कल सीआरएस परखेंगे गोंडा-बहराइच रेल मार्ग के ऊर्जीकरण की हकीकत
गोंडा सीआरएस की जांच के बाद गोंडा से बहराइच मार्ग पर दौड़ेंगी इलेक्ट्रिक ट्रेनें यात्रियों को मिलेगी राहत।
By JagranEdited By: Updated: Tue, 11 Jan 2022 10:23 PM (IST)
संसू, गोंडा: यह खबर गोंडा व बहराइच के करीब 80 लाख लोगों से जुड़ी है। दरअसल, रेलवे ने गोंडा-बहराइच रेल मार्ग को 45 करोड़ रुपये खर्च करके ऊर्जीकृत कर दिया है। गुरुवार को ऊर्जीकरण की हकीकत परखने रेल संरक्षा आयुक्त की टीम आ रही है। टीम की पड़ताल में ओके की रिपोर्ट आने के बाद इस मार्ग पर इलेक्ट्रिक ट्रेनों का संचालन होने का रास्ता साफ हो जाएगा। इससे यात्रियों को काफी सुविधा मिलेगी।
गोंडा से बहराइच की रेल मार्ग से दूरी करीब 61 किलोमीटर है। अभी तक इस रेल मार्ग पर डीजल इंजन से ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है। रेलवे ने इस मार्ग पर इलेक्ट्रिक ट्रेनों के संचालन के लिए करीब 45 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इससे इस मार्ग पर ऊर्जीकरण का काम किया गया है। गोंडा-बहराइच रेल मार्ग पर किए गए ऊर्जीकरण की पड़ताल की तैयारी शुरू हो गई है। 13 जनवरी को रेलवे संरक्षा आयुक्त की टीम यहां पर आ रही है। यह टीम गोंडा से बहराइच के मध्य हुए कार्य की गुणवत्ता, ट्रेन संचालन की गति सहित अन्य तकनीकी पड़ताल करेगी। टीम अपनी रिपोर्ट अधिकारियों को देगी। इसके आधार पर गोंडा-बहराइच मार्ग पर इलेक्ट्रिक ट्रेनों के संचालन पर निर्णय लिया जाएगा। पूर्वोत्तर रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी पंकज सिंह ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि सीआरएस के प्रस्तावित भ्रमण को लेकर अफसरों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। ---------
चल रहा काम - गोंडा रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक, दो व तीन पर ट्रेनों के बढ़ते दबाव को कम करने के लिए रेलवे ने दो और प्लेटफार्म बनाए। 96 लाख रुपये खर्च करके प्लेटफार्म नंबर चार व पांच का निर्माण कराया गया। प्लेटफार्म बनकर तैयार हो गया। इस प्लेटफार्म पर बहराइच की ट्रेनों का ठहराव हो रहा है, लेकिन लखनऊ व गोरखपुर की ट्रेनें अभी यहां पर नहीं पहुंच पा रही है। इसमें नान इंटरलाकिग का काम अधूरा होने से समस्या आ रही है। पीआरओ पंकज सिंह ने बताया कि इस दिशा में काम चल रहा है। जल्द ही समस्या दूर हो जाएगी।
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