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राशन के लिए सुहागिन, पेंशन के लिए विधवा बनीं 4487 मह‍िलाएं, यूपी के इस ज‍िले में बड़ा गड़बड़झाला आया सामने

यूपी के गोंडा में हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक-दो नहीं बल्‍क‍ि 4487 महिलाएं ऐसी हैं जो विधवा बनकर निराश्रित पेंशन ले रही हैं और राशन कार्ड में पति के हिस्से राशन भी। जब खाद्य रसद विभाग ने महिला कल्याण विभाग से सूची मंगाई तो इसका खुलासा हुआ। सूत्रों के मुताबिक यह गड़बड़ी लगभग तीन साल से चल रही है।

By Jagran News Edited By: Vinay Saxena Updated: Thu, 25 Jul 2024 09:49 AM (IST)
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राशनकार्ड में आधार जुड़ने के बाद यह सच सामने आया कि हजारों महिलाएं दोनों विभागों की लाभार्थी हैं।- सांकेत‍िक तस्‍वीर
पवन मिश्र, गोंडा। लालच जो न कराए... वे सुहागिन भी हैं और विधवा भी! जी हां, ऐसी एक-दो नहीं 4,487 महिलाएं हैं, जो विधवा बनकर निराश्रित पेंशन ले रही हैं और राशन कार्ड में पति के हिस्से राशन भी। कागज इसकी पुष्टि कर रहे हैं। राशनकार्ड में आधार जुड़ने के बाद यह सच सामने आया कि हजारों महिलाएं दोनों विभागों की लाभार्थी हैं।

यह एक जिले का आंकड़ा है। जब खाद्य रसद विभाग ने महिला कल्याण विभाग से सूची मंगाई तो पता चला कि 4,487 महिलाएं, महिला कल्याण विभाग से पेंशन लेने के बावजूद राशनकार्ड में दर्ज पति के हिस्से का राशन भी उठा रही हैं।

मृत पत‍ि के ह‍िस्‍से का भी ले रही थीं अनाज    

जिला पूर्ति अधिकारी कृष्ण गोपाल पांडेय ने बताया कि शासन से निराश्रित महिला पेंशन लाभार्थियों की सूची मिली है, जो राशन कार्ड के जरिए मृत पति के हिस्से का भी अनाज कोटे से ले रही थीं। सत्यापन करने के बाद जो महिला जिस योजना की पात्र होगी, उसका पालन करवाया जाएगा।

तीन साल से चल रही है गड़बड़ी

सूत्रों के मुताबिक, यह गड़बड़ी लगभग तीन साल से चल रही है। एक महिला को एक हजार रुपए प्रतिमाह पेंशन मिलती है। इस तरह से 16 करोड़ रुपए से अधिक की राशि तीन वर्ष में इनको पेंशन के रूप में दी गई है। इसके अलावा एक यूनिट अधिक राशन का लाभ भी महिलाओं ने उठाया। एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यह तो केवल एक जिले का आंकड़ा है।

शासन ने पूरे प्रदेश में कराई जांच  

शासन ने इसकी जांच पूरे प्रदेश में कराई है। जांच से गरीब कल्याण योजना में बड़े पैमाने की धांधली की आशंका बढ़ती जा रही है। इससे पहले हुई जांच में सामने आया था कि जिले में नौ हजार आयकरदाता और सक्षम लोग राशनकार्ड बनवाकर कोटे का मुफ्त अनाज डकारते रहे हैं और जरूरतमंद वंचित हैं। इस मुफ्त राशन का लाभ लेने में 9,313 बड़े किसान भी शामिल हैं, जिन्होंने खेत का अनाज सरकार को समर्थन मूल्य पर बेचा।

आधार सीडिंग के बाद खाद्य विपणन विभाग से उन किसानों की पहचान हुई, जो दो हेक्टेयर से अधिक जमीन के काश्तकार हैं। ये अपना अनाज सरकारी क्रय केंद्रों पर बेचते और कोटेदार से मुफ्त राशन लेकर खाते रहे। अब पूर्ति विभाग इनकी जांचकर राशन कार्ड निरस्त करने जा रहा है। इस तरह से राशन कार्ड, निराश्रित पेंशन और आयुष्मान कार्ड में लोगों के लालच ने जमकर सेंध लगाई है।

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