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जब भाई की हार को पचा नहीं पाया था मुख्तार, किया सबसे बड़ा कांड; 500 राउंड गोलियों से दहल उठा था पूर्वांचल

Mukhtar Ansari Death अपने पैतृक मुहम्मदाबाद विधानसभा सीट पर भाई अफजाल अंसारी की हार को मुख्तार अंसारी पचा नहीं पाया था। इसके तुरंत बाद तत्कालीन भाजपा विधायक कृष्णानंद राय सहित सात लोगों की आधुनिक असलहों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। तब 500 राउंड गोलियों की तड़तड़ाहट से पूर्वांचल दहल उठा था। पूरे देश में भाजपा विधायक की हत्या सुर्खियों में रही।

By Shivanand Rai Edited By: Aysha Sheikh Updated: Sat, 30 Mar 2024 02:01 PM (IST)
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जब भाई की हार को पचा नहीं पाया था मुख्तार, किया सबसे बड़ा कांड
जागरण संवाददाता, गाजीपुर। अपने पैतृक मुहम्मदाबाद विधानसभा सीट पर भाई अफजाल अंसारी की हार को मुख्तार अंसारी पचा नहीं पाया था। इसके तुरंत बाद तत्कालीन भाजपा विधायक कृष्णानंद राय सहित सात लोगों की आधुनिक असलहों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। तब 500 राउंड गोलियों की तड़तड़ाहट से पूर्वांचल दहल उठा था। पूरे देश में भाजपा विधायक की हत्या सुर्खियों में रही।

इसको लेकर तत्कालीन मुलायम सिंह यादव की सरकार की जमकर किरकिरी हुई थी।  मुहम्मदाबाद सीट अंसारी परिवार की सीट मानी जाती रही है। तब वहां से अफजाल अंसारी विधायक चुने जाते रहे। वर्ष 2002 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा के कृष्णानंद राय निवासी गोड़उर ने अफजाल अंसारी को हराकर अंसारी परिवार का किला ढहा दिया था।

इसके बाद मुख्तार अंसारी और कृष्णानंद राय के बीच कई बार टकराव हुआ।  गोलियां भी चलीं, लेकिन दोनों पक्ष बच गया। 29 नवंबर 2005 को भाजपा विधायक कृष्णानंद राय सहित सात लोगों की उस समय आधुनिक हथियारों से भूनकर हत्या कर दी गई, जब वह सियाड़ी से खेल प्रतियोगिता का उद्घाटन कर लौट रहे थे। कोटवा नारायनणपुर -लट्ठूडीह मार्ग के बसनियां पुलिया के पास घटना को अंजाम दिया गया था।

अच्छा क्रिकेटर व अचूकबाज निशानेबाज रहा मुख्तार अंसारी

मुख्तार अंसारी एक अच्छा क्रिकेटर व अचूक निशानेबाज भी रहा है। वह सिटी कालेज में पढ़ाई के दौरान से ही क्रिकेट का खिलाड़ी रहा है। नेहरू स्टेडियम में उसने खूब मैच खेले। इसके साथ ही वह अचूक निशानेबाज भी रहा है। मुख्तार का राजनीति व अपराध से रहा गहरा नाता मुख्तार अंसारी का राजनीति व अपराध दोनों से गहरा नाता रहा।

अपराध की दुनिया में रहते हुए राजनीति में भी धमक जमाने वाले मुख्तार अंसारी की पैठ सपा व बसपा दोनों में रही। पूर्वांचल के वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर, मऊ और बलिया सहित कई जिलों में उसकी राजनीतिक दखलअंदाजी रही। वह जिस सीट पर चाहता उसे जिता सकता था। जनपद में कई नेताओं को हराने में भी उसकी भूमिका रहती थी। वह जेल में रहते हुए भी राजनीति में पूरा हस्तक्षेप रखता था। उसके इशारे पर सरकारों में काम होते थे।

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