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रेल कर्मियों की मिलीभगत से हो रही शराब तस्करी? RPF जवानों की हत्याकांड में STF ने खोले कई बड़े राज

एसटीएफ ने आरपीएफ जवानों की हत्या के मामले में कई बड़े खुलासे किए हैं।जांच में यह बात सामने आई कि बार्डर पर सख्ती के बाद ट्रेन से गाजीपुर-पटना के बीच बड़े पैमाने पर शराब तस्करी हो रही है। 20 अगस्त को गहमर के बकैनिया के पास बेरहमी से मारपीट कर दोनों जवानों की हत्या से जिला ही नहीं बल्कि पूरा प्रदेश हिल गया।

By Avinash Singh Edited By: Riya Pandey Updated: Wed, 28 Aug 2024 05:37 PM (IST)
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आरपीएफ जवानों की हत्या के पीछे का सच (प्रतिकात्मक फोटो)

संवाद सहयोगी, गाजीपुर। पीडीडीयू स्टेशन पर तैनात आरपीएफ जवान मो. जावेद व प्रदीप कुमार हत्याकांड के राजफाश के दौरान एसटीएफ ने कई बड़े खुलासे किए। जांच में यह बात सामने आई कि बार्डर पर सख्ती के बाद ट्रेन से गाजीपुर-पटना के बीच बड़े पैमाने पर शराब तस्करी हो रही है।

इसमें चंदौली, गाजीपुर समेत अन्य जनपदों के तस्कर रेल कर्मियों से मिलीभगत से शराब को ट्रेन के माध्यम से बिहार पहुंचा रहे हैं। एसटीएफ के खुलासे के बाद रेलवे विभाग की सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ स्थानीय पुलिस पर भी सवाल उठने शुरू हो गए हैं।

20 अगस्त को जवानों की हुई थी हत्या

20 अगस्त को गहमर के बकैनिया के पास बेरहमी से मारपीट कर दोनों जवानों की हत्या से जिला ही नहीं बल्कि पूरा प्रदेश हिल गया। स्थानीय पुलिस, स्वाट, सर्विलांस टीम मामले की खुलासे में फेल नजर आई तो इसके राजफास के लिए एसटीएफ नोएडा को कमान सौंपी गई। टीम के सदस्यों ने पांच हजार मोबाइल नंबरों को खंगाला तो चार हत्यारोपितों के साथ ही अन्य कई राज खुल गए।

जांच में पता चला रेलकर्मियों, आरपीएफ, जीआरपी, ट्रैकमैन की मिलीभगत से हर दिन तस्कर बड़े पैमाने पर ट्रेन से शराब की तस्करी कर रहे हैं।

जुलाई माह में पकड़ा गया 57 लीटर अंग्रेजी शराब

विभागीय कार्रवाई पर केवल नजर दौड़ाई जाए तो जुलाई माह में आरपीएफ व जीआरपी ने गाड़ी संख्या 03414 मालदा टाउन फेयर स्पेशल ट्रेन के एस-6 कोच के बाथरूम से बैग में रखा 57 लीटर अंग्रेजी शराब पकड़ा गया। हालांकि तस्कर पकड़ में नहीं आए।

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आरपीएफ ने मार्च में 45.275 लीटर बरामद की थी शराब

इसके पूर्व 31 मार्च 2024 को आरपीएफ ने रात के पहर डाउन 03650 वाराणसी- आरा मेमू पैसेंजर ट्रेन में चेकिंग के दौरान 45.275 लीटर शराब बरामद किया। इनता ही नहीं कुछ वर्ष पूर्व चौसा रघुनाथपुर स्टेशन क़े बीच चेकिंग के दौरान एस-5 कोच के दरवाजे के पास खड़े तीन व्यक्तियों के पास से विभिन्न ब्रांड के 75 बोतल व 611 टेट्रा पैक शराब बरामद की गई।

समय रहते कार्रवाई होती तो नहीं जाती जानें

जीआरपी व आरपीएफ की इस कार्रवाई से प्रमाणित होता है कि ट्रेन के माध्यम से कितने बड़े पैमाने पर शराब की तस्करी की जा रही थी। विभागीय अधिकारी अगर समय रहते इसको लेकर कोई ठोस कदम उठाए होते तो शायद जवानों को अपनी जान नहीं गंवानी पड़ती। 

शराब तस्करी के लिए सेफ जोन रेलमार्ग

जिले के बार्डर पर सख्ती के बाद तस्करों ने अपना रास्ता बदल दिया। रुपयों का लालच देकर जीआरपीए, आरपीएफ के अलावा गैंगमैन को अपना मददगार बनाकर ट्रेन के माध्यम से शराब की तस्करी करने लगी। रात के पहर एक्सप्रेस ट्रेन की चेनपुलिंग कर उसे राेक देते और शराब चढ़ाकर उसे बिहार ले जाकर बेच देते थे।

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