CM योगी ने टटोली गोंडा की नब्ज, बिजली, सड़क और शिक्षा की खराब हालत पर अफसरों को लगाई फटकार
CM Yogi Gonda Visit उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज गोंडा का दौरा किए। इस दौरान उन्होंने जिले के विकास कार्यों की समीक्षा की। गोंडा में सीएम योगी ने देवीपाटन मंडल के विकास कार्यों के साथ-साथ कानून व्यवस्था का भी जायजा लिया। इस दौरान बिजली आपूर्ति शिक्षा और सड़कों के दुरस्त में कमियां पाने पर उन्होंने अधिकारियों को फटकार लगाई और सही करने की हिदायत दी।
जागरण संवाददाता, गोंडा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोंडा में देवीपाटन मंडल के विकास कार्यों व कानून व्यवस्था की समीक्षा की। गोंडा कलेक्ट्रेट से मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी पवन अग्रवाल व पुलिस अधीक्षक विकास कुमार वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जिले के विकास की नब्ज टटोली।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को लगाई फटकार
- सीएम योगी ने सड़क, बिजली व शिक्षा की स्थिति खराब मिलने पर संबंधित अधिकारियों को फटकार लगाई।
- कानून व्यवस्था दुरुस्त रखने और खराब छवि के दारोगा को थाने का चार्ज न देने की हिदायत दी।
- मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों के साथ भेंट करने के साथ ही मेडिकल कालेज का भी निरीक्षण किया।
- जिले में संचालित विभिन्न लोक कल्याणकारी योजनाओं एवं कानून व्यवस्था की समीक्षा तथा आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
सीएम योगी ने बिजली आपूर्ति बेहतर करने की हिदायत
सीएम ने कहा कि राजस्व वाद के निस्तारण में तेजी लाई जाए, मिशन मोड में राजस्व वादों को निस्तारित किया जाए। सरकार भरपूर बिजली दे रही है। आपूर्ति बेहतर करने की हिदायत दी। जल जीवन मिशन के तहत पाइपलाइन बिछाने के दौरान क्षतिग्रस्त सड़कों को नया किए जाने का निर्देश दिया।यूपी सीएम ने कहा कि अगर इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही मिलती है तो संबंधित विभागीय अधिकारी एवं ठेकेदार की जिम्मेदारी तय करते हुए एफआइआर कराएं।
'परियोजनाओं के लिए नोडल अधिकारी बनाने के निर्देश'
एक करोड़ से अधिक के लागत की परियोजनाओं के लिए नोडल अधिकारी बनाने का निर्देश दिया। कहा कि बाढ़ की संभावना सितंबर तक हैं। इस लिए बाढ़ राहत एवं बचाव के लिए समस्त तैयारियां पूर्ण रखें, तटबंधों की नियमित पेट्रोलिंग सुनिश्चित करें।नई योजना जीरो पावर्टी अभियान के तहत प्रत्येक ग्राम में सर्वे करते हुए गरीबी रेखा से नीचे रह रहे परिवारों को चिन्हित करके उनको सभी योजनाओं से संतृप्त करने का निर्देश दिया।
मानव - वन्य जीव संघर्ष की घटनाओं के दृष्टिगत वन विभाग की टीम सक्रिय निगरानी करें। इस संबंध में व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जाए।
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