के पास पहुंची। यहां से यात्रा मेन रोड, सब्जीमंडी रोड, रानीचौक, पश्चिम बाजार, हरि चौराहा, मुख्य बाजार होते हुए नार्मल स्कूल में पहुंची। जगह-जगह छतों पर से फूलों की वर्षा की जा रही थी। सुनील उर्फ कल्लू जायसवाल, उद्योग व्यापार मंडल अध्यक्ष प्रहलाद दास जायसवाल आदि मौजूद थे। राम-सीता विवाह की कथा से श्रोता भाव विभोरजागरण संवाददाता, रेवतीपुर (गाजीपुर) : क्षेत्र के सुहवल गांव के संत मानदास बाबा मंदिर परिसर में नौ दिवसीय 25 कुंडीय लक्ष्मी नारायण महायज्ञ में आस्था की बयार बह रही है। मंडप परिक्रमा, हवन के साथ ही राम कथा में भी श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। रामकथा के छठें दिन गुरुवार की शाम कथा वाचिका रागिनी सरस्वती ने श्रोताओं को राम-सीता विवाह की कथा सुनाई। बाल कलाकारों के द्वारा इसकी मनमोहक झांकी प्रस्तुत की गई। कथा वाचिका ने कहा कि राम कथा का आनंद तब ही है जब वक्ता और श्रोता दोनों सुर, लय, ताल मिलाकर कथा का रसपान करें। कहा कि प्रेम प्रकट हो जाए तो परमात्मा खुद प्रकट हो जाएंगे। प्रेम के बिना जीवन का कोई अर्थ नहीं है। राम कथा तन-मन को पवित्र कर उज्ज्वल करने के साथ-साथ जीवन शैली और आत्मा को नया रूप देती है। इस अवसर पर गंगासागर कश्यप, रविशंकर राय, विनोद गुप्ता, सुधिर राय, पिकू राय, वीरेंद्र शर्मा, अमित पांडेय, जीवेंद्र नारायण शुक्ला, विजयशंकर आदि थे।

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